नई दिल्ली, 15 सितंबर 2021 – नैटवेस्ट ग्रुप, नैशनल ऑस्ट्रेलिया बैंक, कैनेडियन इम्पीरियल बैंक ऑफ कॉमर्स, और इटाउ यूनि बैंको की ओर से ग्लोबल ओपन फ़ाइनेंस चैलेंज संचालित किया जा रहा है। यह अपनी तरह का पहला वर्चुअल प्रसंग है जो नवाचार को प्रोत्साहित करता है और ग्लोबल ओपन फ़ाइनेंस प्रणाली के लिए नए समाधानों का विकास करता है। ये चारों बैंक ग्लोबल ओपन फ़ाइनेंस चैलेंज में भाग लेने के लिए भारत और दुनिया भर के स्टार्ट-अप्स, फ़िनटेक, विश्वविद्यालयों और बड़े संगठनों के आविष्कारकों की टीमों को आमंत्रित कर रहे हैं। इच्छुक उम्मीदवार 26 सितंबर, 2021 की आवेदन की अंतिम तिथि से पहले ऑनलाइन पंजीकरण करके आवेदन कर सकते हैं। ये चुनौती वर्चुअल तौर पर 18-24 अक्टूबर को होगी और इसका भव्य समापन 16 नवंबर, 2021 को होगा।
क्लाउड कंप्यूटिंग लीडर, अमेज़ॅन वेब सर्विसेज़ (एडब्ल्यूएस), के सहयोग से चारों बैंक वैश्विक स्तर पर नए ग्राहक समाधानों को प्रोटोटाइप करने के लिए उद्यमियों और आविष्कारकों को आमंत्रित कर रहे हैं। ये इस उद्योग में कुछ सबसे अधिक दबाव वाली चुनौतियों का समाधान करेंगे, एक ओपन फ़ाइनेंस सिस्टम के लिए ज़मीन तैयार करेंगे जिससे वित्तीय संस्थानों के बीच सुरक्षित डेटा साझा हो सकेगा, और बैंक दुनिया भर के ग्राहकों और बड़े पैमाने पर सार्वजनिक उपयोग के लिए अधिक विकल्प और अनुकूलित उत्पादों की पेशकश कर सकेंगे।
नैटवेस्ट ग्रुप के भारत प्रमुख, श्री पुनीत सूद ने कहा, ‘‘हम भारत में प्रतिभावान लोगों का एक बड़ा पूल देखते हैं और इसमें फिनटेक और बैंकिंग क्षेत्रों के लिए एक बड़ी क्षमता है जहां ये लोग इस क्षेत्र की बदलती कार्यप्रणाली में योगदान दे सकते हैं। नैटवेस्ट ग्रुप भारत में हम नवाचार को प्रोत्साहित करने और तेजी से विकसित हो रही डिजिटल अर्थव्यवस्था का समर्थन करने वाला माहौल कायम करने के इच्छुक हैं। मेरा मानना है कि ग्लोबल ओपन फ़ाइनेंस चैलेंज में प्रस्तुत किये गए विचार एक ओपन फ़ाइनेंस प्रणाली में योगदान देंगे जिससे बैंकिंग उद्योग में परिवर्तन आने की उम्मीद है।’’
नैटवेस्ट ग्रुप भारत के प्रौद्योगिकी प्रमुख, श्री नीरज गोयल ने कहा, ‘‘तेजी से डिजिटल हो रही दुनिया में ग्राहकों को बेहतर अनुभव प्रदान करने पर ज़ोर देना अभी एक प्रमुख प्राथमिकता है। नवाचार, सहयोग और डिजिटलीकरण हमारे ग्राहकों की उभरती जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ग्लोबल ओपन फ़ाइनेंस चैलेंज आविष्कारकों की टीमों को दुनिया भर के ग्राहकों के लिए बैंकिंग को सहयोग करने और बदलने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है।’’
