एडिटर – दिनेश भारद्वाज
जयपुर 25 फरवरी। लोगों के बीच जॉइंट रिप्लेसमेंट के बारे में फैली मिथक और भ्रांतियों को दूर करने के लिए मणिपाल हॉस्पिटल जयपुर के डॉक्टर्स ने जॉइंट रिप्लेसमेंट पर आज झुंझुनूं में एक सत्र का आयोजन किया। इस सत्र का आयोजन जॉइंट रिप्लेसमेंट तथा इससे जुडी हुई सर्जरी के विषय में किया गया, जिसमें सर्जरी के बाद लोगों की जिंदगी में आये अच्छे परिवर्तनों के विषय में अवगत कराया गया। डॉ. बीआर बगड़िया, कंसलटेंट–आर्थोपेडिक्स (जॉइंट रिप्लेसमेंट एंड अर्थ्रोस्कोपिक सर्जरी), मणिपाल हॉस्पिटल, जयपुर के नेतृत्व में सत्र का आयोजन किया गया। लगभग 20-25 मरीज सत्र में शामिल हुए और उन्होंने अपने अनुभव साझा किए कि कैसे जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी ने उनके दर्दनाक जीवन को एक खुशहाल जीवन में बदल दिया। इस सत्र का उद्देश्य बुजुर्ग लोगों में जॉइंट रिप्लेसमेंट के बारे में गलत धारणा को दूर करना था, जो घुटने की गंभीर समस्याओं से पीड़ित हैं।
नी-रिप्लेसमेंट सर्जरी कराने वाले लोगों का जीवन काफी आसान हो जाता है। मधुमेह, उच्च रक्तचाप या हृदय की समस्याओं वाले लोग भी घुटने के प्रत्यारोपण की सर्जरी से लाभान्वित हो सकते हैं। घुटने के प्रत्यारोपण की सर्जरी से गुजरने वाले प्रत्येक रोगी को पहले सर्जिकल प्रोफाइल चेक-अप से गुजरना होगा ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि मरीज सर्जरी के लिए फिट है या नहीं। ज्यादातर लोग नी रिप्लेसमेंट सर्जरी के छह से आठ हफ्तों में ठीक हो जाते हैं।
सत्र को संबोधित करते हुए *डॉ. बीआर बगड़िया, कंसल्टेंट-ऑर्थोपेडिक्स (जॉइंट रिप्लेसमेंट एंड आर्थ्रोस्कोपिक सर्जरी)* ने कहा, “हम अक्सर कई रोगियों और परिवारों से मिलते हैं जिन्हें नी-रिप्लेसमेंट सर्जरी के बारे में बहुत सारी गलतफहमियां हैं। हमारे ओपीडी में आने वाले बहुत से रोगी हमें बताते हैं कि वे पिछले कुछ वर्षों से घुटने के दर्द से पीड़ित हैं और विभिन्न भ्रांतियों के कारण नी-रिप्लेसमेंट सर्जरी कराने से डरते हैं। हमने मणिपाल हॉस्पिटल जयपुर में 10,000 से अधिक रोगियों की सफलतापूर्वक सर्जरी की है और उनमें से अधिकांश 60-65 वर्ष से अधिक आयु के थे। यह सभी मरीज अच्छा महसूस कर रहे हैं और सर्जरी के बाद दर्द मुक्त जीवन जी रहे हैं। जब मरीज हमारी ओपीडी में आते हैं, तो हम न केवल उनकी भ्रांतियों को दूर करने में मदद करते हैं, बल्कि उन्हें इससे जुड़े लाभों के बारे में भी शिक्षित करते हैं, जिससे नी-रिप्लेसमेंट सर्जरी के बारे में उनकी सोच बदलने में मदद मिलती है।”
घुटने के दर्द का कारण घुटने के आसपास सूजन, घुटने में चोट के कारण हुई पोस्ट-ट्रॉमेटिक अर्थराइटिस, ओस्टियोपोरोसिस, हड्डी का फ्रैक्चर या लिगमेंट का टूटना हो सकता है। समय के साथ इस तरह की चोट कार्टिलेज को नुकसान पहुंचा देती है, जिससे कि नी-रिप्लेसमेंट सर्जरी की आवश्यकता पड़ जाती है। नी-रिप्लेसमेंट सर्जरी के दौरान क्षतिग्रस्त कार्टिलेज को कृत्रिम कार्टिलेज से से बदल दिया जाता है, जिससे कि रोगी कृत्रिम कार्टिलेज की सहायता से अपनी सभी शारीरिक गतिविधियां एवं दैनिक गतिविधियों को स्वयं कर सकता है। नी-रिप्लेसमेंट सर्जरी घुटने के दर्द में राहत देती है।