प्रमुख विशेषताएं – वित्तीय वर्ष 2022 की चौथी तिमाही
- शुद्धलाभ, वर्ष-दर-वर्ष 31%वृद्धि के साथ रु.606करोड़ रहा।
- एनआईएम (वैश्विक) मार्च’21 में 2.01% से बढ़कर मार्च’22 में 2.58% हो गया।
- आस्तियों पर प्रतिफल (आरओए) वर्ष-दर-वर्ष 17 बीपीएस वृद्धि के साथ 30% रहा।
- इक्विटीपर प्रतिफल (आरओए) वर्ष-दर-वर्ष 267 बीपीएस वृद्धि के साथ6.64% रहा।
- सीआरएआर 17.04% रहा और सीईटी-1 अनुपात 14.02%रहा।
- सकल एनपीए अनुपात क्रमिक आधार पर379 बीपीएसकम होकर 9.98% रहा।
- निवल एनपीए अनुपात क्रमिक आधार पर 101 बीपीएसकम होकर 2.34% रहा।
- प्रावधान कवरेज अनुपात (पीसीआर) 87.76%के उच्चतर स्तर पर रहा।
- स्लिपेजअनुपात44% रहा और ऋण की लागत1.10%रही।
- आरएएम अग्रिमों में वर्ष-दर-वर्ष 15.70% वृद्धि हुई है और अग्रिमों में उसकी हिस्सेदारी 97% है।
- प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र अग्रिम, एएनबीसी का 41.55% है।
- कासा अनुपात मार्च’21 में41.27% से बढ़कर मार्च’22 में45.02%हो गया।लाभप्रदता वित्तीय वर्ष22 की चौथी तिमाही:
- निवल लाभ में वर्ष-दर-वर्ष आधार पर 142.31% की उछाल आई है। यह वित्तीय वर्ष’21 की चौथी तिमाही में रु.250 करोड़ था जो वित्तीय वर्ष 22 की चौथी तिमाही में बढ़कर रु.606 करोड़ हो गया।
- परिचालन लाभवर्ष-दर-वर्ष आधार पर 31.85% की उछाल आई है। यह वित्तीय वर्ष ’21 की चौथी तिमाही में रु.1,870 करोड़ था जो वित्तीय वर्ष 22 की चौथी तिमाही में बढ़ कर रु.2,466 करोड़ हो गया।
- निवल ब्याज आय (एनआईआई) में 35.77% की वृद्धि आई है। यह वित्तीय वर्ष 2021 चौथीतिमाही मेंरु.2,936 करोड़ से बढ़करवित्तीय वर्ष 2022 की चौथी तिमाही में रु. 3,986 करोड़ हो गयी। क्रमिक आधार पर यह एनआईएम में 16.96% की वृद्धि हुई है।
- गैर-ब्याज आय, वित्तीय वर्ष 2021 की चौथी तिमाही के रु. 1,829 करोड़ की तुलना में, वित्तीय वर्ष 2022 की चौथी तिमाही में रु. 1,587 करोड़ हो गयी।
लाभप्रदता वित्तीय वर्ष22:
- शुद्ध लाभ में वर्ष-दर-वर्ष आधार पर 60% की उछाल आई है। यह वित्तीय वर्ष ’21 में रु.2,160 करोड़ था जो वित्तीय वर्ष 22 में बढ़कर रु.3,405 करोड़ हो गया।
- परिचालन लाभ जोवित्तीय वर्ष ’21 में रु.10,273 करोड़ था, वित्तीय वर्ष 22 में रु.9,988 करोड़ रहा।
- निवल ब्याज आय (एनआईआई) जोवित्तीय वर्ष ’21 में रु.14,270 करोड़ थी, वित्तीय वर्ष 22 में रु.14,062 करोड़ रही।
- गैर-ब्याज आय, जोवित्तीय वर्ष 2021में रु. 6,842 करोड़ थी,15% वृद्धि के साथ, वित्तीय वर्ष 2022 में रु. 7,879 करोड़ हो गयी।
वित्तीय अनुपात : तिमाही 4 वित्त वर्ष-22
- एन.आई.एम.(ग्लोबल), वित्तीय वर्ष 22 की चौथी तिमाही में सुधरकर 2.58% रहा जो मार्च 21 में 2.01% था।
