जयपुर, 31 जुलाई, 2021- उच्च शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में अग्रणी प्रतिष्ठित संस्थान आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी ने आज अपने 7वें दीक्षांत समारोह में 269 छात्रों को एमबीए और पीएच. डी. की डिग्री प्रदान की। कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए दीक्षांत समारोह का आयोजन वर्चुअल मोड में किया गया। एक प्रमुख स्वास्थ्य और अनुसंधान यूनिवर्सिटी के रूप में प्रतिष्ठित आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य नीतियों और कार्यक्रमों में 800 से अधिक शोध परियोजनाओं और अध्ययनों का आयोजन किया है। यूनिवर्सिटी ने हॉस्पिटल और हेल्थ मैनेजमेंट, फार्मास्युटिकल मैनेजमेंट और रूरल मैनेजमेंट में 260 छात्रों को एमबीए की डिग्री प्रदान की, जबकि 9 छात्रों ने पीएच डी की डिग्री हासिल की।
एनएएसआई-आईसीएमआर चेयर ऑन पब्लिक हेल्थ रिसर्च, राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (आरयूएचएस), जयपुर और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, मदुरै के प्रेसीडेंट डॉ. विश्व मोहन कटोच ने दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। प्रसिद्ध हेल्थकेयर उद्यमी और अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप की जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. संगीता रेड्डी और यूएस स्थित हेल्थकेयर स्टार्ट-अप डे टू डे हेल्थ के फाउंडर और सीईओ श्री प्रेम शर्मा ने दीक्षांत समारोह को विशिष्ट अतिथि के रूप में संबोधित किया। दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता आईआईएचएमआर विश्वविद्यालय के चेयरपर्सन डॉ एस डी गुप्ता ने की, जबकि आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के प्रेसीडेंट डॉ पी आर सोडानी ने प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की।
एनएएसआई-आईसीएमआर चेयर ऑन पब्लिक हेल्थ रिसर्च, राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (आरयूएचएस), जयपुर और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, मदुरै के प्रेसीडेंट डॉ. विश्व मोहन कटोच ने इस अवसर पर उच्च शिक्षा के व्यापक उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा, ‘‘ग्रेजुएशन करने वाले प्रत्येक छात्र के लिए आज शिक्षा के उद्देश्य पर विचार करना महत्वपूर्ण है। एक बात जो शिक्षा और विशेष रूप से उच्च शिक्षा के मूल में बनी हुई है, वह यह है कि आप लोगों के जीवन की गुणवत्ता में वांछित सुधार के लिए अपने पेशे, काम और जीवन में कितनी अच्छी तरह समस्याओं को हल कर सकते हैं।’’ कोविड-19 के चुनौतीपूर्ण समय के दौरान छात्रों को उनकी कड़ी मेहनत के बल पर डिग्री हासिल करने पर बधाई देते हुए उन्होंने विद्यार्थियों से अपने संबंधित डोमेन में स्थिति में सुधार के लिए समर्पित रूप से काम करने का भी आग्रह किया।
हेल्थकेयर उद्यमी और अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप की जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. संगीता रेड्डी ने कहा, ‘‘आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी एक प्रतिष्ठित संस्थान है और ऐसे विशेषज्ञों के साथ देश और दुनिया की मदद कर रहा है, जो स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को विकसित करने में मदद कर रहे हैं। कोविड-19 महामारी एक ऐसी घटना है, जो कई सालों में एक बार होती है, लेकिन आज इस घटना ने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को केंद्र स्तर पर ला दिया है। यह वास्तव में एक ऐसा क्षण है जहां हर एक व्यक्ति ने अपने स्वास्थ्य और अपनी क्षमता के संबंध के बारे में सोचा है। इसी तहर आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के स्नातक आज समुदाय, देश और विश्व को स्वस्थ रखने की प्राथमिक जिम्मेदारी उठाने वाले लोगांे की श्रेणी में शामिल हो गए हैं। आज जरूरत इस बात की है कि हम यथास्थिति को बदलें और स्वास्थ्य सेवा के प्रतिमान में भी बदलाव लाने का प्रयास करें। विशेष बात यह है कि मिलेनियल्स की यह पीढ़ी लोगों को जीवित, स्वस्थ रखने के लिए विज्ञान, टैक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और आईओटी का उपयोग करने के लिए पूरी तरह से लैस है।’’
