एडिटर – दिनेश भारद्वाज
– राजस्थान में पहली बार मीनाकारी में उत्कृष्ट सेवा के लिए संकित को प्रदान की गई उपाधि
– नेचुरल इंडिगो की खेती और रंगाई में कार्यरत बृज बल्लभ को मिली पीएचडी उपाधि
– बंगलुरु स्थित भारत विर्चुअल विश्वविद्यालय की ओर से किया गए सम्मानित
जयपुर, 9 जनवरी। मीनाकारी में उत्कृष्ता के लिए राष्ट्रीय योग्यता पुरस्कार विजेता, शहर के जाने-माने शिल्पकार डॉ दीपक संकित को भारत वर्चुअल विश्वविद्यालय बंगलुरु द्वारा ऑनरी पीएचडी उपाधि प्रदान की। ”मीनाकारी आभूषणों में कला और संस्कृति की भूमिका’ विषय पर डॉ एम स्वामी के निर्देशन में शोधकार्य के लिए संकित को ये उपाधि प्रदान की गई। 1880 ईस्वी से अपने परिवार द्वारा अनुरक्षित एक पुश्तैनी कला विरासत को सहजते हुए दीपक इसको आगे बढ़ावा देते रहे है। वहीं वनस्पति रंगों के साथ कपड़ा रंगाई, इंडिगो और कपड़ा हाथ ब्लॉक प्रिंटिंग के लिए प्रख्यात कलाकार राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता बृज बल्लभ उदयवाल भी पीएचडी उपाधि ‘नील की खेती और वस्त्रों की रंगाई और छपाई के लिए इसका अनुप्रयोग’ विषय पर डॉ टी.एम स्वामी के निर्देशन में शोध के लिए प्रदान की गई है।
मीनाकारी ने उत्कृष्ट कला में डॉ. संकित ने जयपुर सिटी पैलेस की कलात्मक सुंदरता से प्रेरित होकर, मीनाकारी बटन, कफ़लिंक, अंगूठियां, कंगन, हार, झुमके उत्तम और उत्तम दर्जे के हाथ से चित्रित रूपांकनों में पक्षियों, जानवरों, फूलों आदि का चित्रण किया है। दीपक ने न्यूयॉर्क (यूएसए), बुडापेस्ट, ऑस्ट्रेलिया, स्विट्जरलैंड, इटली और पड़ोसी एशियाई देशों में लाइव प्रदर्शन दिया है। और कनाडा के वैंकूवर में होनोलूलू (हवाई) और लाइपॉइंट गैलरी में कलाकृति को बढ़ावा देने के लिए भारत का प्रतिनिधित्व किया। उन्हें जयपुर की महारानी राज माता पदिमनी देवी ने सम्मानित किया। महाराजा सवाई मान सिंह द्वितीय संग्रहालय ट्रस्ट ने जयपुर के पारंपरिक शिल्प में उत्कृष्टता के लिए राजा भगवंत दास पुरस्कार 2018 प्रदान किया। उनके काम को वर्ल्ड क्राफ्ट्स काउंसिल अवार्ड ऑफ एक्सीलेंस फॉर हैंडीक्राफ्ट 2018 – दक्षिण एशिया उप-क्षेत्र द्वारा सम्मानित किया गया था। 400 सालों से कई राजपरिवारों के लिए कार्यरत दीपक संकित के परिवार ने 1906 ई. में बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह जी के पुत्र कुंवर सादुल सिंह जी के लिए आभूषणों की डिजाइनिंग भी की।