मनीबॉक्स का AUM रु 100 करोड़ के पार पहुंचा; वित्तीय वर्ष 23 में रु 400 करोड़ के AUM का लक्ष्य

09 मार्च, 2022, नई दिल्लीः बीएसई पर सूचीबद्ध नॉन-बैंकिंग फाइनैंस कंपनी मनीबॉक्स फाइनैंस लिमिटेड (मनीबॉक्स) जो तीसरे स्तर के शहरों और छोटे नगरों में लघु एवं छोटे उद्यमों को सूक्ष्म ऋण उपलब्ध कराती है, ने वित्तीय वर्ष 22 की तीसरी तिमाही के दौरान अपनी शाखाओं की बढ़ती उत्पादकता और सशक्त वितरण के चलते जनवरी 2022 में रु 100 के ।न्ड के आंकड़े को पार कर लिया है। जनवरी 2022 तक समग्र वितरण रु 168 करोड़ के आंकड़े तक पहुंच गया है। कंपनी ने दिसम्बर 21 में रु 14.41 करोड़ की इक्विटी जुटाई और इसे 17 ऋणदाताओं का समर्थन प्राप्त है। कंपनी ने मार्च 2022 तक 6 और शाखाएं खोलने की योजना बनाई है, इसके साथ कंपनी की शाखाओं की संख्या 5 राज्यों में 30 तक पहुंच जाएगी। वित्तीय वर्ष 23 में कंपनी ने रु 400 करोड़ के ।न्ड का लक्ष्य तय किया है।

ज़रूरी क्षेत्रों पर फोकस के साथ संतुलित एवं विविध बिज़नेस मॉडलः कंपनी का ।न्ड विभिन्न भोगौलिक क्षेत्रों एवं सेक्टरों में फैला है, जिसमें ज़रूरी सेक्टरों और सेवाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जिससे पोर्टफोलियो की गुणवत्ता को स्थिरता मिल रही है। ।न्ड विभिन्न राज्यों में फैला है, जिसमें जनवरी 22 में किसी भी एक राज्य का ।न्ड 35 फीसदी से अधिक नहीं है।

जीवन में ला रहा है बदलावः मनीबॉक्स भारत के तीसरे स्तर के शहरों एवं छोटे नगरों में वंचित छोटे उद्यमों को ऋण के द्वारा आय सृजन के अवसर उपलब्ध कराकर वित्तीय समावेशन को प्रोत्साहित करता है। अब तक मनीबॉक्स 12,000 से अधिक ऋण लेने वालों के जीवन में बदलाव ला चुका है, जिनमें से 25 फीसदी महिला उद्यमी हैं और 31 फीसदी ऐसे लोग हैं जिन्होंने पहली बार ऋण लिया है। हम इन्हें सम्पत्ति की खरीद, पूंजी एवं आय सृजन के लिए ऋण देकर उनकी आय को कई गुना बढ़ाने में मदद करते हैं, इस तरह हम सिर्फ पूंजी के दायरे से बाहर जाकर उन पर स्थायी प्रभाव उत्पन्न कर रहे हैं। हमारे ऋण के साथ कृषि उद्यमी की आय तीन सालों में दोगुनी हो जाती है, जिससे उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आता है। मनीबॉक्स संभवतया देश की एकमात्र एनबीएफसी है जो डेयरी किसानों की दूध उत्पादकता बढ़ाने एवं उनके मवेशियों के स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए अपनी शाखाओं में वेट्स की भर्ती कर रही है। इस तरह यह फाइनैंसिंग के दायरे से बाहर जाकर सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध है।

श्री दीपक अग्रवाल, सह-संस्थापक, मनीबॉक्स फाइनैंस लिमिटेड ने कहा, ‘‘हमने देखा है कि रु 1-10 लाख के ऋण सेगमेन्ट में विकास की अपार संभावनाएं हैं। क्योंकि इस सेगमेन्ट में छोटे उद्यमियों को आसानी से ऋण नहीं मिल पाता और बहुत ही कम प्लेयर्स उन्हें ऋण की सुविधाएं देते हैं। हमारा सशक्त एवं बड़े पैमाने का बिज़नेस मॉडल है, जो पूरी तरह से डिजिटल प्रक्रिया एवं रिस्क एनालिटिक्स से पावर्ड है। कम कैपेक्स एवं संचालन लागत के साथ इसका मजबूत ब्रांच युनिट इकोनोमिक्स है। हमारा एक प्रमाणित बिज़नेस मॉडल है जो एनबीएफसी जगत में सर्वश्रेष्ठ असेट गुणवत्ता मीट्रिक्स (दिसम्बर 21 का जीएनपीए 0.68 फीसदी) एवं सशक्त

अंडरराइटिंग प्रथाओं के साथ इस सेगमेन्ट में अपनी सेवाएं प्रदान करता है। हमने वित्तीय वर्ष 23 तक रु 400 करोड़ के ।न्ड तक पहुंचने का लक्ष्य रखा है, जिसके लिए पूंजी जुटाने की योजनाएं बनाई गई हैं और हमारे ऋणदाताओं से भी हमें पूर्ण सहयोग मिल रहा है।’’

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