जानें महत्वपूर्ण बातें: विजया डायग्नॉ्स्टिक्स सेंटर लिमिटेड आईपीओ
Manish Mathur
August 31, 2021
- इश्यू (निर्गम): आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) में शेयरधारकों की तरफ से 35,688,064 इक्विटी शेयरों बिक्री किए जाने वाला ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) शामिल है। इश्यू या निर्गम का प्राइस बैंड 522-531 रुपये प्रति इक्विटी शेयर तय किया गया है और प्रत्येक शेयरों का फेस वैल्यू (‘’इक्विटी शेयरों’’) 1 रुपये रखा गया है।
- सबसे बड़ी एकीकृत डायग्नॉस्टिक कंपनी: कंपनी सबसे बड़ी एकीकृत डायग्नॉस्टिक श्रृंखला है जो परिचालन राजस्व द्वारा दक्षिणी भारत में रेडियोलॉजी सेवाओं के साथ पैथोलॉजी सेवाओं का संयोजन करती है। यह वित्तीय वर्ष 2020 के लिए राजस्व के हिसाब से सबसे तेजी से बढ़ने वाली डायग्नॉस्टिक श्रृंखलाओं में से एक है। (स्रोत: क्रिसिल रिपोर्ट)।
- व्यापक सेवा की पेशकश: कंपनी 30 जून 2021 तक लगभग 740 नियमित और 870 विशेष पैथोलॉजी टेस्ट और लगभग 220 बुनियादी और 320 उन्नत रेडियोलॉजी टेस्ट की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करती है, जो कि कई विशिष्टताओं और विषयों को कवर करती है।
- व्यापक परिचालन नेटवर्क: तेलंगाना और आंध्र प्रदेश राज्यों के 13 शहरों और कस्बों में और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और कोलकाता में 81 डॉयग्नॉस्टिक्स सेंटर्स और 11 को-रिलेटेड रेफरेंस प्रयोगशालाओं को मिलाकर 30 जून 2021 तक कंपनी ने एक व्यापक परिचालन नेटवर्क बनाया है।
- विकास रणनीति:
- पहुंच बढ़ाना और ग्राहक आधार का विस्तार: अपने मुख्य बाजार में अग्रणी स्थिति को मजबूत करने के लिए अपनी पहुंच बढ़ाने और ग्राहक आधार का विस्तार करने के लिए, योजना में शामिल हैं –
- अतिरिक्त डॉयग्नॉस्टिक्स सेंटर खोलकर सेवा नेटवर्क का विस्तार करना;
- नवीनतम तकनीकों को जोड़कर इसकी प्रयोगशाला क्षमता और टेस्ट मेन्यू को बेहतर बनाना;
- अतिरिक्त सेवाओं के पोर्टफोलियो की पेशकश करके व्यक्तिगत ग्राहकों से अपने व्यवसाय को बढ़ाना;
- चिकित्सा जागरूकता पहल और चिकित्सा चिकित्सकों के साथ बैठकों के माध्यम से चिकित्सक की भागीदारी, और
- निवारक और तंदुरूस्ती पेशकशों पर अधिक ध्यान देना।
- नेटवर्क का विस्तार करना: कंपनी मौजूदा क्षेत्र में स्पोक्स और हब सेंटर स्थापित कर, संदर्भ प्रयोगशालाओं को जोड़कर और मुख्य भौगोलिक क्षेत्रों में अपनी घरेलू संग्रह सेवाओं को बढ़ाकर अपने नेटवर्क के विस्तार पर अपना ध्यान केंद्रित करना जारी रखेगी।
- ग्राहक केंद्रित सेवा पेशकशों पर फोकस करना: कंपनी का इरादा अतिरिक्त निवारक और सेहत संबंधी सेवाओं की पेशकश करने, नई अत्याधुनिक डॉयग्नॉस्टिक्स तकनीक को अपनाने और अपने ग्राहकों के लिए अनुकूलित पैकेज बनाने का है।
- विस्तार योजना: तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के निकटवर्ती भौगोलिक क्षेत्रों में और विशेष रूप से कोलकाता में चिह्नित प्रमुख शहरों और कस्बों में अपनी उपस्थिति का विस्तार करने की योजना है।
