मुंबई, 23 मई, 2022: गोदरेज समूह की प्रमुख कंपनी, गोदरेज एंड बॉयस ने आज घोषणा की कि उसके व्यवसाय गोदरेज इंटरियो, जो घर और कार्य–स्थलों में भारत के अग्रणी फर्नीचर समाधान ब्रांड है, ने ट्रेंड रिपोर्ट “21 वीं सदी के लर्निंग स्पेसके लिए डिजाइन ब्लूप्रिंट” लॉन्च की है।
भारत में शिक्षा क्रांति के शिखर पर है क्योंकि यह अनुदेशात्मक मोड से अनुभवात्मक मोड में बदल रही है। भारत सरकार की संशोधित राष्ट्रीय शिक्षा नीति (2020) का उद्देश्य बहुआयामी और प्रौद्योगिकी-केंद्रित शिक्षा को बढ़ावा देना है। उनके वर्कस्पेस और एर्गोनॉमिक्स रिसर्च सेल द्वारा गोदरेज इंटेरियो की नवीनतम ट्रेंड रिपोर्ट में ऐसे ट्रेंड का खुलासा किया गया जिससे भावी शिक्षा को आकार मिलेगा और वो सरकार की नीति के अनुरूप हैं।
ट्रेंड रिपोर्ट के अनुसार, 21वीं सदी में शिक्षा-स्थल प्रत्येक छात्र की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुसार समायोजित किया जाना चाहिए। इसके अलावा, वो औपचारिक और अनौपचारिक दोनों ही रूप से प्रभावी शिक्षा के लिए आवश्यक सकारात्मक मानवीय संबंधों को समर्थन करने वाले होने चाहिए। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि ये स्थान छात्र-केंद्रित और तकनीकी रूप से सक्षम होने चाहिए जिससे व्यक्तिगत और सामूहिक शिक्षा सक्षम हो सके, नवाचार को बढ़ावा मिले और स्वस्थ समुदाय की भावना विकसित हो।
रिपोर्ट में 21वीं सदी के शिक्षण-स्थल में शामिल 5 व्यापक पहलुओं पर प्रकाश डाला गया है – अनुकूलनीय, आमंत्रक, स्मार्ट, आरामदायक और सुरक्षित।
अनुकूलनीय स्थान एक ही जगह पर कई शिक्षण मोड का समर्थन करते हैं और ‘मैं और हम’ कार्य की सुविधा प्रदान करते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 79 प्रतिशत छात्रों ने बताया कि वे व्यक्तिगत आवश्यकताओं और सामूहिक चर्चाओंं के अनुरूप फर्नीचर को पुनर्व्यवस्थित करना चाहते हैं। इसके अलावा, अपना लेआउट बदलने में सक्षम 94 प्रतिशत शिक्षक मानते हैं कि वे प्रभावशाली तरीके से छात्रों को पढ़ा सकते हैं, लेकिन अपना लेआउट बदलने में असमर्थ केवल 40.5 प्रतिशत शिक्षक ही मानते हैं कि वो प्रभावशाली ढंग से पढ़ा सकते हैं। इसलिए, शिक्षा का वातावरण अनुकूलनीय होना चाहिए, जो व्याख्यान मोड, समूह प्रस्तुति और चर्चाओं के अनुसार अलग-अलग रूपों में बदला जा सके।
आमंत्रक स्थान से रचनात्मकता को प्रोत्साहन मिलता है और ये ‘उबाऊ, प्रतिबंधात्मक, या डराऊ’ स्थान को ‘आकर्षक, आरामदेह और स्फूर्तिदायक’ स्थान में बदल सकते हैंएक में बदलकर रचनात्मकता को प्रोत्साहित करते हैं जो ‘आमंत्रित, आराम और स्फूर्तिदायक है। इसलिए, सहयोग और शिक्षण के लिए अर्ध-खुले स्थान बनाने के लिए चौड़े गलियारों जैसी जगहों जहाँ काफी स्थान खाली छूटा होता है, उन्हें नये सिरे से डिजाइन किया जाना चाहिए।
रिपोर्ट में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया है कि 21वीं सदी की सीखने की जगहें स्मार्ट हों जहां तकनीक के जरिए छात्रों के लिए शिक्षा को वैयक्तिक करने में मदद मिल सके, उनकी जिज्ञासा की प्रवृत्ति को बढ़ावा मिले और उन्हें बेहतर अनुभव प्राप्त हो और 98.3 प्रतिशत शिक्षकों को लगता है कि तकनीक कक्षाओं में फायदेमंद है।
आरामदायक शिक्षण स्थलउपयोगकर्ताओं की एर्गोनॉमिक आवश्यकताओं, विकास और ऊर्जा स्तर के अनुरूप होते हैं, जिनसे असुविधा कम होती हैऔर एकाग्रता एवं स्वास्थ्य बेहतर बना रहता है। अध्ययन के अनुसार, छात्र अपने दिन के लगभग 6 -8 घंटे बैठे-बैठे बिताते हैं, इसलिए फर्नीचर ऐसे होने चाहिए जो मूव करने की उनकी स्वाभाविक आवश्यकता के अनुरूप हों। इसलिए, सक्रिय जीवनशैली के लिए जरूरी है कि वो अपने पॉश्चर बदलने में सक्षम हों।
शिक्षन स्थलों में सुरक्षा अत्यावश्यक है ताकि शारीरिक चोट की संभावना कम से कम हो और बेहतर अनुभव सुनिश्चित किया जा सके।
समीर जोशी, वाइस प्रेसिडेंट, मार्केटिंग (B2B), गोदरेज इंटरियो ने कहा, “शिक्षा में दुनिया के भविष्य को प्रभावित करने की शक्ति समाहित है। नयी-नई और आधुनिक अध्ययन एवं अध्यापन पद्धतियों के माध्यम से वर्तमान शिक्षा प्रणाली को बदलना समय की मांग है। इस बदलाव को समायोजित करने के लिए और सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप, हमने एक ट्रेंड रिपोर्ट प्रकाशित की है जिसमें बताया गया है कि कैसे शिक्षा के लिए स्थान में बदलाव किया जाना चाहिए और यह 21वीं सदी के आधुनिक लर्निंग स्पेस के अनुरूप होनी चाहिए। इन स्थानों के निर्माण में फर्नीचर काफी सहायक साबित हो सकता है। गोदरेज इंटरियो में, शैक्षिक उद्देश्यों से तैयार किए गए संस्थागत फर्नीचर हमारा एक महत्वपूर्ण खंड है क्योंकि यह शैक्षिक अनुभव को बेहतर बनाने और एक बेहतर दुनिया के निर्माण के लिए अगली पीढ़ी को तैयार करने में योगदान देता है। वित्त वर्ष 22 -23 के अंत तक, हमारा लक्ष्य शैक्षिक फर्नीचर से 260 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित करना है।”
गोदरेज इंटरियो पूरे भारत में 16,000 से अधिक शैक्षणिक संस्थानों को शैक्षिक फर्नीचर प्रदान करता है।