मुंबई, 30 नवंबर, 2021- एमएसएमई के लिए ऋण देने की प्रक्रिया को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने कैपरी ग्लोबल कैपिटल लिमिटेड (सीजीसीएल) के साथ एक को-लेंडिंग एग्रीमेंट किया है। इस रणनीतिक समझौते के तहत आरबीआई के दिशा-निर्देशों के अनुरूप ऐसे एमएसएमई के लिए फाइनेंस सुविधा संबंधी बेहतर सॉल्यूशंस पेश किए जाएंगे, जिन्हें इस बारे में पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं।
हाल के दौर में एसबीआई ने विभिन्न एनबीएफसी के साथ जुड़ने की दिशा में लगातार प्रयास किए हैं, ताकि एमएसएमई को वित्तीय तौर पर मजबूत बनाने के लिए को-लेंडिंग के अनेक अवसर पैदा किए जा सकें। एसबीआई का मानना है कि यह पहल देश में वित्तीय समावेशन को और गति प्रदान करेगी।
एसबीआई के चेयरमैन श्री दिनेश खारा ने कहा, ‘‘देश के आर्थिक विकास में बैंक मेरूदंड की भूमिका निभा रहे हैं और जैसे-जैसे देश सतत विकास की ओर अग्रसर होता है, बैंकिंग क्षेत्र को एमएसएमई ऋण देने में तेजी लानी होगी। पर्याप्त सुविधाएं हासिल नहीं करने वालों के लिए ऋण में सुधार करने के लिहाज से हमें कैपरी ग्लोबल कैपिटल के साथ जुड़कर खुशी हो रही है। हमें विश्वास है कि इस साझेदारी के माध्यम से आबादी के सही समूह को गुणवत्तापूर्ण ऋण प्रदान किया जा सकेगा और इस तरह अंतिम छोर तक खड़े उद्यमों तक पहुंचने से एमएसएमई को ऋण देने की प्रक्रिया का और विस्तार हो सकेगा। हमें यह भी विश्वास है कि आने वाले दिनों में को-लंेडिंग के सहारे एमएसएमई के माध्यम से रोजगार के अवसर भी उत्पन्न हो सकेंगे, जो देश की जीडीपी वृद्धि में तब्दील हो सकते हैं।’’
समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान एसबीआई के चेयरमैन श्री दिनेश खारा की उपस्थिति में किया गया। इस अवसर पर श्री सीएस सेट्टी, एमडी (खुदरा और डिजिटल बैंकिंग), एसबीआई; श्री एस साली, डीएमडी (एसएमई, एग्री और एफआई), एसबीआई; और श्री राजेश शर्मा, मैनेजिंग डायरेक्टर, कैपरी ग्लोबल कैपिटल लिमिटेड भी मौजूद रहे।
आरबीआई ने बैंकों और एनबीएफसी के लिए प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार देने के लिए को-लेंडिंग योजना पर दिशा-निर्देश जारी किए थे ताकि अर्थव्यवस्था के कम सेवा वाले क्षेत्रों में ऋण के प्रवाह में सुधार किया जा सके और उधारकर्ताओं को सस्ती कीमत पर धन उपलब्ध कराया जा सके। को-लेंडिंग मॉडल का उद्देश्य उधारकर्ता को सर्वाेत्तम ब्याज दर और बेहतर पहुंच प्रदान करना है।