मुंबई, 10 अगस्त, 2021- अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड और एसीसी लिमिटेड की इन-हाउस कचरा प्रबंधन शाखा, जियोसायकल इंडिया ने लगभग 2 मिलियन टन अवशिष्ट को को-प्रोसेस किया है और 2021 में 6 फीसदी का टीएसआर हासिल किया है। अंबुजा सीमेंट्स और एसीसी में छह प्री-प्रोसेसिंग और चौदह को-प्रोसेसिंग सुविधाएं हैं, जहां सालाना करीब 1 मिलियन टन कचरे का निस्तारण करते हुए लैंडफिल से हटा दिया जाता है।
विभिन्न उद्योगों, नगर पालिकाओं, कृषि क्षेत्र और स्थानीय समुदायों को कचरे के लिए टिकाऊ समाधान प्रदान करने में जियोसायकल सबसे आगे है।
अंबुजा सीमेंट्स और एसीसी, दोनों में बड़ी मात्रा में अवशिष्ट को-प्रोसेसिंग के साथ नगरपालिका अपशिष्ट और औद्योगिक प्रक्रियाओं से उत्पन्न होने वाली विभिन्न प्रकार की अपशिष्ट धाराओं का प्रबंधन करने वाले सीमेंट संयंत्र हैं।
गुजरात के अंबुजा नगर में कोडिनार में अंबुजा सीमेंट्स का प्लांट लगभग एक दशक से ठोस और तरल दोनों तरह के कचरे का सह-प्रसंस्करण कर रहा है। अंबुजानगर में समूह में सबसे अधिक किं्लकर उत्पादन 12,500 टन प्रति दिन है और 2021 में सभी 3 भट्टों में 7 फीसदी का टीएसआर हासिल करने में सक्षम है। इसने राज्य को राज्य सरकार, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और उद्योग द्वारा अपनाए गए एक बहुत ही सफल मॉडल के साथ प्लास्टिक अपशिष्ट प्रदूषण की चुनौतियों को कम करने में भी सक्षम बनाया है।
वाडी, कर्नाटक में एसीसी की विनिर्माण इकाई दुनिया के सबसे बड़े भट्टों में से एक है, जो प्रतिदिन 14,000 टन किं्लकर का उत्पादन करती है। भट्ठा दैनिक आधार पर 600 टन से अधिक अवशिष्ट का सह-संसाधन करता है। वाडी प्लास्टिक और औद्योगिक कचरे जैसे अवशिष्ट की को-प्रोसेसिंग करता है, जो 2021 में 18 फीसदी के टीएसआर का योगदान दे रहा है।
जियोसायकल इंडिया गोवा, चेन्नई, नोएडा, नागपुर, बिलासपुर, विशाखापत्तनम, त्रिची, इरोड में काम करती है ताकि ताजा नगरपालिका कचरे और पुराने डंप दोनों से उत्पन्न आरडीएफ के प्रबंधन में मदद मिल सके। 2020 में, जियोसायकल इंडिया अपनी विभिन्न सुविधाओं में लगभग 5 लाख टन आरडीएफ और प्लास्टिक कचरे का प्रबंधन करने में सक्षम रही। कंपनियों ने स्वच्छ भारत मिशन की दिशा में अपने प्रयासों पर ध्यान केंद्रित किया है और स्वच्छ भारत मिशन में योगदान करने में मदद करने के लिए साझेदारियों कर रही हैं।
इंडिया होल्सिम के सीईओ और अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ नीरज अखौरी ने कहा, ‘हम हमेशा से ही एक स्वच्छ और हरित दुनिया के लिए स्थायी समाधान बनाने और अपनाने की तलाश में रहते हैं। हमारी अवशिष्ट प्रबंधन शाखा जियोसायकल इंडिया इन पहलों को आगे बढ़ाने में हमारी मददगार रही है और इसने हमें औद्योगिक कचरे की को-प्रोसेसिंग और पुनः उपयोग में मदद की है। हम सुरक्षित रूप से ऊर्जा और कचरे में निहित जरूरी चीजों की रिकवरी करते हैं और ‘शून्य’ रीसायकल करते हैं। इस प्रकार, हमारा प्रयास प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में मदद करता है और भूमि और समुद्री प्रदूषण को कम करता है। अंबुजा सीमेंट्स और एसीसी दोनों ’नेट जीरो’ बनने की दिशा में काम कर रहे हैं और प्रतिबद्ध हैं।
अंबुजा और एसीसी ने बेंगलुरु, मुंबई, कोलकाता जैसे विभिन्न शहरों और गुलबर्ग, जबलपुर, जयपुर, बल्लारशांद और नासिक जैसे शहरों और गांवों के साथ काम करके प्लास्टिक अपशिष्ट प्रदूषण के प्रबंधन में अग्रणी भूमिका निभाई है। कंपनियां ’नेट जीरो’ बनने और भारत को स्वच्छ और हरित बनाने में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।