- इश्यू (निर्गम): आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) में 200 करोड़ रुपये (‘’फ्रेश इश्यू’’) तक का फ्रेश इश्यू और सेलिंग शेयरधारकों के 6,059,600 तक के इक्विटी शेयरों का ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) शामिल है। प्रत्येक इक्विटी का फेस वैल्यू 10 रुपये तय किया गया है।
- कंपनी ने बीआरएलएम के साथ विचार-विमर्श कर 100 करोड़ रुपये के इक्विटी शेयरों का प्री-आईपीओ प्लेसमेंट शुरू किया है। प्री-आईपीओ प्लेसमेंट के मुताबिक आईपीओ के आकार को कम कर 100 करोड़ रुपये का कर दिया गया है। इसके मुताबिक फ्रेश इश्यू का आकार 200 करोड़ रुपये (‘’प्री-आईपीओ’’) तक का है।
- सब्सक्रिप्शन के लिए आईपीओ बुधवार 1 सितंबर 2021 को खुलेगा और शुक्रवार, 3 सितंबर को बंद होगा।
- कंपनी ने फ्रेश इश्यू से होने वाली शुद्ध आय और प्री-आईपीओ प्लेसमेंट से प्राप्त आय का उपयोग करने का प्रस्ताव रखा है-
- कंपनी द्वारा प्राप्त कुछ वित्तीय सुविधाओं का पुनर्भुगतान/पूर्व भुगतान;
- कंपनी की कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं की फंडिंग, तथा
- सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्य।
- कंपनी के विषय में: एफएंडएस रिपोर्ट के अनुसार कंपनी कुछ प्रमुख एपीआई के लिए फार्मा इंटरमीडिएट्स के प्रमुख निर्माताओं में से एक है, जिसमें डोलटेग्रेविर, ट्रैजोडॉन, एंटाकैपोन, निंटेडेनिब और रिवरोक्सबैन शामिल हैं।
- कंपनी ने स्थापना के बाद से 17 उच्च विकास चिकित्सीय क्षेत्रों में एपीआई और एनसीई के लिए 450 से अधिक फार्मा इंटरमीडिएट का विकास और व्यावसायीकरण किया है।
- विनिर्माण सुविधायें : कंपनी के तीन विनिर्माण केंद्र हैं, जिनकी कुल वार्षिक स्थापित क्षमता 6,060.00 एमटीपीए है।
- जीआईडीसी, सचिन, गुजरात, 8,250 वर्ग मीटर के कुल भूमि क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसकी स्थापित क्षमता 2,460.00 एमटीपीए (“सचिन विनिर्माण केंद्र”) है।
- जीआईडीसी, अंकलेश्वर इंडस्ट्रियल एस्टेट, गुजरात, 10,644 वर्ग मीटर के कुल भूमि क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसकी स्थापित क्षमता 1,200.00 एमटीपीए (“अंकलेश्वर विनिर्माण केंद्र”) है, और
- जीआईडीसी इंडस्ट्रियल एस्टेट, झागड़िया, गुजरात, 56,998.35 वर्ग मीटर के कुल भूमि क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसकी स्थापित क्षमता 2,400.00 एमटीपीए (“झगड़िया केंद्र” और सचिन केंद्र और अंकलेश्वर केंद्र, “विनिर्माण सुविधाएं”) है।
- वित्त वर्ष 2021, 2020 और 2019 में कुल क्षमता के मुकाबले क्षमता उपयोग क्रमशः 63%, 46% और 36% रहा।
- अनुसंधान और विकास: प्रारंभिक पहचान और प्रारंभिक विकास प्राप्त करने के उद्देश्य के साथ, कंपनी लगातार नए उत्पादों को पेश करने और प्रतिस्पर्धियों से खुद को अलग करने के लिए हमारी आरएंडडी (शोध एवं विकास) क्षमताओं को विकसित करने की कोशिश करती है। इसका मकसद है –
- भारत और विदेशों में संबंधित प्राधिकरणों से अपेक्षित नियामकीय मंजूरी प्राप्त करने के बाद नियामक मानकों को पूरा करने वाले नए उत्पादों का परीक्षण और निर्माण करना।
- भविष्य के उत्पादों के लिए नए उत्पादों की पेशकश और अनुसंधान और विकास में निरंतर निवेश करना।