- चुनिंदा अधिग्रहण: कंपनी की योजना निकटवर्ती बाजारों में मजबूत विंटेज और बाजार की स्थिति वाले ब्रांडों के साथ चुनिंदा अधिग्रहण/रणनीतिक साझेदारी के साथ अपने जैविक विकास को आगे बढ़ाने की है।
- उच्च ब्रांड रिकॉल: कंपनी के पास उच्च ब्रांड रिकॉल है जो उच्च व्यक्तिगत उपभोक्ता व्यवसाय हिस्सेदारी और ग्राहकों से मजबूती से जुड़ा रहा है। उपभोक्ता पर कंपनी का ध्यान और गुणवत्ता नैदानिक सेवाओं के लिए इसके ब्रांड की पहचान के परिणामस्वरूप इसके मूल भौगोलिक क्षेत्रों में उच्च ब्रांड रिकॉल होता है और हमें आने वाले ग्राहकों की एक उच्च हिस्सेदारी प्राप्त करने में सक्षम बनाता है।
- मजबूत तकनीकी क्षमताएं: कंपनी के पास मजबूत तकनीकी क्षमताएं, गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचा और मजबूत आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ अत्याधुनिक चिकित्सा तकनीकी है।
- डायग्नॉस्टिक सेंटर संचालन को फ्रंट-एंड केंद्रीकृत सूचना प्रौद्योगिकी मंच का समर्थन मिला है।
- 30 जून, 2021 तक कंपनी का रेडियोलॉजी जांच संचालन, रेडियोलॉजी उपकरण द्वारा समर्थित है, जिसमें 15 सीटी मशीन, 18 एमआरआई मशीन और पांच पीईटी सीटी / गामा मशीनें और नैदानिक केंद्रों में 105 रेडियोलॉजिस्ट की एक टीम शामिल है।
- मजबूत उद्योग विकास दृष्टिकोण: क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय डायग्नॉस्टिक्स बाजार लगभग 12% से 13% की सीएजीआर से बढ़कर वित्त वर्ष 2021 के 710-730 अरब रुपये के मुकाबले वित्त वर्ष 2023 तक 920-980 अरब रुपये का होने की उम्मीद है।
- तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में डायग्नॉस्टिक्स बाजार, जिन राज्यों में कंपनी की महत्वपूर्ण उपस्थिति है, के मौजूदा 120 अरब रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2023 तक 130 अरब रुपये का होने की उम्मीद है।
- भारतीय परीक्षण बाजार या डॉयग्नॉनिस्टिक के प्रमुख चालकों में शामिल हैं (i) स्वास्थ्य जागरूकता और खर्च करने योग्य आय में वृद्धि, (ii) व्यक्तियों की देखभाल की गुणवत्ता के साथ-साथ बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की मांग में वृद्धि, और (iii) निवारक बचाव और वेलनेस पर खर्च में वृद्धि।
- मजबूत वित्तीय प्रदर्शन: 30 जून, 2021 तक, कंपनी की कुल आय 125.97 करोड़ रुपये रही। वित्त वर्ष 21 के लिए कंपनी की कुल आय 388.59 करोड़ रुपये थी।
- वित्त वर्ष 2021 में कंपनी का ओपीबीडीआईटी मार्जिक अन्य डॉयग्नॉस्टिक कंपनियों के मुकाबले दूसरे पायदान पर रहा।
- वित्त वर्ष 2020 के लिए प्रति ग्राहक औसत जांच 8 और प्रति ग्राहक परिचालन राजस्व 1,214 रुपये और ओपीबीडीआईटी प्रति ग्राहक 475 रुपये रहा। क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार यह सूचीबद्ध समकक्षों की तुलना में अधिक है।
- वित्त वर्ष 2021 के लिए कंपनी का आरओएनडब्ल्यू 23.64% और आरओसीआई (नकदी पूर्व) 42% रहा।