हेल्थकेयर स्टार्ट-अप डे टू डे हेल्थ के फाउंडर और सीईओ श्री प्रेम शर्मा ने सभी फ्यूचर लीडर्स को अपनी नई यात्रा शुरू करने के लिए बधाई दी और कहा, ‘‘तकनीक की दुनिया में होने वाले इनोवेशन के कारण विश्व अर्थव्यवस्था बदल रही है, भौगोलिक सीमाएं गायब होने से दुनिया भर के उद्योग और व्यवसाय मौजूदा मानदंडों को तोड़ने के लिए प्रेरित हो रहे हैं। दुनिया से संबंधित अधिकांश जानकारी जिसे हम जानते हैं, पिछले 10 वर्षों में बनाई गई है और आज हम जो काम कर रहे हैं, इनमंे से अधिकांश नौकरियां लगभग 10 साल पहले मौजूद नहीं थीं। स्नातक करने वाले छात्र इन क्रांतिकारी परिवर्तनों का हिस्सा होंगे क्योंकि कोविड-19 के कारण कारोबारी माहौल की अनिश्चितता और जटिलताएं बढ़ गई हैं। हेल्थकेयर और फार्मास्युटिकल मैनेजमेंट हर समाज और देश के लिए जरूरी हो गया है। किसी भी देश के संतुलित और समान विकास के लिए ग्रामीण विकास एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। आज जब हम प्रभावी डेवलपमेंट सॉल्यूशंस की बात करते हैं, तो हमारा संकेत एसडीजी विजन 2030, स्वास्थ्य देखभाल प्रबंधन और ग्रामीण विकास की ओर भी होता है।’’
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रसिद्ध सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ और आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के चेयरपर्सन डॉ. एस.डी. गुप्ता ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पिछले चार दशकों के दौरान देश में इस अनूठी संस्था को आकार देने में गुणवत्ता और मानव सेवा की प्रतिबद्धता ने कैसे मदद की है। अपने संबोधन में डॉ. गुप्ता ने छात्रों से जीवन भर सीखने को अपनी आदत का हिस्सा बनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘‘आप करियर में आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं, लेकिन जो आपकी मदद करेगा वह केवल डिग्री या अर्जित ज्ञान नहीं है बल्कि यह आपके अनुभव से लगातार सीखने और समाज की सेवा करने की आपकी क्षमता है।’’
आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के फाउंडर और ट्रस्टी और कई अन्य विकासात्मक संगठनों से संबद्ध रहे डॉ अशोक अग्रवाल ने लगभग चार दशक पहले आईआईएचएमआर की स्थापना के व्यापक उद्देश्यों की जानकारी दी और कहा, ‘‘उस दौर में देश में शायद ही किसी ने प्रबंधन के दृष्टिकोण से स्वास्थ्य सेवा के बारे में सोचा हो। इस संस्थान ने भारत और उसके बाहर स्वास्थ्य प्रणालियों को बेहतर बनाने में बहुत योगदान दिया है, जो सभी हितधारकों के लिए बहुत गर्व की बात है।’’
यूनिवर्सिटी का वार्षिक प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के प्रेसीडेंट डॉ. प्रहलाद आर. सोडानी ने कहा, ‘‘आईआईएचएमआर विश्वविद्यालय ने विकासशील दुनिया की उभरती जरूरतों के अनुसार पोस्ट ग्रेजुएट कार्यक्रमों में विषयों का सावधानीपूर्वक चयन किया है और यही कारण है कि हमारे कार्यक्रम एक अलग पहचान रखते हैं।’’
मैनेजमेंट लर्निंग की भूमिका के बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा, ‘‘चुनौतियां और अवसर हमारे लिए सीखने के अभ्यास का हिस्सा हैं, यह मायने रखता है कि आप किसी भी परिस्थिति में कैसे सीखते और समझते हैं और कैसे कार्य करते हैं। एक प्रबंधक की भूमिका तीन सिद्धांतों- एक्ट, इम्प्लीमेंट और लर्न के आधार पर स्थापित की जाती है।’’ उन्होंने यह भी बताया कि कैसे विश्वविद्यालय ने देश में स्वास्थ्य देखभाल और विकास प्रबंधन शिक्षा की गुणवत्ता और प्रासंगिकता में सुधार करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है। संस्थान की उपलब्धियों के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. सोडानी ने बताया कि विश्वविद्यालय 150 से अधिक संगठनों में लगभग सभी योग्य स्नातक छात्रों को प्लेसमेंट दिलाने में सक्षम है। इनमें प्रमुख संगठन हैं- नोवार्टिस, एबॉट, अपोलो म्यूनिख, एक्सेंचर, डेलॉइट, फोर्टिस नारायणा हृदयालय अस्पताल, शेल्बी, ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन, जायडस, वॉटर एड, गुजरात स्टेट वाटरशेड मैनेजमेंट एसोसिएशन, राजीव गांधी फाउंडेशन, राजस्थान ग्रामीण आजीविका मिशन और कई अन्य।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी का भारत और विदेशों में विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगठनों और विश्वविद्यालयों के साथ सहयोग है।