- उन उत्पादों के विकास में निवेश करना, जिसका इस्तेमाल फॉर्मूलेशन में उपयोग किये जा रहे एपीआई के निर्माण में किया जा रहा है जिनके पेटेंट की समय सीमा समाप्त हो रही है। इससे ऐसे एपीआई के लिए फार्मा इंटरमीडिएट की मांग में वृद्धि होगी।
- व्यवसाय को बढ़ाने के उद्देश्य से कंपनी को अपने मौजूदा उत्पाद पोर्टफोलियो में महत्वपूर्ण विविधता लाने में सक्षम बनाने के लिए विशेष रसायन क्षेत्र में आगे बढ़ना।
5.व्यापक भौगोलिक उपस्थिति: कंपनी घरेलू और कुछ बहु-राष्ट्रीय दवा कंपनियों की मांग को पूरा करती है, जो यूरोप, चीन, जापान, इजराइल, ब्रिटेन, लैटिन अमेरिका और अमेरिका के बड़े और तेजी से बढ़ते बाजारों की जरूरतों को पूरा करती है।
- कंपनी 25 देशों को अपने उत्पादों की आपूर्ति करती है और कई घरेलू और वैश्विक दवा कंपनियों के साथ लंबे समय से संबंध हैं। यह बड़े पैमाने पर इटली, फिनलैंड, फ्रांस और चीन के बड़े भौगोलिक क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा करती है।
- विविध ग्राहक: कंपनी कुछ मामलों में वितरण नेटवर्क का उपयोग करके अपने उत्पादों की आपूर्ति सीधे भारत में और विदेशों में 25 देशों में 150 से अधिक ग्राहकों (अंतर्राष्ट्रीय ग्राहकों सहित) को करती है। हमारे कुछ घरेलू ग्राहकों में लॉरेस लैब्स लिमिटेड, कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड और सिप्ला लिमिटेड शामिल हैं और हमारे कुछ प्रमुख निर्यात ग्राहकों में ऑर्गेनिक एस.आर.एल.ए सोशियो यूनिको, फर्मियॉन ओवाई, फैब्रिका इटालियाना सिंटेटिकी एसपीए, चोरी कंपनी लिमिटेड, मेडिकेम एसए और मिडास फार्मा जीएमबीएच शामिल हैं।
- कंपनी के हमारे कुछ प्रमुख ग्राहकों के साथ लंबे समय से संबंध हैं। हमारे ग्राहकों में से 13 पिछले 10 वर्षों से ग्राहक हैं और इसके पचास ग्राहक पिछले पांच वर्षों से हमारे ग्राहक हैं।
- गुजरात ऑर्गेनिक्स लिमिटेड का अधिग्रहण: कंपनी ने हाल ही में जीओएल संचालित दो अतिरिक्त विनिर्माण केंद्रों का अधिग्रहण पूरा किया है जिसने हमारे उत्पादों की श्रृंखला में प्रीजरवेटिव्स (पैराबेन और पैराबेंस फॉर्मूलेशन जिनका सौंदर्य प्रसाधन, पशु भोजन और व्यक्तिगत देखभाल उद्योगों में अंतिम उपयोग होता है) और (कॉस्मेटिक्स, डाई पॉलिमर और एग्रोकेमिकल्स उद्योगों में अंतिम उपयोग वाले) अन्य विशेष रसायनों को हमारे मौजूदा उत्पादों की श्रृंखला में शामिल किया है, जो एफएंडएस रिपोर्ट के अनुसार कुछ पैराबेन डेरिवेटिव्स की आपूर्ति में विश्व स्तर पर महत्वपूर्ण बाजार हिस्सेदारी रखती है।
- उद्योग का परिदृश्य: अगले 2-3 वर्षों में विशेष रसायन क्षेत्र के विकास को तेज गति देने और पेट्रोकेमिकल्स व अन्य थोक रसायनों से उसके आगे निकलने की उम्मीद है।
- उभरते बाजार और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं से समग्र विकास में बढ़त की उम्मीद की जाती है, जिसमें रसायन क्षेत्र विकास की गति को आगे बढ़ा रहा है।
- कई वैश्विक खिलाड़ी “चीन + 1 ऑफशोर रणनीति” का चयन कर रहे हैं, जिसमें भारत जैसी मजबूत तकनीकी क्षमताओं वाले लागत कुशल बाजारों में क्षमताएं स्थानांतरित हो रही हैं।
