नई दिल्ली, 13 अक्टूबर, 2021- भारत की सबसे तेजी से बढ़ती फिनटेक कंपनी भारतपे ने आज अपने बोर्ड में रजनीश कुमार की नियुक्ति की घोषणा की। भारत में बैंकिंग उद्योग में सबसे सम्मानित नामों में से एक और एसबीआई के पूर्व अध्यक्ष रजनीश कुमार भारतपे के निदेशक मंडल के अध्यक्ष होंगे। वे कंपनी की अल्पकालिक और दीर्घकालिक रणनीति को नए सिरे से तैयार करने के महत्वपूर्ण कार्य में शामिल होंगे, और अन्य बोर्ड सदस्यों और सीएक्सओ के साथ प्रमुख व्यावसायिक और नियामक पहलों पर भी काम करेंगे। वह व्यवसाय के प्रदर्शन के साथ-साथ कॉर्पाेरेट प्रशासन के मामलों पर प्रबंधन को सलाह और परामर्श भी देंगे।
रजनीश कुमार भारतीय बैंकिंग उद्योग में सबसे सम्मानित नामों में से एक है। उद्योग की प्रमुख हस्ती के तौर पर उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक के अध्यक्ष का दायित्व भी संभाला है। वह अक्टूबर 2017 में स्टेट ऑफ बैंक ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बने और अक्टूबर 2020 में उन्होंने अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा किया। उन्होंने एसबीआई के मैनेजिंग डायरेक्टर (नेशनल बैंकिंग ग्रुप) और मैनेजिंग डायरेक्टर (कम्प्लायंस एंड रिस्क) के रूप में भी काम किया है। बैंक के वरिष्ठ अधिकारी रजनीश कुमार ने एसबीआई में प्रबंध निदेशक बनने से पहले एसबीआई कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड (भारतीय स्टेट बैंक की मर्चेंट बैंकिंग शाखा) का प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में नेतृत्व किया था। वह एचएसबीसी बैंक, एशिया और एलएंडटी इंफोटेक में एक स्वतंत्र गैर-कार्यकारी निदेशक भी हैं।
रजनीश कुमार ने कहा, ‘‘केवल 3 वर्षों में, भारतपे ने वित्तीय सेवा उद्योग में एक विश्वसनीय नाम बनने की दिशा में एक लंबा सफर तय किया है। इसने इंटरऑपरेबल क्यूआर जैसे अपने उत्पादों के साथ भुगतान को नए सिरे से परिभाषित किया है और यह उद्योग में सबसे बड़े बी 2 बी ऋणदाता के रूप में भी उभरा है। आगे कंपनी के पास अनेक बड़े अवसर हैं। आने वाले कल के भारत के लिए वित्तीय सेवाओं का निर्माण करने के लिहाज से कंपनी की युवा और प्रतिभाशाली टीम के साथ मिलकर काम करना निश्चित तौर पर बहुत अच्छा अनुभव साबित होगा।’’नियुक्ति पर टिप्पणी करते हुए भारतपे के को-फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर अशनीर ग्रोवर ने कहा, ‘‘यह हमारे लिए बहुत ही मान्यता और गर्व की बात है कि भारतीय बैंकिंग उद्योग के सबसे बड़े दिग्गजों में से एक भारतपे के निदेशक मंडल के अध्यक्ष के रूप में शामिल होने के लिए सहमत हुए हैं। हम भारत के सबसे बड़े डिजिटल क्रेडिट प्रदाता होने की राह पर आगे बढ़ते हुए रजनीश कुमार से बेहतरीन मार्गदर्शन की आशा करते हैं। हमें विश्वास है कि उनके सक्षम मार्गदर्शन में, भारतपे नई ऊंचाइयों को हासिल करेगा और नए भारत के लिए अपनी श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ फिनटेक का निर्माण करेगा।’’
रजनीश कुमार ने कहा, ‘‘केवल 3 वर्षों में, भारतपे ने वित्तीय सेवा उद्योग में एक विश्वसनीय नाम बनने की दिशा में एक लंबा सफर तय किया है। इसने इंटरऑपरेबल क्यूआर जैसे अपने उत्पादों के साथ भुगतान को नए सिरे से परिभाषित किया है और यह उद्योग में सबसे बड़े बी 2 बी ऋणदाता के रूप में भी उभरा है। आगे कंपनी के पास अनेक बड़े अवसर हैं। आने वाले कल के भारत के लिए वित्तीय सेवाओं का निर्माण करने के लिहाज से कंपनी की युवा और प्रतिभाशाली टीम के साथ मिलकर काम करना निश्चित तौर पर बहुत अच्छा अनुभव साबित होगा।’’
भारतपे के बारे में
भारतपे की स्थापना फाइनेंशियल इनक्लूजन को भारतीय व्यापारियों के लिए एक वास्तविकता बनाने के उद्देश्य के साथ 2018 में अशनीर ग्रोवर और शाश्वत नकर्णी ने की थी। भारतपे ने देश का पहला यूपीआई इंटरऑपरेबल क्यूआर कोड, पहली जीरो एमडीआर भुगतान स्वीकृति सेवा और पहली यूपीआई भुगतान समर्थित मर्चेंट कैश एडवांस सेवा लॉन्च की। 2020 में कोविड के बाद भारतपे ने भारत का एकमात्र जीरो एमडीआर कार्ड स्वीकृति टर्मिनल – भारत स्वाइप भी लॉन्च किया। वर्तमान में 140 शहरों में 70 लाख से अधिक व्यापारियों को सेवा देने वाली यह कंपनी यूपीआई ऑफलाइन लेनदेन में अग्रणी है, जिसके पास प्रति माह 10 करोड़ से अधिक यूपीआई लेनदेन प्रोसेस होते हैं (वार्षिक लेन-देन प्रोसेस्ड वैल्यू 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर)। लॉन्च के बाद से कंपनी पहले ही 2200 करोड़ रुपए से अधिक के डिस्बर्समेंट की सुविधा अपने कारोबारी साझेदारों को प्रदान कर चुकी है। भारतपे का पीओएस कारोबार बढ़कर प्रतिमाह 1400 करोड़ रुपए से अधिक हो गया। भारतपे ने अब तक इक्विटी और ऋण के जरिये 600 मिलियन डॉलर जुटाए हैं। कंपनी के मार्की निवेशकों की सूची में टाइगर ग्लोबल, ड्रेगोनीर इनवेस्टमेंट ग्रुप, स्टीडफास्ट केपिटल, कोएट्यू मैनेजमेंट, रिबबिट कैपिटल, इनसाइट पार्टनर्स, स्टीडव्यू कैपिटल, बीनेक्स्ट, एम्प्लो और सेक्विया कैपिटल शामिल हैं। जून 2021 में, कंपनी ने 100 मिलियन से अधिक सदस्यों के साथ देश की सबसे बड़ी मल्टी-ब्रांड लॉयल्टी प्रोग्राम कंपनी, पेबैक इंडिया के अधिग्रहण की घोषणा की। जून 2021 में, सेंट्रम ग्रुप की स्थापित और लाभदायक एनबीएफसी शाखा, सेंट्रम फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (सेंट्रम) के साथ साझेदारी में, इसे भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा एक लघु वित्त बैंक स्थापित करने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी भी दी गई थी।