राष्ट्रीय, 04 अप्रैल, 2022: टाटा पावर के समग्र और समावेशी विकास के सिद्धांत के अनुरूप, टाटा पावर कम्युनिटी डेवलपमेंट ट्रस्ट (टीपीसीडीटी) ने आज सेंटर फॉर ऑटिज़्म एंड अदर डिसएबिलिटीज रिहैबिलिटेशन रिसर्च एंड एजुकेशन (CADRRE) के साथ साझेदारी की है, जिसके तहत ‘पे ऑटेन्शन – ए डिफरेंट माइंड इज ए गिफ्टेड माइंड” भारत का पहला ब्रिजिटल ऑटिज़्म सपोर्ट नेटवर्क शुरू किया जाएगा।
ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (एएसडी) एक न्यूरो-डेवलपमेंटल डिसऑर्डर है, जिसकी गंभीरता अलग-अलग हो सकती है। लोगों के साथ मिलने-जुलने, बात करने में कठिनाई, आचरण कुछ चीज़ें न कर पाना और कुछ बार-बार करते रहना आदि चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसके लक्षण आमतौर पर बचपन से ही शुरू हो जाते हैं और व्यक्ति के पूरे जीवन काल तक बने रहते हैं। यह दुनिया में तीसरा सबसे आम विकासात्मक विकार है।
ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (एएसडी) के बारे में जागरूकता बढ़ाना और लोगों को ऑटिज़्म से पीड़ित व्यक्तियों और उनके माता-पिता और देखभाल करने वालों को समझने, स्वीकार करने और उनका समर्थन करने में मदद करना इस पहल का उद्देश्य है। यह पहल छोटे शहरों और ग्रामीण भारत के लिए विशेष देखभाल और सहायता तक पहुंचने का मार्ग प्रशस्त करेगी और विकलांगों के लिए चैंपियन का एक सहायक नेटवर्क बनाने में मदद करेगी। यह मंच ऑटिज़्म से पीड़ित लोगों के लिए सलाह, कौशल और सार्थक आजीविका को भी सक्षम करेगा। टाटा पावर के मुख्य सीएसआर उद्देश्य ‘एम्पॉवरिंग विद केयर’ के अनुरूप तैयार की गई पहल, समानता, विविधता और समावेश पर ध्यान देने के साथ समावेशी विकास की कंपनी की यात्रा में एक प्रमुख पड़ाव है।
इस पहल के तहत, टाटा पावर कम्युनिटी डेवलपमेंट ट्रस्ट (टीपीसीडीटी) और CADRRE का लक्ष्य है कि माता-पिता, देखभाल करने वालों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र कार्यकर्ताओं, स्कूली शिक्षकों, सामाजिक विकास संगठनों के कर्मचारियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को विकास की प्राथमिक पहचान और समर्थन चैंपियन बनने के लिए सशक्त बनाया जा सकें जिससे ऑटिज़्म से पीड़ित बच्चों और युवा वयस्कों के लिए शीघ्र मदद, इलाज और समर्थन को बढ़ावा मिलेगा।
साझेदारी के शुभारंभ के लिए वर्च्युअली आयोजित एक कार्यक्रम में टाटा संस के अध्यक्ष श्री नटराजन चंद्रशेखरन, टाटा पावर के सीईओ और एमडी, डॉ प्रवीर सिन्हा, टाटा पावर के सीएचआरओ, श्री हिमल तिवारी, टाटा पावर, टाटा पावर की ब्रांडिंग, कम्युनिकेशन्स, सीएसआर, सस्टेनेबिलिटी चीफ सुश्री ज्योति कुमार बंसल, टाटा पावर की सीएसआर हेड सुश्री फोरम नागोरी ने भाग लिया और सभी को संबोधित किया।
