पिछले साल सितंबर में पिरामल कैपिटल एंड हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (पीसीएचएफएल) ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) का अधिग्रहण पूरा किया। इसके बाद पिरामल कैपिटल एंड हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड भारत की सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों में से एक बन गई। पीसीएचएफएल की अब 24 राज्यों में 301 शाखाओं के नेटवर्क के साथ 10 लाख से अधिक ग्राहकों तक पहुंच है।
इधर कंपनी ने ऐसे क्षेत्रों में अपने विस्तार की योजना बनाई है, जहां लोगों को बहुत कम वित्तीय सेवाएं उपलब्ध हैं। कम सेवा वाले ‘भारत’ बाजार की विविध वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए, कंपनी की योजना अगले तीन वर्षों में लगभग 500-600 शहरों में अपनी फिजिकल मौजूदगी के साथ लगभग 1,000 शहरों में अपने परिचालन का विस्तार करने की है। अगले 12 महीनों में कंपनी को 100 और शाखाएं खोलने की उम्मीद है।
डीएचएफएल के साथ कंपनी के एकीकरण पर बोलते हुए पीसीएचएफएल के मैनेजिंग डायरेक्टर जयराम श्रीधरन ने कहा, ‘‘हमने एक समेकित फर्म बनाने के लिए दो संगठनों को एकीकृत किया है। पूर्ववर्ती कंपनी के कर्मचारियों को इस प्रक्रिया से कोई नुकसान नहीं हुआ है, और हम सभी के लिए उनके कार्य दायित्वों को अंतिम रूप देने में सक्षम हैं। हम डीएचएफएल शाखाओं में काम पर रख रहे हैं और हम सभी शाखाओं से नए सिरे से कारोबार को फिर से शुरू करने की दिशा में काम कर रहे हैं।’’
कंपनी का लक्ष्य समय के साथ रिटेल लोन के अनुपात में वृद्धि करना है। वर्तमान में लोन बुक का दो-तिहाई हिस्सा होलसेल का है, और शेष रिटेल लोन है। मध्यम से लंबी अवधि में, कंपनी खुदरा ऋण में वृद्धि करेगी, पहले लोन बुक का आधा, और फिर लोन बुक के दो-तिहाई तक।
उन्होंने आगे कहा, ‘‘अधिग्रहण ने हमें अपनी लोन बुक में विविधता लाने और रिटेल लोन पोर्टफोलियो को बढ़ाने में सक्षम बनाया है। हम भारत के छोटे कस्बों और शहरों में कर्जदारों तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं, खासकर वेतनभोगी और गैर-वेतनभोगी ग्राहकों तक। हमारे मल्टी प्रोडक्ट ऑफर्स भारत के टियर 2, 3 शहरों में कम सेवा वाले ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करते हैं, क्योंकि हमारा लक्ष्य बजट के प्रति जागरूक ग्राहकों के लिए पसंद का ऋणदाता बनना है। हम ग्राहकों के जोखिम प्रोफाइल को समझने के लिए टैक्नोलॉजी का उपयोग करेंगे और हम छोटे व्यवसाय ऋण, एमएसएमई या अन्य असुरक्षित उधार के माध्यम से आवास ऋण के अलावा अन्य नए उत्पाद पेश कर रहे हैं।’’
इसके अलावा, कंपनी का इरादा फिनटेक कंपनियों, व्यापारियों और इलेक्ट्रॉनिक एग्रीगेटर्स का एक व्यापक ईकोसिस्टम तैयार करने और नए ग्राहकों को जोड़ने के लिए एक प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराना है। वर्तमान में इसकी नौ साझेदारियां हैं और व्यवसाय शुरू करने के लिए अन्य 20 टैक्नोलॉजी फर्मों के साथ साझेदारी की तलाश कर रही है। कंपनी बाय नाउ पे लेटर (बीएनपीएल) के उभरते चलन पर भी दांव लगा रही है।
जयराम ने कहा, ‘‘बीएनपीएल एक दिलचस्प ऑफर है जो ग्राहकों को इस बात की सुविधा देता है कि वे अपनी खरीदारी को सीधे कुछ किश्तों में बदल सकंे। अगर यह अल्पावधि के लिए है, तो इसमें किसी ब्याज का भुगतान भी नहीं करना होता है। हम इस व्यवसाय को पसंद करते हैं और इस मॉडल का उपयोग करके बहुत सारे ग्राहकों को अपने साथ जोड़ रहे हैं। हमारे पास पहले से मौजूद नौ डिजिटल साझेदारियों में से कुछ पहले से ही बीएनपीएल की सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं।’’
30 सितंबर, 2021 को समाप्त तिमाही में कंपनी का कुल एयूएम तिमाही आधार पर 42 प्रतिशत बढ़कर 66,986 करोड़ रुपये हो गया। डीएचएफएल के विलय के बाद रिटेल लोन बुक तिमाही आधार पर 4.3 गुना बढ़कर 22,273 करोड़ रुपये हो गई और खुदरा ऋणों की हिस्सेदारी जून-2021 में 11 प्रतिशत से बढ़कर सितंबर, 2021 तक 33 प्रतिशत हो गई।