मुंबई, 08 मार्च, 2022:दो में से एक महिला दृढ़ता से इस बात से सहमत है कि पिछले एक साल में, निवेश उद्देश्यों के लिए संपत्ति निर्माण और संपत्ति खरीद की ओर उनका झुकाव बहुत बढ़ा है, गोदरेज हाउसिंग फाइनेंस (जीएचएफ) के पोस्ट जनरेशन–रेंट‘ केनवीनतम अध्ययन में इसका खुलासा हुआ है। यह अध्ययन इसलिए किया गया था कि उपभोक्ता की पसंद में आये बदलाव और उसके कारकों को जाना जा सके जो भारतीय उपभोक्ताओं द्वारा महामारी के बाद की दुनिया में अपने भविष्य को सुरक्षित करने हेतु संपत्ति की खरीद, संपत्ति निर्माण और निवेश के तरीके पर विचार करने के लिए निर्णय लेने में प्रेरक रहे।
महिलाएं हमेशा घर संभालती रही हैं, लेकिन अब उस दौर में जहां महिलाएं समान रूप से उद्यमी, वकील, इंजीनियर, डॉक्टर जैसी भूमिकाएं ग्रहण कर रही हैं, वे घर खरीदने के वित्तीय पहलुओं पर भी प्रमुखता से ध्यान दे रही हैं। अध्ययन से आगे पता चला है कि 52% महिलाओं ने पहले ही एक नए घर और होम लोन प्रदाता की तलाश शुरू कर दीहै।34% महिलाओं का मानना है कि वर्तमान में नया घर खरीदना सबसे अच्छा निवेश विकल्प है अध्ययन से यह भी पता चला कि 48% महिलाएं ऋण प्राप्त करने और अपने सपनों का घर खरीदने के लिए आवास वित्त कंपनी की तलाश में ब्रांड की विश्वसनीयता और पारदर्शिता पर विचार करती हैं।
‘जेनरेशन-रेंट’ दुनिया भर में मिलेनियल्स से जुड़ा एक अच्छी तरह से प्रलेखित तथ्य है, जो कंज्यूमर ड्युरेबल्स और यहां तक कि आवास के संदर्भ में भी उन्हें खरीदने के बजाये किराये पर लेना पसंद करते हैं। पूर्व धारणाओं के बिल्कुल विपरीत, अध्ययन में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि लगभग 76 प्रतिशत भारतीय अब निवेश और जीवन शैली के विकल्प के रूप में किराए के बजाय संपत्ति का मालिक होने की योजना बना रहे हैं।
गोदरेज हाउसिंग फाइनेंस के पोस्ट ‘जेनरेशन-रेंट’ के अध्ययन से पता चला है कि लगभग आधे भारतीयों (49.13%) ने पिछले एक साल में अपना घर तलाश करने की आकांक्षाओं को पूरा करने का प्रयास करना और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों से संपर्क करना शुरू कर दिया था। 32.9% का मानना है कि नया घर खरीदना वर्तमान में सबसे अच्छा निवेश विकल्प है, जबकि 16% ने बताया कि घर खरीदना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है क्योंकि घर से काम करना अब नया नॉर्मल बन चुका है।
अध्ययन में यह भी पाया गया कि 25.5% भारतीयों ने ‘व्यक्तिगत सुरक्षा’ को परिभाषित करते हुए अपना घर होने को द्वितीय वरीयता दी, जबकि 40.6 फीसदी ने नौकरी की सुरक्षा को प्रथम वरीयता दी।
निष्कर्षों पर टिप्पणी करते हुए, मनीष शाह, प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, गोदरेज हाउसिंग फाइनेंस ने कहा, “महामारी ने भारतीय उपभोक्ताओं की वरीयताओं में स्पष्ट बदलाव लाया है। वे लंबी अवधि के निवेश के जरिए फ्यूचर–प्रूफिंग की ओर बढ़ रहे हैं।वर्तमान में सामर्थ्यता सर्वोच्च होने के साथ, घर खरीदने का इससे बेहतर समय शायद कभी नहीं रहा, जो परिसंपत्ति आवंटन का एक महत्वपूर्ण तत्व और वित्तीय सुरक्षा का एक प्रमुख स्तंभ दोनों है। उन्होंने कहा, ग्राहकों का मानना है कि इस परिवर्तन के लिए उनके वित्तीय भागीदार से इस दीर्घकालिक प्रतिबद्धता के माध्यम से सलाह देने और मार्गदर्शन करने के लिए उनके समर्थन की आवश्यकता है। अध्ययन ने उत्पाद डिजाइन और वितरण दोनों में नवाचार, लचीलेपन और डिजिटल विकल्पों की पेशकश करने की हमारी आवश्यकता को फिर से पुष्टि की ताकि गृहस्वामी को बेहतर ढंग से सुविधा प्रदान की जा सके और ग्राहक के वित्तपोषण अनुभव को आसान बनाया जा सके।”
अध्ययन में आगे पता चलता है कि नीति में लचीलापन, ब्रांड की विश्वसनीयता और पारदर्शिता, डिजिटल पेशकश और प्रोसेसिंग के लिए सापेक्ष टर्नअराउंड समय ऐसे प्रमुख कारक हैं जो वित्तपोषण भागीदार के चयन को प्रभावित करते हैं। इसका श्रेय उपभोक्ताओं को डिजिटल प्रौद्योगिकी द्वारा सहायता प्राप्त अपनी आवश्यकताओं की ऑन-डिमांड संतुष्टि के अभ्यस्त होने को दिया जा सकता है।
अध्ययन में यह भी पाया गया कि आज के फाइनेंसिंग ब्रांड्स के चुनाव में उपभोक्ताओं द्वारा डिजिटल-फर्स्ट और फ्रिक्शनलेस प्रक्रियाओं को अधिक तवज्जो दी जाती है। समग्र डिजिटल समाधान प्रदान करने वाली कंपनियों और सेवाओं कोपारंपरिक वित्तपोषण मॉडल की तुलना में अधिक बढ़त हासिल है।