जयपुर, 05 अक्टूबर 2021: भारत में शादी की उम्र वाले अधिकांश वयस्क युवाओं ने शादी के लिए ‘रिश्ता देखने’ के अपनी मां के प्रस्तावों को लाखों बार ठुकरा दिया है। संभावित जीवनसाथियों की अनगिनत व्हाट्सऐप्प तस्वीरें और ‘मैचमेकर आंटी’ द्वारा कराई जाने वाली सरप्राइज मीटिंग्स आम बात है। हालांकि, देश भर के 5,000 नवयुवकों और नवयुवतियों पर कराये गये हाल के सर्वेक्षण से यह खुलासा हुआ कि मिलेनियल्स और जेनरेशन ज़ेड (जेन ज़ेड) दोनों की 50 प्रतिशत भारतीय माताएं अब बदलाव को स्वीकार कर रही हैं और डेटिंग ऐप्स के जरिए अपने बच्चों के जीवनसाथी की तलाश को लेकर सहज हैं।
भारत में डेटिंग से जुड़ी वर्तमान धारणाओं का पता लगाने हेतु ट्रुलीमैडली द्वारा कराये गये सर्वेक्षण से यह भी पता चला कि जयपुर 85 प्रतिशत माताएं अपने बच्चों के लव मैरिज की अधिकाधिक पक्षधर हो रही हैं।
सर्वेक्षण के कुछ महत्वपूर्ण निष्कर्ष निम्नलिखित हैं:
- 45 प्रतिशत से अधिक उत्तरदाताओं ने बताया कि उनके पिता की तुलना में उनकी माताएं उनके विवाह को लेकर अधिक चिंतित हैं। यह लड़कों और लड़कियों दोनों के लिए सच है।
- टियर 1 और 2 शहरों की लगभग 70 प्रतिशत महिला उत्तरदाताओं और 80 प्रतिशत पुरुष उत्तरदाताओं ने संकेत दिया कि उनकी माताएं लव मैरिज के पक्ष में हैं, जो मैट्रिमनी में शिक्षा एवं कॅरियर पर मिलेनियल वुमेन द्वारा दिये जा रहे जोर के मद्देनजर पसंद की भारी स्वीकार्यता को दर्शाता है।
- जेन ज़ेड और मिलेनियल्स की माताओं को जीवनसाथी की तलाश को लेकर डेटिंग ऐप्स के उपयोग पर भरोसा है; 50 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने इसका संकेत दिया। 20 प्रतिशत से कम उत्तरदाताओं ने बताया कि उनकी मांएं ‘डेटिंग ऐप्स से अनजान’ हैं और मात्र 7 प्रतिशत ने बताया कि उनकी मांएं डेटिंग ऐप्स का समर्थन नहीं करतीं।
- गैर-मेट्रो शहरों जैसे कि जयपुर, इंदौर और लखनऊ की मांओं को उनकी बेटियों की पसंद पर भरोसा है; 55 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने संकेत दिया कि शादी के लिए पुरुषों पर अधिक दबाव होता है। ज्यादातर मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरू और कोलकाता जैसे महानगरों में काम करने वाली उत्तरदाताओं में से 53 प्रतिशत ने कहा कि माताओं का बेटियों पर अधिक दबाव रहा है।
- 60 प्रतिशत उत्तरदाताओं को लगता है कि मांए अपनी बेटियों के लिए अभी भी कॅरियर एवं पढ़ाई-लिखाई की तुलना में शादी को अधिक प्राथमिकता देती हैं, जबकि 46 प्रतिशत माताएं अपने बेटों के लिए कॅरियर एवं पढ़ाई-लिखाई से ज्यादा शादी को प्राथमिकता देती हैं। 54 प्रतिशत को लगता है कि माताओं को उनके बेटों के कॅरियर एवं शिक्षा की अधिक फिक्र होती है।
- माताएं सुरक्षा, उम्र और समाज तीनों को ध्यान में रखते हुए शादी-विवाह से जुड़ी चर्चाएं करती हैं – ‘हम आज हैं कल नहीं रहेंगे’, ‘बाद में कोई मिलेगा नहीं’ और ‘लोग क्या कहेंगे’।
- वर्तमान समय में माताओं में हो रहे बदलाव के बावजूद, 22 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने डेटिंग ऐप्स के उपयोग को लेकर चर्चा करने से मना कर दिया, जो इसकी स्वीकार्यता को लेकर युवा पीढ़ी के संशय को दर्शाता है।
ट्रुलीमैडली के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, स्नेहिल खानोर ने बताया, ”हम भारत में डेटिंग से जुड़ी धारणाओं और आशंकाओं को समझने के लिए निकले, लेकिन न केवल युवा पीढ़ी बल्कि उनके माता-पिता की भी पूरी तरह से बदली हुई मानसिकता ने चौंका दिया। मेरा मानना है कि इस विकास का एक बहुत कुछ हमारे समाज में महिलाओं के अधिकारों को समर्थन देने, लैंगिक भेदभाव को कम करने और लैंगिक रूढ़िवादिता के खिलाफ संवेदनशील बनाने के लिए लगातार प्रयासों से आया है। साथ ही, फिल्मों और सोशल मीडिया के माध्यम से कहीं अधिक मुक्त सामग्री ने माताओं को जीवन-साथी खोजने में अपने बच्चों का समर्थन करने के लिए अनुकूलता और विश्वास को प्राथमिकता देने में मदद की है। ये निष्कर्ष एक बात को स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि जिन माताओं को अक्सर सदियों पुराने सामाजिक नियमों में जकड़ा हुआ माना जाता है, वे इसे बहुत दूर करने में कामयाब रही हैं। विवाह संबंधी निर्णय लेने की प्रक्रिया में माताओं की भूमिका को देखते हुए, यह मान लेना सुरक्षित है कि युवा पीढ़ी, जो विवाह की संस्था से वंचित प्रतीत होती है, आने वाले वर्षों में इसे और अधिक सक्रिय रूप से मानेगी। हम एक सुरक्षित, भरोसेमंद और आकर्षक डेटिंग प्लेटफॉर्म बनाकर इस यात्रा का हिस्सा बनने के लिए उत्साहित हैं जो निरंतर प्रौद्योगिकी नवाचार के माध्यम से गंभीर मानवीय संबंधों को सुगम और मजबूत करता है।”
जीवनसाथी की तलाश में सहायक भारत के सबसे पसंदीदा डेटिंग ऐप्प, ट्रुलीमैडली मिलेनियल्स और युवा पीढ़ी को विभिन्न विषयों जैसे कि पसंद-आधारित निर्णय, मैट्रिमनी और संबंध से जुड़े मुद्दों व अन्य के मामले में सक्षम बनाने में अग्रणी रहा है।
ट्रुलीमैडली, उन मिलेनियल्स के लिए कैजुअल डेटिंग ऐप्स और मैट्रिमनी वेबसाइट्स के बीच की दूरी को पाटता है जो स्वयं द्वारा और स्वयं के लिए गंभीर तलाश में हैं।