एडिटर – दिनेश भारद्वाज
कोटा। देशवासियों को घर बैठे स्वास्थ्य लाभ देने के उद्देश्य से कोचिंग कैपिटल कोटा से शुरू की गई पहल को अब सात समंदर पार से भी सराहना मिल रही है। सेवा की इस पहल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा जा रहा है और इस पहल से सीख लेने की बात कही जा रही है।
आयु एप के को-फाउंडर श्रेयांस मेहता, निखिल बाहेती व सैदा धनावत ने बताया कि कोटा में आयु एप द्वारा घर बैठे देशवासियों को दवा पहुंचाने के प्रयास शुरू किए गए सेहत साथी के तहत मेडिकल स्टोर्स को डिजिटाइज करने का इनोवेशन को ब्राजील के फाइनेंशियल एक्सप्रेस में शेयर किया गया है और ब्राजील में भी ऐसी सेवाओं की जरूरत बताई गई है।
इस संबंध में एंटरप्रिन्यौर लियोनार्डो रुजरो ने सोशल मीडिया पर इस पहल को बहुत अच्छी बताया तथा ब्राजील में भी इसकी जरूरत बताई। विशेषरूप से सेहत साथी के कारण स्मॉल फार्मा सेक्टर के डिजिटाइजेशन से मिल रहे लाभ को रेखाकिंत किया गया है।
ब्राजिलियन एंटरप्रिन्यौर लियोनार्डो रुजरो ने कहा कि, ब्राजील और भारतीय स्थितियों में बहुत समानता है और इसीलिए ब्राजील में भी ऐसा सिस्टम अपनाया जाना चाहिए। स्मॉल फार्मेसी स्टोर्स यदि डिजिटाइज होते हैं तो वे आसानी से एक मंच पर आ सकेंगे और इससे दवाओं की आपूर्ति के साथ-साथ दवाओं के भंडारण की स्थिति भी स्पष्ट रहेगी।
किस क्षेत्र में कौनसी दवाइयां आसानी से लोगों को घर बैठे उपलब्ध हो सकती है यह सुनिश्चित हो जाएगा। उन्होंने कहा कि डाटा मैनेजमेंट का कल्चर नहीं होने के कारण ब्राजील पीछे है लेकिन जो चुनौतियां भारतीय क्षेत्रों में है वही ब्राजील क्षेत्रों में भी है और यदि ब्राजील में यह पहल की जाती है तो लोगों को बहुत जल्द शॉपिंग एक्सपीरियंस होगा और घर बैठे दवाइयां उपलब्ध हो सकेंगी।
सेहत साथी के को फाउंडर श्रेयांस मेहता ने बताया कि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में आयुष्मान भारत के तहत देशवासियों को हेल्थ हिस्ट्री रखने और उसी के अनुरूप इलाज करने की बात कही। इसी गाइड लाइन पर मेडकॉर्ड्स काम कर रहा है और बड़ी संख्या में देशवासियों को लाभ दे रहा है। उनकी हेल्थ हिस्ट्री के हिसाब से ही इलाज किया जा रहा है। देश में सबसे पहले हेल्थ कार्ड जारी करने का श्रेय भी मेडकॉर्ड्स को जाता है। ऐसे में डिजिटल माध्यम से देशवासियों की सेहत का ख्याल यहां रखा जा रहा है।
निखिल बाहेती ने बताया कि, सेहत साथी अपनी बेहतर सेवाओं के साथ देशभर के लोगों की मदद कर रहा है। अब तक 35 लाख परिवार इस एप के माध्यम से जुड़ चुके हैं और 40 हजार मेडिकल स्टोर्स एप से जुड़कर लोगों को घर-घर दवाइयां पहुंचा रहे हैं। सेहत साथी के माध्यम से मेडिकल स्टोर्स जुड़ रहे हैं और दूर-दराज के क्षेत्रों में भी घर बैठे दवाइयां उपलब्ध करवा रहे हैं। मेडिकल स्टोर्स के जुड़ने की संख्या लगातार बढ़ रही है, इसके माध्यम से सेहत साथी का नेटवर्क भी मजबूत हो रहा है।
सैदा धनावत ने बताया कि सेहत साथी अपनी सेवाओं के बल पर भारत का बेहतर एप साबित हो रहा है। कोविड टाइम में देश का भरोसा जीता है। लॉकडाउन में दवा की दुकानों पर भीड़ से संक्रमण फैलने की स्थितियां बनी तो सेहत साथी से जुड़े मेडिकल स्टोर्स ने बहुत साथ दिया। दवाओं की डिलीवरी भी की। लोगों को मदद मिलती गई और विश्वास बढ़ता जा रहा है। देश के कई बड़े व्यवसायियों एवं इंवेस्टर्स द्वारा आयु एप को श्रेष्ठ स्टार्टअप में भी शामिल किया गया है।