इस अवसर पर सभी को संबोधित करते हुए, टाटा संस के अध्यक्ष, श्री एन. चंद्रशेखरन ने कहा, “न्यूरोडेवलपमेंटल विकलांग लोगों, उनके परिवारों और देखभाल करने वालों को सशक्त बनाने के लिए अपनी तरह का पहला ऑटिज़्म सपोर्ट नेटवर्क शुरू करने के लिए मैं टाटा पावर और CADRRE को बधाई देता हूं। एक जिम्मेदार कॉर्पोरेट समूह होने के नाते, हम बड़े पैमाने पर अर्थव्यवस्था और समाज के समान और संतुलित विकास को सक्षम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ब्रिजिटल कनेक्टिविटी सुविधा और ऑटिज़्म से पीड़ित लोगों, ग्रामीण समुदायों सहित सभी को आसानी से उपलब्ध हो सकें ऐसे सामाजिक बुनियादी ढांचे को सुविधाजनक बनाना हमारा उद्देश्य है। मैं अधिक से अधिक कॉर्पोरेट्स और इन्फ्लुएंसर्स से अनुरोध करता हूं कि प्रौद्योगिकी की क्षमता का लाभ उठाते हुए इस तरह की केंद्रित सामाजिक नवाचार पहल के माध्यम से हमारे समाज से असमानताओं को मिटाने के लिए आगे आएं।”
इस पहल पर टिप्पणी करते हुए, टाटा पावर के सीईओ और एमडी, डॉ. प्रवीर सिन्हा ने कहा, “टाटा पावर हमेशा समावेशी सामाजिक विकास के लिए प्रतिबद्ध रहा है और हमारे सभी सामुदायिक सहायता, समर्थन प्रयास ‘लीडरशिप विद केयर‘ के हमारे मुख्य लक्ष्य के अनुरूप तैयार किए गए हैं। भारत में ऑटिस्टिक केयर के पारिस्थितिकी तंत्र का समर्थन करने के लिए एक विशेष ब्रिजिटल कार्यक्रम पे ऑटेन्शन के शुभारंभ के साथ, हम पेशेवर देखभाल और समर्थन के माध्यम से इन व्यक्तियों के लिए संभावनाओं को उपलब्ध कराना चाहते हैं, उनके जीवन में नयी रोशनी लाना चाहते हैं और किसी को भी पीछे न छोड़ते हुए, सभी को साथ लेकर इस विकास की राह पर चलते रहना हमारा लक्ष्य है।”
इस अवसर पर, CADRRE के मानद निदेशक श्री जी. विजय राघवन ने कहा, “टाटा पावर के साथ सहयोग करते हुए पे ऑटिशन ऑटिज़्म सपोर्ट नेटवर्क लॉन्च करके हमें बहुत ख़ुशी हो रही है, यह पहला कदम है एक ऐसा मॉडल बनाने की दिशा में जो देश के दूर-दराज़ इलाकों से भी विशेषज्ञों और चिकित्सकों तक पहुंच प्रदान करेगा। हमें विश्वास है कि यह एक ऐसा मंच बनेगा जो अगले कुछ वर्षों में ऑटिज़्म से प्रभावित अनगिनत परिवारों के जीवन में परिवर्तन लेकर आएगा।”
विशेष ओलंपिक विश्व खेलों में गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय गोल्फर (ऑटिज़्म के साथ) , खिलाडी और ऑटिज़्म चैंपियन, श्री रणवीर सैनी ने इस कार्यक्रम में अपना अनुभव सांझा करते हुए कहा कि, “मुझे टाटा पावर से सहयोग प्राप्त करते हुए और ऑटिज़्म से पीड़ित व्यक्तियों के लिए इस* बहुत जरूरी सपोर्ट पोर्टल का हिस्सा बनने में खुशी हो रही है। मुझे यकीन है कि यह पहल न केवल सशक्त होगी बल्कि जिन्हें विशेष देखभाल की ज़रूरत है ऐसे अनगिनत विकलांग लोगों के जीवन को भी रोशन करेगी।”