एडब्ल्यूएस पर सुरक्षित रूप से चलने वाले सैंडबॉक्स परिवेश को विकसित करने के लिए बैंकों ने वित्तीय सेवा प्रदाताओं के लिए एपीआई इन्फ्रास्ट्रक्चर प्लेटफॉर्म ओलिस के साथ सहयोग किया है। यह परिवेश बैंक के मौजूदा बुनियादी ढांचे को रेप्लिकेट करता है जिससे सुरक्षित और निर्भीक माहौल में तीसरे पक्षों के साथ तेजी से परीक्षण किया जा सकता है। एप्लीकेशंस के विकास में सहायता के लिए, प्रत्येक बैंक एपीआई साझा का एक सेट प्रदान करेगा, जिसमें ओपन बैंकिंग, ओपन फ़ाइनेंस और प्रायोगिक सेवाओं का संयोजन शामिल है। भाग लेने वाली टीमें बैंकों और इवेंट भागीदारों के अग्रणी लोगों से सलाह लेकर समाधानों का परीक्षण, निर्माण और सत्यापन कर सकती हैं। एडब्ल्यूएस चार बैंकों के साथ सहयोग करेगा ताकि प्रतिभागियों को निर्णायक कार्यक्रम की अगुवाई में उनकी अवधारणाओं को बनाने में मदद करने के लिए सलाहकार सहायता प्रदान की जा सके, जिसमें नवाचार और उत्पाद विकास पर प्रशिक्षण और संसाधनों तक कि पहुंच शामिल हैं।
उत्तम 12 टीमें चार बैंकों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों के साथ-साथ निजी इक्विटी और प्रौद्योगिकी संगठनों के अधिकारियों के साथ एक कार्यकारी निर्णायक पैनल के सामने अपने विचार प्रस्तुत करेंगी। निर्णायक पैनल में शामिल हैं–
ऽ विक्टर डोडिग, अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, सीआईबीसी
ऽ मिल्टन मालुही फिल्हो, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, इटाउ यूनिबैंको
ऽ रॉस मैकएवान, समूह मुख्य कार्यकारी अधिकारी, नैशनल ऑस्ट्रेलिया बैंक
ऽ एलिसन रोज़, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, नैटवेस्ट ग्रुप
ऽ वर्नर वोगल्स, मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी, अमेज़न
ऽ रॉब हेवार्ट, प्रबंधन सहयोगी, मोटिव पार्टनर्स
भाग लेने वाले बैंकों ने तीन क्षेत्रों की पहचान की है जिन्हें चुनौती मे हिस्सा लेने वाले प्रतिभागी निम्नलिखित प्रश्नों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं–
ऽ हम उच्च मूल्य वाली डिजिटल सेवाएं प्रदान करके अपने निगमित और व्यावसायिक ग्राहकों और बड़े पैमाने पर जनता की बेहतर सेवा कैसे कर सकते हैं?
ऽ हम वर्तमान और नए ग्राहकों को अधिक सुविधाजनक या प्रासंगिक डिजिटल चैनलों के माध्यम से बैंकिंग सेवाओं तक पहुंचने में कैसे मदद कर सकते हैं?
ऽ हम अपने ग्राहकों को जलवायु और धारवीयता के बारे में बेहतर निर्णय लेने में मदद करने के लिए नए तरीके कैसे खोज सकते हैं?