- चीन के सख्त पर्यावरण नियमों और श्रम की बढ़ी हुई लागत जैसे कारक चीन से भारत में स्थानांतरित होने वाली कंपनियों से उद्योग को प्रोत्साहन देने की जापान की घोषणा भारत के लिए बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने में योगदान करती है।
- बाजार का आकार और विकास दर
- 2019 में वैश्विक रसायन बाजार का मूल्य लगभग 4,738 बिलियन अमेरिकी डॉलर है, जिसके2% सीएजीआर की दर से बढ़कर 2025 तक 6,785 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
- चीन की 40% बाजार हिस्सेदारी है, उसके बाद यूरोपीय संघ 14% और संयुक्त राज्य अमेरिका की 13% हिस्सेदारी है। भारत की लगभग 5% बाजार हिस्सेदारी है।
- 2019 में भारतीय रसायन बाजार का मूल्य 166 अरब अमेरिकी डालर (वैश्विक रासायनिक उद्योग में 4% हिस्सेदारी) है, जिसके 12% सीएजीआर की अनुमानित वृद्धि के साथ 2025 तक बढ़कर 326 अरब अमेरिकी डॉलर तक होने की उम्मीद है।
- विशेष रसायन उद्योग की घरेलू रासायनिक बाजार में 47% हिस्सेदारी है, जिसके लगभग 11-12% सीएजीआर से बढ़ने की उम्मीद है।
- वर्ष 2020 के लिए भारत में फार्मास्यूटिकल इंटरमीडिएट का बाजार लगभग8 अरब अमेरिकी डॉलर का था, जो 2015-20 के मुकाबले 9.8% सीएजीआर की दर से बढ़ रहा है।
- उद्योग के विकास को गति देने वाले मुख्य कारक
- विश्व स्तर पर जेनेरिक दवाओं की बढ़ती मांग
- बढ़ता स्वास्थ्य देखभाल खर्च
- उभरते बाजारों में निर्माण परियोजनाओं में वृद्धि और परियोजनाओं की गुणवत्ता में सुधार के लिए निर्माण रसायनों को अपनाने में वृद्धि।
- औद्योगिक इस्तेमालों के लिए कृषि उत्पादों की मांग जैसे कि ईंधन सम्मिश्रण और पॉलीमर निर्माण, कृषि रसायनों के लिए प्रयोग के नए रास्ते खोलना।
- कंपनी का ध्यान अपने उत्पादों के निर्माण के लिए लागत प्रभावी प्रक्रियाओं को विकसित करने पर रहा है
- कंपनी ने उसी के संबंध में आठ प्रक्रिया पेटेंट आवेदन और तीन अतिरिक्त लंबित प्रक्रिया पेटेंट आवेदन दायर किए हैं जिनके लिए हाल ही में मार्च 2021 में आवेदन किए गए थे, और
- कंपनी ने रसायन विज्ञान और अणुओं की श्रृंखला में महत्वपूर्ण विशेषज्ञता विकसित की है।
- विकास रणनीति –
- वर्तमान भौगोलिक बाजारों में कार्बनिक एवं अकार्बनिक मार्गों के माध्यम से विस्तार करना और नए भौगोलिक बाजारों में विस्तार करना – कंपनी अन्य कार्य क्षेत्रों में चुनिंदा विस्तार के लिए अधिग्रहण / निवेश के अवसरों पर विचार कर सकती है।
- इस तरह के अधिग्रहण हमारी दीर्घकालिक रणनीति का समर्थन करेंगे, इसकी प्रतिस्पर्धी स्थिति को मजबूत करेंगे। विशेष रूप से तकनीकी विशेषज्ञता प्राप्त करने में और हमारी कमाई बढ़ाने और शेयरधारक मूल्य बढ़ाने के लिए अधिक से अधिक व्यापकता प्रदान करेंगे।
- पर्यावरण के अनुकूल काम करते हुए लागत दक्षता और उत्पादकता में सुधार पर ध्यान देना – कंपनी पर्यावरण की दृष्टि से जिम्मेदार तरीके से अपने व्यवसाय के संचालन में दृढ़ता से विश्वास करती है। इसने हमारी सचिन यूनिट में एक जीरो लिक्विड डिस्चार्ज आधारित इन-हाउस एफ्लुएंट प्लांट स्थापित किया है।
- कंपनी का मकसद घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्पाद वर्टिकल में प्रमुख कंपनी के रूप में खुद को स्थापित करने का है –
- नवीनतम तकनीकी बदलावों को अपनाना और निरंतर तकनीकी विकास के प्रति उत्तरदायी होना और
