मुंबई, 11 जनवरी 2021: गोदरेज ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी गोदरेज एंड बॉयस ने घोषणा की है कि इसके बिजनेस गोदरेज एमईपी (मेकैनिकल, इलेक्ट्रिकल एंड पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग) ने वित्तीय वर्ष 2024 तक के लिये डेटा सेंटर्स प्रोजेक्ट्स में 25% की वार्षिक राजस्व वृद्धि का लक्ष्य तय किया है। इस बिजनेस को मुंबई और दिल्ली में डेटा सेंटर के विभिन्न ग्राहकों के लिये उच्च-महत्व वाले कई प्रोजेक्ट्स मिले हैं। मौजूदा सरकार के बिग डेटा रिवॉल्यूशन के परिदृश्य में, वर्ष 2023 तक भारत का डेटा सेंटर उद्योग दोगुना होने का अनुमान है।
क्लाउड टेक्नोलॉजीज, आईओटी डिवाइसेस को अपनाने में बढ़ोतरी, डेटा की खपत बढ़ने और जल्दी ही 5जी की शुरूआत, आदि के साथ डेटा सेंटर उद्योग पहले से उछाल पर है, क्योंकि महामारी से इस प्रक्रिया में तेजी आई है। इस अवसर के साथ भारतीय बाजार ने वापसी की है और कई बड़ी टेक घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों ने भारत में डेटा सेंटर्स खोलने के लिये निवेश किया है। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने एक नीति की घोषणा की है कि सरकार डेटा सेंटर सेक्टर को ‘बुनियादी ढांचे का दर्जा’ देगी और उसे महत्वपूर्ण उद्योगों, जैसे रेल्वेज, रोडवेज और विद्युत के बराबर लाएगी। सरकार एक हाइपर-स्केल डेटा सेंटर की योजना पर भी काम कर रही है, ताकि निवशों को प्रोत्साहन मिले। इसके अनुरूप, गोदरेज एमईपी ने भी जरूरी सेवाओं, जैसे इलेक्ट्रिकल, एचवीएसी, फायरफाइटिंग और पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग के लिये कई वैश्विक और स्थानीय डेटा सेंटर कंपनियों द्वारा होने वाली पूछताछ में बढ़त देखी है। उनकी योजना अगले 2 साल में 25 करोड़ रूपये निवेश करने की है। अब तक उन्होंने लगभग 20 मेगावाट के प्रोजेक्ट्स लिये हैं और वित्तीय वर्ष 2024 तक इसके अलावा 35-40 मेगावाट को कवर करने की योजना हैं।
इस पर अपनी बात रखते हुए, गोदरेज एमईपी के एवीपी और बिजनेस हेड प्रवीण रवूल ने कहा, “डेटा सेंटर इंडस्ट्री भारत में सबसे फायदेमंद और सबसे तेजी से बढ़ रही इंडस्ट्रीज में से एक है। ऊर्जा और पानी की बचत के उपायों को जोड़ने में मदद करने के लक्ष्य से गोदरेज एमईपी न केवल परिचालन में ज्यादा क्षमता और फायदा देता है, बल्कि कम सामुदायिक संसाधनों के इष्टतम इस्तेमाल में सहायता भी करता है। केन्द्र और राज्य सरकारों के सहयोग से हम इस उद्योग में वृद्धि के असीमित अवसर देख रहे हैं। इसके अलावा, केन्द्र सरकार के मार्गदर्शन में डेटा लोकलाइजेशन ने भारत में डेटा सेंटरों की वृद्धि को आंतरिक बढ़ावा दिया है और इस सेगमेंट पर सरकार के नजरिये और प्रोत्साहन के साथ वैश्विक निवेशों से डेटा सेंटर्स की मांग और भी बढ़ेगी। गोदरेज एमईपी में हम भारतीय और वैश्विक कंपनियों के साथ भागीदारी जारी रखेंगे, ताकि ऐसी सर्वश्रेष्ठ मेकैनिकल, इलेक्ट्रिकल और फायरफाइटिंग सेवाएं प्रदान कर सकें, जो डेटा सेंटर्स को चलाने और उनकी सुरक्षा के लिये जरूरी हैं।”
बाजार के दोगुना होने और पहुँच बढ़ने के साथ, इस सेक्टर के वित्तीय वर्ष 2024 तक दोगुना होने का अनुमान है।