बैंगलुरू, 27 दिसम्बर, 2021ः कोविड-19 महामारी के चलते कई चुनौतियों के बावजूद आज विभिन्न जाॅब रोल्स में काम करने वाली महिलाओं की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है। भारत के सबसे बड़े जाॅब एवं प्रोफेशनल नेटवर्किंग प्लेटफाॅर्म apna.co के अनुसार साल 2021 में इस दृष्टि से ज़बरदस्त बदलाव आया है। 50 लाख महिला यूज़र्स के साथ apna प्लेटफाॅर्म ने ऐसे रूझान दर्ज किए हैं जो अपने आप में बेहद उत्साहजनक हैं और भारत के कार्यबल में तेज़ी से आ रहे बदलाव की ओर इशारा करते हैं।
2021 के दौरान apna.co पर महिला यूज़र्स की संख्या में 430 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। apna.co के मुताबिक साल 2022 में ये आंकड़े लगातार बढ़ने का अनुमान है। पुणे, हैदराबाद और अहमदाबाद जैसे शहरों में इस प्लेटफाॅर्म पर महिला यूज़र्स की संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। apna.co कम्युनिटीज़ पर ज़्यादातर महिला कंटेंट क्रिएटर्स दिल्ली-एनसीआर, मुंबई और बैंगलुरू जैसे महानगरों से हैं।
महामारी और इसके बाद घर से काम करने आज़ादी के कारण नौकरियों की तरफ़ महिलाओं का झुकाव बढ़ने लगा है। महिलाएं प्रोफेशनल नेटवर्क बनाने पर ध्यान दे रही हैं। प्रोफेशनल बातचीत और उद्योग जगत के सहकर्मियों के साथ इंटरैक्शन के लिए apna एक सुरक्षित माध्यम बन गया है। महिलाएं गवर्नमेन्ट, बिज़नेस, लर्निंग लैंग्वेज, टैली-काॅलर, बैक-आॅफिस जाॅब, टीचर, कम्प्यूटर/डेटा एंट्री, ब्यूटीशियन, लैब टेकनिशियन एवं कुकिंग जैसे जाॅब रोल्स के लिए apna कम्युनिटीज़ में सक्रियता से शामिल हो रही हैं।
apna के आंकड़ों की बात करें तो पिछले साल की तुलना में इस प्लेटफाॅर्म पर इंटरव्यू देने वाली महिलाओं की संख्या 12 गुना बढ़ी है। वास्तव में महिलाएं एक महीने में कम से कम 8 बार इंटरव्यू दे रही हैं- यह संख्या पुरूषों की तुलना में 33 फीसदी अधिक है। इन आंकड़ों से साफ है कि आज बड़ी संख्या में महिलाएं नौकरियों के लिए आवेदन करना चाहती हैं। वे न सिर्फ नौकरियां कर रही हैं बल्कि सदियों पुरानी परम्पराओं को तोड़ कर ऐसे कामों में भी रूचि ले रही हैं, जो महिलाओं के लिए गैर-पारम्परिक रहे हैं।
apna यूज़र्स को उनके घर के पास नौकरियों के अवसर, मेंटरशिप प्रोग्राम और अपस्किलिंग कोर्सेज़ मुहैया कराता है, इनके चलते यह भारतीय महिलाओं के लिए पसंदीदा प्लेटफाॅर्म बन चुका है। रोचक तथ्य यह है कि apna.co
पर 39 फीसदी महिला यूजर्स सिर्फ 12वीं पास हैं या इससे भी कम पढ़े-लिखे हैं। वे नौकरियां ढूंढने और अपना प्रोफेशनल नेटवर्क बनाने के लिए ंचदं पर भरोसा करते हैं। यह प्लेटफाॅर्म तकरीबन 70 श्रेणियांें में करियर के अवसर उपलब्ध कराकर लाखों महिलाओं को सक्षम बना रहा है।
apna पर टैली-काॅलर्स एवं बीपीओ, बैक आॅफिस, रिसेप्शनिस्ट, फ्रन्ट आॅफिस, टीचर, अकाउन्ट्स, फाइनैंस, एडमिन, आॅफिस असिस्टेन्ट और डेटा एंट्री आॅपरेटर सबसे लोकप्रिय जाॅब रोल्स हैं। पिछले साल के विपरीत इस साल apna पर गैर-पारम्परिक जाॅब रोल्स जैसे डिलीवरी पार्टनर्स, सिक्योरिटी गार्ड्स, लैब टेकनिशियन, फिटनैस ट्रेनर और ड्राइवर के लिए आवेदन करने वाली महिलाओं की संख्या भी बढ़ी है।