- एन.आई.एम.(घरेलू) भीमार्च 22 में सुधरकर 2.90% रहा जो मार्च 21 में 2.16% था।
- आस्तियों पर प्रतिफल (आरओए), वित्तीय वर्ष 22 की चौथी तिमाही में सुधरकर 0.30% रहा जो वित्तीय वर्ष 2021 की चौथी तिमाही में 0.13% था।
- इक्विटी पर प्रतिफल (आरओई), वित्तीय वर्ष 21 की चौथी तिमाही के 3.97% के विरुद्ध वित्तीय वर्ष 22 की चौथी तिमाही में 6.44 % रहा।
- स्लिपेज अनुपात, वित्त वर्ष 21 की चौथी तिमाही में 2.05% से कम होकर वित्त वर्ष 22 को चौथी तिमाही में 0.44% हो गया।
- ऋण लागत में सुधार हुआ। यह वित्तीय वर्ष 21 की चौथी तिमाही में 3.36% था जो वित्तीय वर्ष 22 की चौथी तिमाही में 1.10% हो गया।
अनुपात वित्तीय वर्ष 22:
- वित्तीय वर्ष 22 में एनआईएल (ग्लोबल) 2.36% रहा तथा एन.आई.एम (घरेलू) 2.61% रहा ।
- वित्तीय वर्ष 22 में आस्तियों पर प्रतिफल 0.43% रहा जो वित्तीय वर्ष 21 के 0.28% से सुधार है।
- वित्तीय वर्ष 22 मे इक्विटी पर प्रतिफल (आर.ओ.ई) 10.55% रहा जो वित्तीय वर्ष 21 के 8.81% से सुधार है।
- स्लिपेज अनुपात वित्तीय वर्ष 21 के 2.41% से कम होकर वित्तीय वर्ष 22 मे 2.15% हो गया।
- ऋण लागत वित्तीय वर्ष 21 में 1.80% था जो वित्तीय वर्ष 22 में सुधरकर 0.75% हो गया।
कारोबार
- वैश्विक कारोबार, जो मार्च 21 में रु. 10,37,549 करोड़ था, वह वर्ष-दर-वर्ष 4.56% की वृद्धि के साथ बढ़कर मार्च 2022 में रु. 10,84,910 करोड़ हो गया।
- वैश्विक जमाराशियां, वर्ष-दर-वर्ष 0.12% की दर से बढ़ीं तथा रु. 6,27,896 करोड़ के स्तर पर रहीं।
- वैश्विक अग्रिम वर्ष-दर-वर्ष 11.35% की वृद्धि के साथ रु. 4,57,014 करोड़ रहे।
- घरेलू कासा जमाराशियों में वर्ष-दर-वर्ष 9.26% की वृद्धि हुई तथा मार्च 2022 में रु. 2,24,669 करोड़ से बढ़कर रु. 2,45,464 करोड़ हो गईं तथा कासा प्रतिशत मार्च 21 के 41.27% से सुधरकर मार्च 22 में 45.02% हो गए।
- मार्च 2022 में घरेलू अग्रिम, वर्ष-दर-वर्ष 8.73% की वृद्धि के साथ बढ़कर रु. 3,93,991 करोड़ हो गए तथा विदेशी अग्रिम वर्ष-दर-वर्ष 31.09% की वृद्धि के साथ रु. 63,023 करोड़ हो गए।
- आरएएम अग्रिम वर्ष-दर-वर्ष 15.70% की वृद्धि के साथ रु. 2,16,567 करोड़ हो गए, जो अग्रिमों का 54.97% है।
- मार्च 2022 में रिटेल अग्रिम वर्ष-दर-वर्ष 18.54% की वृद्धि के साथ रु.80,674 करोड़ हो गए।
- कृषि ऋण वर्ष-दर-वर्ष 19.27% की वृद्धि के साथ मार्च 2022 में रु. 66,431 करोड़ हो गए।
- एमएसएमई ऋण वर्ष-दर-वर्ष 9.52% की वृद्धि के साथ मार्च, 2022 में रु. 69,462 करोड़ हो गए।
आस्ति गुणवत्ता :