- अपने व्यवसाय के संचालन में लागत दक्षता और पर्यावरण के अनुकूल प्रक्रियाओं को सुनिश्चित करने के लिए उभरते मानक।
- कार्बनिक एवं अकार्बनिक विकास के अवसरों पर ध्यान केंद्रित करके व्यवसाय का विविधीकरण – कंपनी अकार्बनिक अधिग्रहण के माध्यम से अपनी सहक्रियाओं के निर्माण की प्रक्रिया में है और भविष्य में हमारे लिए उपलब्ध कुछ भूमि क्षेत्र का उपयोग कर सकती है (जो वर्तमान में हमारे झागड़िया संयंत्र में 15,830.00 वर्ग मीटर है ताकि ब्राउनफील्ड विस्तार के अवसरों का पता लगाया जा सके।)
कंपनी का मकसद है –
- हमारे कार्बनिक विकास और आंतरिक विशेषज्ञता के पूरक के लिए रणनीतिक अधिग्रहण और साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए।
- कार्बनिक विकास के इच्छित स्तरों को प्राप्त करने के लिए हमारी आंतरिक क्षमताओं और उत्पादन क्षमताओं का विकास करना।
- स्थिर वित्तीय प्रदर्शन: कंपनी ने राजस्व और कर पश्चात लाभ (पीएटी) सहित विभिन्न वित्तीय संकेतकों में निरंतर वृद्धि दर्ज की है, साथ ही पिछले तीन वित्तीय वर्षों में बैलेंस शीट की स्थिति में लगातार सुधार किया है-
- राजस्व: वित्त वर्ष 2020 के 242.49 करोड़ रुपये 03% बढ़कर वित्त वर्ष 2021 में कुल राजस्व 341.99 करोड़ रुपया हुआ।
- वित्त वर्ष 2021 में परिचालन से कंपनी के राजस्व में13% की वृद्धि हुई और यह वित्त वर्ष 2020 में 239.64 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2021 में 340.61 करोड़ रुपये हो गया। यह वृद्धि मुख्य रूप से इन कारणों से हुई-
- घरेलू और निर्यात मांग की मजबूत वृद्धि के परिणामस्वरूप अपने उत्पादों की बिक्री में वृद्धि।
- वित्त वर्ष 2020 में हमारे सचिन विनिर्माण केंद्र के यूएस एफडीए निरीक्षण के बाद कंपनी ने विशेष रसायनिक क्षेत्र में एपीआई के निर्माण में उपयोग किए जाने वाले इंटरमीडिएट की बिक्री में वृद्धि दर्ज की, जिसने राजस्व में योगदान दिया।
- फार्मा इंटरमीडियरी, स्पेशलिटी केमिकल्स और अन्य ने वित्त वर्ष 2021 में परिचालन से कुल राजस्व में41%, 4.87% और 6.72% का योगदान दिया।
- वित्त वर्ष 2021 में फार्मा इंटरमीडियरी सेगमेंट के कुल राजस्व में निर्यात से राजस्व47% था, जबकि वित्त वर्ष 2020 में यह 46.52% था।
- ब्याज मूल्यह्रास कर और परिशोधन से पहले की आय या एबिटा: वित्तीय वर्ष 2021 के लिए एबिटा की राशि वित्त वर्ष 2020 के02 करोड़ से बढ़कर 80.15 करोड़ रुपये हो गई। वित्त वर्ष 2021 और वित्त वर्ष 2020 के लिए एबिटा मार्जिन क्रमशः 23.53% और 17.12% रहा।
- कर पश्चात लाभ: वित्त वर्ष 2021 में कर पश्चात लाभ (पीएटी)57% बढ़कर 53.99 करोड़ रुपये हो गया। वित्त वर्ष 2020 में यह राशि 25.47 करोड़ रुपये थी। वित्त वर्ष 2020 के 11.33% की तुलना में वित्त वर्ष 2021 में पीएटी मार्जिन 15.70% था।
- प्रति शेयर आय – वित्त वर्ष 2021 के लिए ईपीएस यानी प्रति शेयर आय वित्त वर्ष 2020 के72% की तुलना में 17.14% थी।
- नियोजित पूंजी पर रिटर्न– वित्त वर्ष 2021 के लिए नियोजित पूंजी पर रिटर्न25% रहा, जबकि वित्त वर्ष 2020 में यह 22.40% था।
- इक्विटी पर रिटर्न – वित्त वर्ष 2021 के लिए इक्विटी पर रिटर्न35% रहा, जबकि वित्त वर्ष 2020 में यह 24.57% था।