इन रूझानों पर बात करते हुए मानस सिंह, चीफ़ बिज़नेस आॅफिसर apna.co ने कहा, ‘‘हाल ही में प्डथ् द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार लिंग समानता को बढ़ावा मिलने से भारत के जीडीपी में 27 फीसदी तक की बढ़ोतरी होगी। इसी तरह World Bank की रिपोर्ट के अनुसार भी अगर नौकरियों में महिलाओं का योगदान पुरूषों के बराबर हो जाए तो जीडीपी की विकास दर 9 फीसदी से भी अधिक हो सकती है और अगर सिर्फ 50 फीसदी महिलाएं ही कार्यबल में शामिल हो जाएं तो देश का विकास सालाना 1.5 फीसदी तक बढ़ सकता है। हालांकि इस दिशा में हमें अभी बहुत काम करना है,apna द्वारा 2021 के दौरान कार्यबल में शामिल हुई महिलाओं के आंकड़े अपने आप में उत्साहजनक हैं और महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को दर्शाते है। रु।बबमसमतंजपदहप्दकपं के मिशन के साथ हम आने वाले समय में भी महिला यूज़र्स को सशक्त बनाते रहेंगे और उन्हें नौकरियों के अवसर उपलब्ध कराने के लिए भरोसमंद प्लेटफाॅर्म की तरह काम करते रहेंगे।’’
2021 में apna की महिला यूज़र्स के लिए अन्य रोचक रूझान
● साल के दौरान महिलाओं ने 48 मिलियन प्रोफेशनल इंटरैक्शन्स में हिस्सा लिया।
● इनमें से 56 फीसदी इंटरैक्शन पहले स्तर के शहरों में हुए, शेष दूसरे स्तर के शहरों में हुए।
● सिर्फ महिलाओं को सबसे ज़्यादा नौकरियों देने वाली टाॅप कंपनियांः न्तइंद ब्वउचंदलए स्ंाउर्मए वउंजवए डवजीमतीववक प्दकपं भ्वेचपजंसेए थ्वतजपे
● महिलाओं को सबसे ज़्यादा नौकरियों मुंबई, हैदराबाद, बैंगलुरू, दिल्ली और कोलकाता में मिलीं।
● दूसरे स्तर के शहरों में apna पर नए यूज़र्स की संख्या 8 गुना बढ़ी और पहले स्तर के शहरों में यह संख्या 3.3 गुना बढ़ी।
● apna पर महिलाओं की असेसमेन्ट पासिंग रेट पुरूषों के बराबर रही।
● नियोक्ता गैर-पारम्परिक जाॅब रोल्स जैसे ड्राइवर, सिक्योरिटी गार्ड, डिलीवरी पार्टनर, फिटनैस टेªनर, मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियर, पियन, अकाउन्ट्स एवं फाइनैंस में भी महिलाओं की भर्तियां कर रहे हैं।
● apna.co पर 15000 से अधिक महिला इन्फलुएंसर्स हैं।
● सबसे ज़्यादा महिलाओं की भागीदारी वाली टाॅप कम्युनिटीज़ः गवर्नमेन्ट, बिज़नेस, लर्निंग इंग्लिश, टैली-काॅलर, बैक आॅफिस, टीचर, कम्प्यूटर/ डेटा एंट्री, ब्यूटीशियन, लैब टेकनिशियन, कुक/शेफ।
● टैली-काॅलर और बीपीओ बड़े शहरों में सबसे लोकप्रिय जाॅब रोल्स।
● महिलाओं के लिए हेल्थकेयर में नौकरियों की संख्या 11 गुना बढ़ी।
शहर के अनुसार रूझान
● दिल्ली-एनसीआर में महिलाओं ने सबसे ज़्यादा इंटरव्यू दिए और भारत में सबसे ज़्यादा नाईट शिफ्ट्स के लिए आवेदन किया।
● दूसरे स्तर के शहरों की बात करें तो लखनऊ की महिला यूज़र्स का झुकाव वर्क फ्राॅम होम वाली नौकरियों की तरफ रहा, वहीं बैंगलुरू की महिलाओं ने रिमोट वर्किंग को सबसे ज़्यादा पसंद किया।
● पुणे में सिविल इंजीनियर के लिए सबसे ज़्यादा आवेदन महिलाओं के द्वारा दिए गए।
