1 सितंबर 2021 :पद्मश्री रामगोपाल विजयवर्गीय की स्मृति में उनके सुपौत्र कमल विजयवर्गीय के द्वारा अपने दादाश्री की याद में यह बहुउद्देश्यीय व्याख्यान माला आयोजित की। इस व्याख्यान माला में राज्य के वरिष्ठ एवं युवा कलाकारों की सपरिवार पधारें और यह अनौपचारिक मिलन समारोह सम्पन्न हुआ।
व्याख्यान माला में वार्ता के दौरान वरिष्ठ चित्रकार समदर सिंह खंगारोत ‘सागर’ ने बताया कि यह राजस्थान का दुर्भाग्य ही कहा जायेगा की यहाँ के अनेक दिवंगत एवं वर्तमान में ऐसे प्रतिष्ठित कलाकार हुए है जिन्हें कभी राष्ट्रीयस्तर पर वो मान-सम्मान प्राप्त नहीं हुआ जिसके वो अधिकारी थे और इसका सबसे बड़ा कारण यह है की राज्य में इस स्तर का कोई कला समीक्षक है ही नहीं जिसकी लेखनी या उसकी कलात्मक सोच को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त हो। जबकि अपेक्षाकृत अन्य राज्यों राज्यों और बड़े शहरों में द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी के कलाकारों को राष्ट्रस्तरीय के कलाकारों के रूप में महिमामंडल किया जाता है। इस सम्बन्ध में राज्य सरकार और कलाकारों की उदासीनता भी एक बहुत बड़ा कारण है। इनसे बड़ी विडम्बना और क्या हो सकती है कि बाबूजी श्री रामगोपाल जी विजयवर्गीय के बाद अर्थात लगभग पिछले 40 वर्षों में राजस्थान के एक भी सृजनात्मक कलाकारों को पदम
पुरस्कार तक प्राप्त नहीं हुआ है। जो अधिकांशः राज्य सरकार की अनुसंशा पर केंद्र सरकार द्वारा प्रदान किया जाता है। इसी अवसर पर कुछ युवा कलाकारों का दर्द भी खुलकर सामने आया कि उनके भविष्य के लिए राज्य के वरिष्ठ कलाकार कला संस्थाएं व राज्य सरकार कुछ नहीं कर रही है जिससे उनका सृजन निर्बाध व गतिशीलता के साथ बना रहे और निराशा का माहौल खत्म हो। सागर ने आशा जताई कि भविष्य में राज्य के सभी कलाकार अपने निजी स्वार्थों का त्याग कर राज्य की इस प्रकार की कमियों को दूर करने के लिए एक सुदृढ़ मंच बनाकर राज्य के कलास्वरूप का भविष्य सुधारने के लिए एक साथ आगे आएंगे। इस उद्देश्य की पूर्ति करने के लिए कमल विजयवर्गीय के माध्यम से पद्माश्री रामगोपाल विजयवर्गीय मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा राज्य की कला और कलाकारों के उत्थान के लिए उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रयासरत है जिसकी कल्पना इनके पिताश्री मोहन लाल गुप्ता जी एवं दादाश्री रामगोपाल जी अपने काल में हमेशा करते रहें। इस अवसर पर परम पूज्य गुरुवर रामगोपाल विजयवर्गीय को याद किया गया और उनके सम्मान में कलाविज्ञों ने अपने विचार प्रकट किए ख्यात कला समीक्षक डॉ राजेश व्यास ने उनके कला कर्म पर प्रकाश डाला तो डॉ. विद्यासागर उपाध्याय, श्री आर बी गौतम, डॉक्टर नाथूलाल वर्मा, श्री समदर सिंह जी, विनोद भारद्वाज एवं युवा चित्रकार संगीता सिंह आदि ने उनके कृतित्व और व्यक्तित्व पर अपने-अपने विचार प्रकट करते हुए युवा चित्रकारों को रामगोपाल विजयवर्गीय के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
पुरस्कार तक प्राप्त नहीं हुआ है। जो अधिकांशः राज्य सरकार की अनुसंशा पर केंद्र सरकार द्वारा प्रदान किया जाता है। इसी अवसर पर कुछ युवा कलाकारों का दर्द भी खुलकर सामने आया कि उनके भविष्य के लिए राज्य के वरिष्ठ कलाकार कला संस्थाएं व राज्य सरकार कुछ नहीं कर रही है जिससे उनका सृजन निर्बाध व गतिशीलता के साथ बना रहे और निराशा का माहौल खत्म हो। सागर ने आशा जताई कि भविष्य में राज्य के सभी कलाकार अपने निजी स्वार्थों का त्याग कर राज्य की इस प्रकार की कमियों को दूर करने के लिए एक सुदृढ़ मंच बनाकर राज्य के कलास्वरूप का भविष्य सुधारने के लिए एक साथ आगे आएंगे। इस उद्देश्य की पूर्ति करने के लिए कमल विजयवर्गीय के माध्यम से पद्माश्री रामगोपाल विजयवर्गीय मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा राज्य की कला और कलाकारों के उत्थान के लिए उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रयासरत है जिसकी कल्पना इनके पिताश्री मोहन लाल गुप्ता जी एवं दादाश्री रामगोपाल जी अपने काल में हमेशा करते रहें। इस अवसर पर परम पूज्य गुरुवर रामगोपाल विजयवर्गीय को याद किया गया और उनके सम्मान में कलाविज्ञों ने अपने विचार प्रकट किए ख्यात कला समीक्षक डॉ राजेश व्यास ने उनके कला कर्म पर प्रकाश डाला तो डॉ. विद्यासागर उपाध्याय, श्री आर बी गौतम, डॉक्टर नाथूलाल वर्मा, श्री समदर सिंह जी, विनोद भारद्वाज एवं युवा चित्रकार संगीता सिंह आदि ने उनके कृतित्व और व्यक्तित्व पर अपने-अपने विचार प्रकट करते हुए युवा चित्रकारों को रामगोपाल विजयवर्गीय के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
पद्मश्री रामगोपाल विजयवर्गीय मेमोरियल ट्रस्ट के अध्यक्ष कमल विजयवर्गीय एवं उनके परिजनों के आत्मीय स्नेह से सभी कलाकार अभिभूत होते हुए कमल विजयवर्गीय जी एवं अन्य सभी परिजनों का हार्दिक आभार जताया।
कार्यक्रम का संचालन उपन्यासकार प्रबोध कुमार गोविल ने किया। समारोह में कोरॉना प्रोटोकॉल का पूर्ण पालन किया गया। पद्मश्री शाकिर अली का कहना था कि ऐसे मंचों में एक नवीन संभावनाएं हैं, जिनका सहयोग लिया जाना चाहिए। मैं आशा करता हूँ ट्रस्ट की ओर से भविष्य में साहित्यिक व कला विषयक आयोजन होते रहेंगे। ट्रस्ट के अध्यक्ष ने बताया कि भविष्य में भी इस प्रकार से साहित्यिक व कला विषयक आयोजन किये जाएंगे जिनमें कला शिविर, कविता कैंप व लेखन कार्यशाला का समावेश है।
युवा चित्रकार संगीता सिंह ने सभी कलाकारों से पांच प्रश्नों का रेपिड राउंड में पांच प्रश्नों में विजयवर्गीय की की खास और विशेष पसंद के बारे में चर्चा इस व्याख्यान माला में आकर्षण का केंद्र रहा। कार्यक्रम के अंत मे प्रबोध कुमार गोविल ने सभी चित्रकारों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुये आशा जताई कि ट्रस्ट को राज्य के कलाकारों का सहयोग इसी प्रकार मिलता रहेगा।