मुंबई, 21 जुलाई, 2021: मुंबई स्थित के-12 एजुकेशन टेक्नोलॉजी प्रमुख, लीड ने अपने सभी 2,000 से अधिक पार्टनर किफायती निजी स्कूलों में कक्षा 1 से 8 के लिए भारत का पहला मोबाइल–बेस्ड कोडिंग और कम्प्यूटेशनल स्किल्स (सीसीएस) प्रोग्राम शुरू करने की घोषणा की है। यह प्रोग्राम टियर II और उससे बड़े शहरों और कस्बों में शुरु किया जाएगा।
सीसीएस प्रोग्राम श्रेणी में सर्वोत्तम मोबाइल–फ्रेंडली प्रोग्राम है जो स्कूलों में कंप्यूटर कक्षाओं में क्रांति लाता है और स्टूडेंट्स को कम उम्र में ही 21वीं सदी के कौशल से प्रशिक्षित करता है।
कोडिंग हमेशा कक्षा के सेट–अप का एक हिस्सा रहा है, जिसमें स्टूडेंट्स को कंप्यूटर लैब में प्रशिक्षित किया जाता है। लेकिन लॉकडाउन के कारण स्कूल बंद होने की वजह से स्टूडेंट्स सीसीएस कार्यक्रम में ऑनलाइन भाग लेने के लिए अपने मोबाइल फोन पर लीड ऐप का उपयोग कर सकते हैं और अपने घर के आराम से 100 फीसदी इन–क्लास अनुभव प्राप्त कर सकते हैं। यह अनूठी पहल भारत में हर बच्चे के लिए उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री और उत्कृष्ट शिक्षण को किफायती और सुलभ बनाने के लीड के लक्ष्य को पूरा करती है।
यह घोषणा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मुताबिक है जो स्कूलों में डिजिटल साक्षरता और टेक्नोलॉजी के महत्व को रेखांकित करती है। इसमें प्रारंभिक ग्रेड स्तरों पर स्टूडेंट्स को कोडिंग कौशल में प्रशिक्षण देना शामिल है। इस प्रोग्राम का उद्देश्य स्टूडेंट्स को महत्वपूर्ण सोच और अन्य संज्ञानात्मक संकायों में सुधार करने में मदद करने के लिए एक मजबूत पाठ्यक्रम प्रदान करना है। यह उन्हें अपने शैक्षणिक और कॅरियर की राह में नए और रोमांचक अवसरों का पता लगाने में भी सक्षम बनाना है।
लीड के सह–संस्थापक और सीईओ सुमीत मेहता ने कहा, “पुराने कंप्यूटर विज्ञान पाठ्यक्रम को बदलने के उद्देश्य से हमने सबसे पहले स्कूलों में सीसीएस की शुरुआत की थी। कोडिंग को स्टूडेंट्स के मुख्य पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने के लिए एनईपी दिशानिर्देश लागू होने से पहले भी यह स्टूडेंट्स के लिए मौजूद था। हालांकि, महामारी की दूसरी लहर आने और ऑनलाइन स्कूली शिक्षा के गति पकड़ने के बाद मध्यम आय वाले परिवारों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले सीसीएस लेने की एक वास्तविक चुनौती थी। जिन मध्यमवर्गीय परिवारों के पास अपने बच्चे के लिए एक समर्पित कंप्यूटर नहीं है उनके लिए इसे अपनाना संभव नहीं था। इसलिए हमने भारत का पहला कोडिंग कार्यक्रम विकसित किया जिसे मोबाइल फोन पर सीखा जा सकता है। यह पहल वास्तव में कोडिंग और कम्प्यूटेशनल कौशल तक पहुंच का लोकतंत्रीकरण करती है और हमारे बच्चों को अवसरों की एक नई दुनिया में ले जाती है जिससे वह हमारे ब्रांड वादे पर खरा उतरता है। अब छोटे शहरों में माता–पिता को कोडिंग कार्यक्रमों पर हजारों रुपए खर्च करने की चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि उनका लीड संचालित स्कूल इसे उनके स्कूल पाठ्यक्रम के एक भाग के रूप में उनके पास लेकर आएगा। ”
यह प्रोग्राम एक उत्कृष्ट पाठ्यक्रम है और सुलभ तकनीक के साथ ‘यूज, थिंक, बिल्ड‘ दृष्टिकोण का संयोजन करता है जो स्टूडेंट्स को वेबसाइट, गेम, ऐप और बहुत कुछ डिजाइन और निर्माण करने के लिए सॉफ्टवेयर प्रोग्राम का व्यावहारिक उपयोग करने में मदद करता है।
लीड के चीफ प्रोडक्ट एंड लर्निंग ऑफिसर रिकू सयुज ने कहा, “हमारे सीसीएस ऑनलाइन कार्यक्रम के साथ हमारा लक्ष्य पारंपरिक स्कूलों में बच्चों के सीखने के तरीके को बदलना है और उन्हें डिजिटल दुनिया में और टेक्नोलॉजी के मामले में आगे रहने में सक्षम बनाना है। हमारी पहल स्कूलों में कोडिंग शुरू करने के सरकार के नजरिए के अनुरूप है और भविष्य के लिए के-12 स्टूडेंट्स को तैयार करती है। हम लीड संचालित स्कूलों को इन कठिन समय में भी एनईपी दिशानिर्देशों का पालन करने में सक्षम बनाते हैं जिससे बच्चे का समग्र विकास सुनिश्चित होता है।”
बच्चों को कम उम्र में कोडिंग और कंप्यूटेशन सिखाने से उनके संज्ञानात्मक और तर्क कौशल, रचनात्मक सोच, डेटा विश्लेषण और विज़ुअलाइज़ेशन और समस्या को सुलझाने की क्षमता को बढ़ावा मिलता है। यह बच्चों को सुरक्षित और जिम्मेदारी से कंप्यूटर के उपयोग में प्रशिक्षित करता है और शैक्षणिक क्षमता और प्रदर्शन में सुधार करता है।
लीड के विषय में
लीड को लीडरशिप बुलेवार्ड द्वारा प्रमोट किया जाता है जो भारत में सबसे तेजी से बढ़ती एजुकेशन टेक्नोलॉजी कंपनियों में से एक है। यह शिक्षण और सीखने की एक एकीकृत प्रणाली में टेक्नोलॉजी, पाठ्यक्रम और शिक्षाशास्त्र को जोड़ती है। इस प्रकार यह देश भर के स्कूलों में स्टूडेंट्स के सीखने और शिक्षक के प्रदर्शन में सुधार करती है। लीड ने 20 राज्यों में टियर 2 से टियर 4 शहरों सहित 400 से अधिक शहरों में अनुमानित 8 लाख से भी अधिक स्टूडेंट्स के साथ 2000 से अधिक स्कूलों के साथ साझेदारी की है।