ग्लोबल ओपन फ़ाइनेंस चैलेंज से चार विजेता टीमें चुनी जाएंगी, जिनमे तीन प्रमुख क्षेत्रों में से प्रत्येक के लिए एक विजेता और एक व्यापक विजेता होगा। जीतने वाली टीमों में से प्रत्येक को एक या अधिक बैंकों के साथ इवेंट के बाद के अनुरूप इन्क्यूबेशन कार्यक्रम में भाग लेने का अवसर मिलेगा, जिसमें निम्न शामिल होंगे–
ऽ बैंकों के साथ प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट- बैंक में काम करने वाली एक समर्पित टीम, फ्रंट-लाइन और ग्राहक अनुसंधान समूहों से प्रतिक्रिया सहित अवधारणा के प्रमाण का सहयोग करने और समर्थन करने के लिए।
ऽ वेंचर्स पिच- इवेंअ के बाद, टीमों के पास बैंकों की सभी वेंचर्स टीमों को पिच करने का अवसर होगा।
ऽ स्थानीय बाज़ार पर मार्गदर्शन- इवेंट के बाद, टीमें स्थानीय बाज़ार के वातावरण पर शिक्षा के लिए बैंक में काम करने वाली टीमों के साथ विशेष बैठकें कर सकती हैं।
ऽ वरिष्ठ नेतृत्व – नेटवर्किंग संबंधों के समर्थन के लिए आंतरिक निर्णय निर्माताओं के लिए अनावरण और भागीदारों के साथ चर्चा।
ऽ मीडिया कवरेज- विजेता टीमों को वैश्विक और स्थानीय बैंकिंग, फ़िनटेक और प्रौद्योगिकी मीडिया चैनलों में प्रेस विज्ञप्ति में स्थान दिया जाएगा।
ऽ समाधान संरचना- एडब्ल्यूएस के विशेषज्ञ सलाहकार कार्यात्मक और तकनीकी डिजाइनों पर सहायता प्रदान करेंगे।
अमेज़ॅन डॉट कॉम के मुख्य तकनीकी अधिकारी, वर्नर वोगल्स ने कहा, ‘‘दुनिया भर में वित्तीय सेवा संघटनाये तेजी से डिजिटल परिवर्तन के दौर से गुज़र रही है। बिल्डरों को प्रोत्साहित करके और नए तकनीकी विचारों को क्राउडसोर्सिंग करके, ग्लोबल ओपन फ़ाइनेंस चैलेंज चलाने वाले ये दूरंदेशी बैंक लोगों की तेजी से विकसित होती बैंकिंग जरूरतों को पूरा करने के लिए नई तकनीकों को विकसित करने में सक्षम होंगे। हम ठोस और व्यापक समाधान देने की चुनौती में बिल्डरों के साथ सहयोग करने के लिए तत्पर हैं, जो दुनिया भर के लोगों को उनके वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करते हैं।’’
हर मिनट 179 बैंक खाते खोले जाने के साथ, भारत वैश्विक स्तर पर सबसे बड़े घरेलू बैंकिंग बाज़ारों में अपना स्थान रखता है और वित्तीय समावेशन और नवाचार के माध्यम से विकास को सशक्त बनाने में ओपन बैंकिंग एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारत में ओपन बैंकिंग कोई नई अवधारणा नहीं है। इसने पिछले कुछ वर्षों में देश के बैंकिंग उद्योग को मजबूत किया है, जहां नियामक और बाज़ार दोनों ने ओपन बैंकिंग के विकास के लिए सहयोग किया है। भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) और नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने पहले ही यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफ़ेस (यूपीआई) प्रणाली प्रदान कर दी है और बैंकों और तृतीय-पक्ष ऐप प्रदाताओं के निर्माण के लिए अपना एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफ़ेस (एपीआई) जारी कर दिया है। बाज़ार नवाचार को आगे बढ़ा रहा है, और कई बैंक अपने स्वयं के एपीआई जारी कर रहे हैं और अपने ग्राहकों को बेहतर अनुभव प्रदान करने के लिए फ़िनटेक कंपनियों के साथ जुड़ रहे हैं।
नैटवेस्ट ग्रुप भारत ने पहले से ही 100 से अधिक एपीआई का निर्माण किया है, जिनका उपयोग 300 तृतीय पक्षों द्वारा सुविधाजनक चैनलों के माध्यम से ग्राहकों को बैंकिंग सेवाओं से सीधे संपर्क प्रदान करने के लिए किया जा रहा है।