● दूसरे स्तर के शहरों में सबसे ज़्यादा प्रोफेशनल इंटरैक्शन लखनऊ में हुए।
● रांची में औसतन एक यूज़र ने एक महीने में 9 नौकरियों के लिए आवेदन किया- यह संख्या सभी शहरों में सबसे ज़्यादा रही।
● अमृतसर में डिलीवरी पार्टनर जाॅब रोल की मांग सबसे ज़्यादा रही, जहां अब महिलाओं द्वारा आॅर्डर डिलीवरी की उम्मीद की जा सकती है।
● एयरक्राफ्ट रिपेयर में महिलाएं अक्सर काम नहीं करती हैं, किंतु इस बार मुंबई से इस जाॅब रोल के लिए सबसे ज़्यादा आवेदन आए।
● चण्डीगढ़ में महिला कारपेंटरों की मांग दूसरे स्तर के अन्य शहरों की तुलना में सबसे ज़्यादा रही।
● जयपुर में बड़ी संख्या में महिलाओं ने बैक-आॅफिस जाॅब्स के लिए आवेदन किया।
● सूरत में टेलीकाॅलर्स के लिए सबसे ज़्यादा महिलाओं ने आवेदन किया।
● कोलकाता में रेफ्रीजरेटर टेकनिशियन के लिए सबसे ज़्यादा महिलाओं ने आवेदन किया।
● कोयम्बटूर से टीचर्स के जाॅब रोल के लिए सबसे ज़्यादा आवेदन आए।
● गुवाहाटी में टैली-काॅलर्स/ बीपीओ जैसे जाॅब्स की सर्च सबसे ज़्यादा की गई।
● आगरा के यूज़र्स ने ड्राइवर के जाॅब रोल के लिए सबसे ज़्यादा आवेदन किए।
● भोपाल से कम्प्यूटर डेटा एंट्री आॅपरेटर्स के लिए सबसे ज़्यादा आवेदन किए गए।
● चेन्नई की महिलाओं में फाइनैंस सबसे लोकप्रिय सेक्टर रहा।
apna.co द्वारा दिए गए आंकड़ों से साफ है कि भारत के कार्यबल में लिंग समानता बढ़ रही है और इस दृष्टि से मौजूद अंतर दूर हो रहा है। भारत के 45 से अधिक शहरों में मौजूद apna.co आज 22 मिलियन यूज़र्स का भरोसेमंद प्लेटफाॅर्म बन चुका है।
यूज़र की कहानियांः बाधाओं को कर रहा है दूर
ज्योति शुक्ला की कहानी, नेटवर्किंग की ताकत से महामारी में मिली मदद
ज्योति एक नर्स हैं जिन्हें महामारी के दौरान, apna.co प्लेटफाॅर्म के साथ जुड़ने के बाद 24 घण्टे से भी कम समय के अंदर नौकरी मिल गई। उन्हें एक प्रतिष्ठित अस्पताल में नौकरी मिली, जो कोविड-19 मरीज़ों के लिए काम कर रहा था। उनकी महत्वाकांक्षा यहीं पर नहीं रूकीं। इसके बाद उनके सामने कई अवसर आए, उन्होंने सभी अवसरों का लाभ उठाया। इस दौरान ज्योति को ऐप पर ‘बिज़नेस ग्रुप’ में कई लोगों से मिलने का मौका भी मिला। इनमें से एक व्यक्ति ऐसा भी था, जिनके साथ मिलकर उन्होंने अपनी प्लेसमेन्ट एजेन्सी शुरू की। ज्योति सिर्फ नौकरी की तलाश में ऐप के साथ जुड़ी थीं, क्योंकि वे महामारी के दौरान ज़रूरतमंद लोगों की मदद करना चाहती थीं। उस समय मास्क और पीपीई किट की मांग बहुत ज़्यादा बढ़ गई थी। ज्योति ने ंचदं ऐप पर अपना नेटवर्क बढ़ाया और कुछ ही घण्टों के अंदर मास्क जुटाए। इस तरह इस नेटवर्क का उपयोग उन्होंने आम जनता के कल्याण के लिए किया। ज्योति ने कई पार्ट टाईम नौकरियां भी कीं, दिल्ली और गुजरात के कई शहरों में जाकर उन्होंने कोविड मरीज़ों के लिए होम-नर्स की तरह काम किया।
आज ज्योति apna ग्रुप्स की सबसे लोकप्रिय सदस्य हैं। इसके अलावा वे अपने परिवार को अपने दम पर चलाती हैं, समाज में उनका एक खास मुकाम़ है। पिछले सालों के दौरान उन्होंने कई समस्याओं का सामना किया। ंचदं ऐप उनकी सफलता की यात्रा का अभिन्न हिस्सा बन गया है।