जयपुर/हिसार, 13 जनवरी. 2022- दीर्घकालिक कृषि उत्पादों और समाधानों की एक वैश्विक प्रदाता कंपनी यूपीएल लिमिटेड ने राजस्थान और हरियाणा में किसानों को अपनी सरसों की फसल की उपज में 10 प्रतिशत तक की वृद्धि करने में मदद की है। ये ऐसे किसान हैं, जिन्होंने दूसरे चरण में अपने प्रोन्यूटिवा फसल पैकेज का उपयोग किया है। इस कार्यक्रम को अगर बड़े पैमाने पर दोहराया जाता है, तो खाद्य तेल के आयात पर भारत की निर्भरता को कम किया जा सकता है।
प्रोन्यूटिवा फसल पैकेज में यूपीएल के सस्टेनेबल सॉल्यूशंस पोर्टफोलियो के तीन जैविक उत्पाद शामिल थे – ज़ेबा, जो अपने सुपरएब्जॉर्बेंट प्रोफाइल के साथ पानी के उपयोग और पोषण को अधिकतम करने में मदद करता है, कॉपियो ने मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार करने और पोषक तत्व उपलब्ध कराने में मदद की, मैकारेना ने आवश्यक पोषण प्रदान करके फसल को आसन्न खतरों से लड़ने में मदद की। पैदावार बढ़ाने के साथ ही इस पैकेज से सरसों की फसल में तेल की मात्रा भी काफी बढ़ जाती है।
कार्यक्रम को इसके दूसरे चरण के हिस्से के रूप में सरसों की 11,000 एकड़ की खेती के तहत शुरू किया गया था। पिछले साल पहले चरण में 5,000 एकड़ जमीन को कवर किया गया था।
भारतीय रसोइयों में खाना पकाने के दौरान खाद्य तेल का महत्वपूर्ण रूप से उपयोग किया जाता है। फिलहाल देश की खाद्य तेल संबंधी 60 प्रतिशत जरूरतों को आयात के माध्यम से पूरा किया जाता है। भारत में पैदा होने वाली सरसों का 60 प्रतिशत हिस्सा राजस्थान और हरियाणा में होता है। इसलिए इस प्रोजेक्ट में घरेलू उत्पादन बढ़ाने और सरसों में आत्मनिर्भरता हासिल करने की अपार संभावनाएं हैं।
यूपीएल लिमिटेड के इंडिया रीजन के डायरेक्टर आशीष डोभाल ने कहा, ‘‘यूपीएल में हम उन किसानों के कल्याण और समृद्धि के लिए समर्पित हैं जो हमारे प्रमुख हितधारक हैं। इनोवेशन के माध्यम से हमारा लक्ष्य किसानों को ऐसे सस्टेनेबल प्रोडक्ट प्रदान करना है, जो उन्हें न केवल वित्तीय स्थिरता बल्कि पर्यावरण स्थिरता की गारंटी भी देता है। इस फसल पैकेज के माध्यम से, हमारा लक्ष्य सरसों की फसल की उपज और तेल की मात्रा को बढ़ाना है, जिससे देश को खाद्य तेलों के लिहाज से एक आत्मनिर्भर उत्पादक देश बनाने में सहायता मिलती है।’’
यूपीएल लिमिटेड के फील्ड मार्केटिंग-इंडिया के हैड सवेश कुमार ने कहा, ‘‘सरसों के फसल पैकेज के साथ हम जल प्रबंधन, मिट्टी के पोषण और पोषण अवशोषण से जुड़ी किसानों की मुश्किलों को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं। अब तक की इस पहल के जबरदस्त परिणाम सामने आए हैं और हम इस पहल को राष्ट्रीय स्तर पर सफल बनाने की उम्मीद करते हैं। हम कार्यक्रम के अविश्वसनीय परिणामों को देखकर प्रसन्न हैं, जिससे न केवल फसल की पैदावार में वृद्धि हुई है, बल्कि किसानों की आय में भी वृद्धि हुई है। प्रोन्यूटिवा की सफलता का एक और ऐसा ही उदाहरण गुजरात में मूंगफली की फसल के मामले में देखा गया है।’’
कनुवाली, श्रीगंगानगर, राजस्थान के किसान मनीष कुमार कहते हैं, ‘‘मेरे सरसों के खेत में ज़ेबा और कोपियो के उपयोग के कारण, मैंने प्रति एकड़ 7.6 क्विंटल उपज प्राप्त की है। अन्य खेतों में जहां मैंने पैकेज का उपयोग नहीं किया, वहां प्रति एकड़ 6 क्विंटल उपज हासिल हुई। स्पष्ट है कि सरसों के फसल पैकेज ने पानी की आवश्यकता को कम करने और फसल की गुणवत्ता में सुधार करने में भी मदद की।’’
जाखोद खेड़ा, मंडी, हिसार, हरियाणा के किसान रमेश चंद्र ने कहा, ‘‘मैंने अपने 5 एकड़ के सरसों के खेत में यूपीएल के प्रोन्यूटिवा पैकेज को लागू किया। जिस खेत में पैकेज लागू किया गया था, उसमें मैंने 10.5 क्विंटल प्रति एकड़ सरसों हासिल की और जिस प्लॉट में पैकेज का उपयोग नहीं किया था, वहां 9.25 क्विंटल सरसों हासिल की अर्थात कुल मिलाकर 13 प्रतिशत की बढ़ोतरी हासिल की गई।’’