– देश भर से आए 6000 से ज्यादा चिकित्सकां ने की शिरकत
– एपिकॉन ने किया गिनीज बुक ऑफ वर्ड रिकॉर्ड अपने नाम
– चिकित्सको की ‘बाइबल‘ हैरिसन का विमोचन
– उद्घाटन सत्र में कोरोना महामारी और उसके प्रभाव छाए रहे
– मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किया औपचारिक उद्घाटन
जयपुर, 14 अप्रैल, 2022। आज से शुरू हुए द एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इण्डिया के 77वे एनुअल कॉन्फ्रेंस एपिकॉन-2022 के उद्घाटन सत्र में कोविड महामारी की मुद्दा छाया रहा। ओर्गनइजिंग चेयरमैन, डॉ. के.के. पारीक और ओर्गनइजिंग सेक्रेटरी डॉ. पुनीत सक्सेना ने बताया कि कॉन्फ्रेंस का आरंभ औपचारिक दीपक प्रज्जवल से हुआ। यह भी बताया गया कि यह एपिकॉन डॉक्टर्स की नई जनरेशन के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि आज चिकित्सा के क्षेत्र में टेलीकन्सलटेंसी सहित अनेक क्रांतिकारी परिवर्तन हुए हैं। जिनके बारे में इस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी जाएगी। इस कॉन्फ्रेंस में देश भर के करीब 6000 लोग भाग ले रहे हैं। इस चार दिवसीय आयोजन में 650 सेशन्स और 950 विशेषज्ञ चिकित्सक भाग ले रहे है। औपचारिक उद्घाटन शाम को 6.30 बजे सीतापुरा स्थित अत्याधुनिक जेईसीसी में औपचारिक उद्घाटन प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत मूख्य अतिथि, गेस्ट ऑफ ऑनर स्वास्थ्य मंत्री प्रसादी लाल मीणा, विशेष अतिथि वाइस चांसलर आरयूएचएस डॉ सुधीर भण्डारी और प्रिंसिपल सेक्रेटरी मेडिकल एज्यूकेशन श्री वैभव गलेरिया के सानिध्य में किया गया।
ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. पुनीत सक्सेना ने बताया कि सम्मेलन में अनेक विषयों पर शोध पत्र और व्याख्यान प्रस्तुत किए गए जिसमें डॉ. सुधीर भण्डारी, डॉ. अशोक सेठ, डॉ. राजेश उपाध्याय, डॉ. शंशाक जोशी, डॉ. नारायण रेड्डी एवं अन्य चिकित्सक प्रमुख थे। इसके अलावा 6 कार्यशालाएं, पोस्टर विमोचन तथा प्रतियोगिताएं आयोजित की गई।
ऑनर लैक्चर में एम्स दिल्ली के डायरेक्टर पद्मश्री डॉ रणदीप गुलेरिया ने वायू प्रदूषण के वर्तमान परिदृश्य के बारे में विस्तार से प्रेजेन्टेशन के माध्यम से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस प्रकार के पॉल्यूशन के लिए सीधे तौर पर हम जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि धूम्रपान और वाहन इसका सबसे बड़ा कारण है। इसका ताजा उदाहरण देश की राजधानी दिल्ली है जहां देश का सर्वाधिक वायु प्रदूषण होता है।
हैरिसन का विमोचन
पूरे विश्व के फिजीशियंस के लिए ‘‘बाइबल‘‘ समझे जाने वाली बुक हैरिसन – प्रिंसिपल ऑफ इंटरनल मेडिसन के 21वें सस्करण का विमोचन ऑर्गेनाइजिंग कमेटी के प्रेसिडेन्ट डॉ के.के. पारीक और सेक्रेटरी डॉ. पुनीत सक्सेना द्वारा किया गया। हर तीसरे साल इस बुक का नया संस्करण जारी किया जाता है।
एपिकॉन ने रचा इतिहास गिनीज बुक में नाम दर्ज
77वीं एपिकॉन में गैस्ट्रोओसोफेगल रोगों से जुड़े इरोसिव एसोफैगिटिस के अल्पकालिक उपचार के लिए निर्धारित एक दवा की ब्लिस्टर पैक से एक डिसप्ले किया गया है जिसमें इस दवा की करीब 3 हजार (2750) स्ट्रिप्स के एक बोर्ड ‘‘मेड फॉर इण्डिया-मेड इन इण्डिया‘‘ का प्रदर्शन किया है। इन ब्लिस्टर पैक में प्रयुक्त 45,000 टैबलेट्स यहां एसएमएस अस्पताल के गेस्ट्रो विभाग को गिफ्ट की जाएगी। यह दवा प्रोटॉन पम्प अवरोधक पेट में स्वाभाविक रूप से होने वाली एसिड की मात्रा को कम करता है।