- सकल एनपीए में वर्ष दर दर 19.33% की कमी आई तथा यह मार्च, 2021 के रु. 56,535 करोड़ से घटकर मार्च, 2022 में रु. 45,605 करोड़ हो गए।
- निवल एनपीए में वर्ष दर वर्ष 19.66% की कमी आई तथा यह मार्च, 2021 के रु.12,262 करोड़ की तुलना में मार्च, 2022 में रु. 9,852 करोड़ रहा।
- सकल एनपीए अनुपात मार्च, 2021 के 13.77% से सुधरकर मार्च, 2022 में 9.98% हो गया।
- निवल एनपीए अनुपात मार्च, 2021 के 3.35% से सुधरकर मार्च, 2022 में 2.34% हो गया।
- प्रावधान कवरेज अनुपात (पीसीआर) मार्च, 2021 के 86.24% की तुलना में मार्च, 2022 में 87.76% रहा।
पूंजी पर्याप्तता :
- बैंक का पूंजी पर्याप्तता अनुपात (सीआरएआर) दिसंबर, 2021 के 16.66% तथा मार्च, 2021 के 14.93% की तुलना में यथा 31.03.2022 को 17.04% रहा।(11.5 प्रतिशत के लक्ष्य की तुलना में)
- सीईटी -1 अनुपात दिसंबर 2021 के 13.16% और मार्च 2021 के 11.51% की तुलना में मार्च, 2022 में 14.02% रहा।(8 प्रतिशत के लक्ष्य की तुलना में)
- वर्ष के दौरान बैंक ने पूंजी आधार को बढ़ाने के लिए रु.2,550 करोड़ के क्यूआईपी और रु. 1800 करोड़ के टियर II बॉण्ड सफलतापूर्वक जुटाए।
प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र, वित्तीय समावेशन एवं डिजिटल बैंकिंग :
- प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के अग्रिमों में वर्ष-दर-वर्ष 9.57% कीवृद्धि हुई है और यथा मार्च, 2022 को एएनबीसी के 41.55% को प्राप्त किया है। कृषि अग्रिमों ने एएनबीसी के18% लक्ष्य को प्राप्त किया है।
- लघु एवं सीमांत किसानों को दिये गए अग्रिम, 9% विनियमकीय मानदंडों की तुलना में, मार्च 2022 में एएनबीसी के 10.37% रहे।
- कमजोर वर्गों को दिए गए अग्रिम, विनियमकीय मानदंडों के 11% की तुलना में, मार्च, 2022 में एएनबीसी का 13.55% रहे।
वित्तीय समावेशन कार्यनिष्पादन :
- पीएमएसबीवाई : पूरे वर्ष के लिए 30%लक्ष्यकी तुलना में उपलब्धि 36.12% रही।
- पीएमजेजेबीवाई: पूरे वर्ष के लिए15%लक्ष्यकी तुलना में उपलब्धि 16.54% रही।
- एपीवाई प्रति शाखा: पूरे वर्ष के लिए 70 के लक्ष्यकी तुलना में 92 प्राप्त किया।
डिजिटल बैंकिंग :
- इंटरनेट बैंकिंग प्रयोक्ता: मार्च 2021 के 7.60 मिलियन से बढ़कर मार्च, 2022 में 8.09 मिलियन हो गए।
- मोबाइल बैंकिंग प्रयोक्ता: मार्च 2021 के 4.34 मिलियन से बढ़कर मार्च, 2022 में 6.11 मिलियन हो गए।
- यूपीआई प्रयोक्ता: मार्च 2021 के 9.98 मिलियन से बढ़कर 12.99 मिलियन हो गए।
वित्तीय वर्ष 2023 हेतु दिशाएं:
- वित्तीय वर्ष 2023 में 10-12% की ऋण वृद्धि प्रस्तावित है।
- सकल एनपीए 8% से कम होना अपेक्षित है।
- एनआईएम लगभग 3% होना प्रस्तावित है।
- ऋण लागत 1% होना अपेक्षित है।