मुंबई 03 दिसम्बर, 2021: देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अडानी समूह की एनबीएफसी शाखा अडानी कैपिटल प्राइवेट लिमिटेड (अडानी कैपिटल) के साथ एक मास्टर समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता किसानों को ट्रैक्टर और खेती संबंधी उपकरणों की खरीद के लिए वित्तीय सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिहाज से किया गया है ताकि किसान इनकी सहायता से फसलों की उत्पादकता को और बढ़ाने में कामयाब हो सकें।
इस साझेदारी के साथ एसबीआई ने फसलों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए कृषि मशीनीकरण को अपनाने की तलाश में देश के अंदरूनी और दूरदराज के इलाकों में कार्यरत किसान ग्राहकों को लक्षित किया है। एसबीआई किसानों की आय को दोगुना करने के लिहाज से ऋण प्रवाह बढ़ाने के लिए अनेक एनबीएफसी के साथ को-लेंडिंग के अवसरों पर सक्रिय रूप से विचार कर रहा है। इस तरह कृषि मशीनीकरण, वेयरहाउस रिसीप्ट फाइनेंस किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) आदि के फाइनेंस के लिए अनेक विकल्प मौजूद होंगे।
एसबीआई के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा–को-लेंडिंग कार्यक्रम के तहत अडानी कैपिटल के साथ जुड़कर हमें खुशी का अनुभव हो रहा है। यह साझेदारी एसबीआई को ग्राहक आधार का विस्तार करने के साथ-साथ देश के कम सेवा वाले कृषि खंड से जुड़ने में मदद करेगी और इस तरह हम भारत की कृषि अर्थव्यवस्था के विकास में अपनी ओर से योगदान दे सकेंगे। हम दूर-दराज के क्षेत्रों में अधिकतम ग्राहकों तक पहुंचने और अंतिम छोर तक बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने के लिए और अधिक एनबीएफसी के साथ काम करना जारी रखेंगे।
अडानी कैपिटल के एमडी और सीईओ गौरव गुप्ता ने कहा-हमारा उद्देश्य देश के माइक्रो एंटरप्रेन्योर्स को किफायती ऋण उपलब्ध कराना है। एसबीआई के साथ हमारी साझेदारी बैंकिंग सुविधाओं से वंचित और कम सेवा वाले भारतीय किसानों को लक्षित करना है। इस साझेदारी के माध्यम से हमारा उद्देश्य कृषि मशीनीकरण में योगदान देना और कृषि क्षेत्र की उत्पादकता और आय में सुधार करने में भूमिका निभाना है।
आरबीआई ने बैंकों और एनबीएफसी के लिए प्राथमिकता क्षेत्र को उधार देने के लिए को-लेंडिंग योजना पर दिशा-निर्देश जारी किए थे ताकि अर्थव्यवस्था के कम सेवा वाले क्षेत्रों में ऋण के प्रवाह में सुधार किया जा सके और उधारकर्ताओं को किफायती दरों पर धन उपलब्ध कराया जा सके। को-लेंडिंग मॉडल का उद्देश्य उधारकर्ता को सर्वाेत्तम ब्याज दर और बेहतर पहुंच प्रदान करना है।