पहले चरण में, इस पहल में मुख्य रूप से ऑटिज़्म से पीड़ित बच्चों का समर्थन करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, और बाद में, दूसरे चरण में, यह युवा वयस्कों पर ध्यान केंद्रित करेगी, उन्हें जीवन कौशल और करियर की तैयारी के साथ सशक्त बनाया जाएगा। ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुंचने के अलावा, पहल का उद्देश्य सामुदायिक चैंपियन जैसे कॉरपोरेट्स, विकलांगता से प्रभावित लोगों और सीएसआर क्षेत्र, स्कूलों और विशेष शैक्षणिक संस्थानों, सरकारी हितधारकों, और गैर सरकारी संगठनों/गैर-लाभकारी संस्थाओं के साथ एक समर्थन नेटवर्क बनाना है।
साझेदारी का उद्देश्य माता-पिता को बच्चों के जीवन के शुरुआती सालों में ऑटिज़्म के लिए जांच करने और यदि आवश्यक हो तो निदान करवाने के लिए सक्षम बना सकें ऐसा अभिनव मॉड्यूल और आकर्षक प्रथाओं का निर्माण करना है। ऑटिज़्म पर ये उपयुक्त सैद्धांतिक रूपरेखा महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे बच्चों को लंबे समय तक स्वतंत्र रूप से जीने में सहायता कर सकते हैं। शुरूआत में स्थानीय सहयोगियों, स्कूलों, सामाजिक विकास संस्थानों और टाटा ग्रुप से जुड़े और टाटा पावर प्लांट के आसपास के क्षेत्रों के स्वयंसेवकों को इस विषय पर पहले से रिकॉर्ड की गई सामग्री उपलब्ध करायी जाएगी और हर महीने लाइव सेमिनार आयोजित किए जाएंगे।
ऑटिज़्म से पीड़ित बच्चों को प्रशिक्षित करने में कुशल CADRRE के विशेषज्ञों के सहयोग से कंटेंट को डिज़ाइन और वितरित किया गया है । यह पहल जमीनी स्तर के चैंपियन का नेटवर्क तैयार करेगी, प्रारंभिक पहचान, प्रथम स्तर की देखभाल, सामाजिक कौशल, दैनिक जीवन की गतिविधियों को आसान बनाने के तरीके, संवेदी और मोटर विकास के लिए कार्यशालाएं – कला और शिल्प, नृत्य, संगीत चिकित्सा, शारीरिक और मानसिक फिटनेस, संचार कौशल और शिक्षाविदों के लिए समर्थन प्रदान करेगी। इसके अलावा, 18002099 488 पर एक टोल-फ्री ऑटिज़्म सपोर्ट हेल्पलाइन भी शुरू की गई है, ताकि ज़रूरतमंद परिवारों को इंटरएक्टिव सपोर्ट और बहुत जरूरी पेशेवर सहायता प्रदान की जा सकें।
CADRRE ऑटिज़्म से प्रभावित परिवारों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सेवाओं और कार्यक्रमों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है – जिसमें जागरूकता, जानकारी, मार्गदर्शन, निदान और मूल्यांकन, अंतःविषय हस्तक्षेप, परिवार सहायता कार्यक्रम, समूह चिकित्सा, और छात्रों के लिए संरचित शिक्षण कार्यक्रम शामिल हैं।
हाल की समीक्षाओं का अनुमान है कि विश्व स्तर पर प्रत्येक 160 में से 1 बच्चा एएसडी और उससे जुड़ी अक्षमताओं से ग्रस्त है। वर्तमान में, यह अनुमान है कि भारत में ऑटिज़्म से पीड़ित 21.6 लाख से अधिक लोग हैं। आगे बढ़ते हुए, कंपनी सभी भौगोलिक क्षेत्रों में अधिकतम लाभार्थियों तक पहुंचना चाहती है, समर्थन को सक्षम करना और नेटवर्क बनाना, जागरूकता और समर्थन मूवमेंट खड़ा करना चाहती है।