पुणे, 11 मई, 2022 – महिलाओं के स्वास्थ्य से संबंधित एनीमिया, स्तनपान और मासिक धर्म जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रमुख फार्मा कंपनी एमक्योर फार्मास्युटिकल्स ने ‘एमवोकल’ इनिशिएटिव लॉन्च किया है। यह जागरूकता अभियान है जिसे फेडरेशन ऑफ ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजिस्ट ऑफ इंडिया (एफओजीएसआई) के सहयोग से शुरू किया गया है। इस पहल के तहत ऑगमेंटेड रियलिटी (एआर) और व्यक्तिगत डिजिटल सहायक जैसी तकनीकों का उपयोग करते हुए देशभर में 1 करोड़ महिलाओं तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है। एमवोकल अभियान नौ भारतीय भाषाओं (हिंदी, अंग्रेजी, ओडिया, मराठी, तमिल, तेलुगू, कन्नड़, मलयालम और बंगाली) में लाइव होगा।
एमवोकल अभियान के मूल में ऐसे स्मार्ट कियोस्क होंगे जिनमें अस्पतालों और क्लीनिकों के प्रतीक्षा क्षेत्रों में सोच-समझकर लगाए गए क्यूआर कोड प्रदर्शित किए जाएंगे। इस तरह यह सुनिश्चित किया जाएगा कि डॉक्टरों को दिखाने के लिए किए जा रहे लंबे इंतजार के समय का उपयोग मरीजों को खुद को शिक्षित करने में किया जा सके। क्यूआर कोड को स्कैन करने वाली महिलाओं को ऑगमेंटेड रियलिटी (एआर) वीडियो, अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों और व्यक्तिगत डिजिटल सहायक के साथ चैट करने के लिए निर्देशित किया जाएगा। मरीजों को उनके बुनियादी स्वास्थ्य और जीवन शैली से संबंधित डिजिटल बातचीत में भाग लेने के लिए भी आग्रह किया जाएगा। ऑगमेंटेड रियलिटी के माध्यम से व्यक्तिगत स्वास्थ्य सहायक द्वारा प्रदान की गई अग्रिम जानकारी से रोगियों को डॉक्टरों के साथ अपनी समस्याओं पर चर्चा करने में मदद मिलेगी और साथ ही चिकित्सकों को बेहतर जानकारी वाले रोगियों की मदद करने में सहायता मिलेगी।
भारत के पांचवें राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (2019-2021) के अनुसार, 15-19 वर्ष की आयु की महिलाओं में एनीमिया की व्यापकता 59.1 प्रतिशत है, जबकि 49 वर्ष की आयु की गर्भवती महिलाओं में यह 52.2 प्रतिशत थी। डिजिटल रूप से सुलभ जानकारी और सूचनात्मक वीडियो के माध्यम से, एमवोकल अभियान एनीमिया के बारे में जागरूकता बढ़ाएगा और महिलाओं को इससे निपटने के लिए जरूरी कदम उठाने के लिए प्रेरित करेगा। एमवोकल अभियान के तहत मां के स्वास्थ्य के महत्व और इसके फायदों पर समझ को बढ़ावा देगा और इस दौरान स्तनपान के लाभों पर भी व्यापक रूप से चर्चा की जाएगी। एमवोकल का तीसरा जागरूकता क्षेत्र मासिक धर्म स्वास्थ्य से संबंधित है। मासिक धर्म को अभी भी भारत में कई भ्रांतियों के साथ एक वर्जित विषय माना जाता है और इसे तत्काल बदलने की आवश्यकता है।
एमक्योर फार्मास्युटिकल्स के प्रेसीडेंट-इंडिया बिजनेस प्रटिन वेट ने कहा, ‘‘महिलाओं के स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे अभी भी व्यापक रूप से तर्कहीन वर्जनाओं से जुड़े हुए हैं। लोगों में जागरूकता की कमी के कारण ऐसी स्थिति कायम और इसका नतीजा यह होता है कि ज्यादातर महिलाओं को स्वास्थ्य के मोर्चे पर अनेक चुनौतियों से जूझना होता है। आसानी से उपलब्ध और चिकित्सकीय रूप से सत्यापित जानकारी के माध्यम से महिलाओं को उनके स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों से निपटने में मदद करने के लिए ही हमने ‘एमवोकल’ इनिशिएटिव को लॉन्च किया है। एक लंबे समय से आवश्यक इस पहल को लॉन्च करते हुए हमें बहुत संतुष्टि मिलती है। इस पहल की सबसे अच्छी बात यह है कि यह जानकारी हासिल करने वाली महिलाओं के लिए पूरी तरह पर्सनलाइज्ड है और महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने चिकित्सकों के साथ चर्चा करने के लिए उनका मार्गदर्शन करती है।’’
एमक्योर फार्मास्युटिकल्स की एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर सुश्री नमिता थापर, जिनकी महिलाओं के स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता और शिक्षा बढ़ाने के लिए एक मजबूत प्रतिबद्धता है, इस दिशा में एमक्योर के प्रयासों को सक्रिय रूप से आगे बढ़ा रही हैं। महिलाओं के स्वास्थ्य पर नमिता ने पहले भी एक पहल करते हुए यूट्यूब पर एक टॉक शो शुरू किया था, जिसका टाइटल है- ‘अनकंडीशन योरसेल्फ विद नमिता’। यह अपनी तरह का पहला टॉक शो है, जिसने इंटरनेट पर लोगों का ध्यान आकर्षित किया। शो में नमिता थापर मरीजों, विशेषज्ञों और डॉक्टरों से बात करती हैं और ये विशेषज्ञ महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर अपने अनुभव साझा करते हैं।
महिलाओं के स्वास्थ्य की दिशा में अपने प्रयास जारी रखते हुए एमक्योर ने भारतीय महिला स्वास्थ्य रिपोर्ट 2021 भी जारी की, जिसमें इस बात पर प्रकाश डाला गया कि 84 प्रतिशत कामकाजी महिलाओं को पीरियड्स के दौरान ऐसी रूढ़ियों/निर्णयों का सामना करना पड़ा है, जिसमें पवित्र स्थानों के पास नहीं जाने के लिए कहा गया है। उत्तरदाताओं में से 67 प्रतिशत ने कहा था कि भारतीय समाज में स्वास्थ्य के मुद्दों के बारे में बात करना अभी भी वर्जित माना जाता है।
एमक्योर फार्मास्युटिकल्स के सीनियर डायरेक्टर – मार्केटिंग एंड पोर्टफोलियो स्ट्रैटेजी सौरभ गंभीर ने कहा, ‘‘चूंकि देश में आज भी महिलाएं अपने स्वास्थ्य के मुद्दों के बारे में बात करते समय असहज महसूस करती हैं, इसलिए हमने महिलाओं को प्रासंगिक जानकारी के साथ सशक्त बनाने और महिलाओं को अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एमवोकल मूवमेंट शुरू करने का फैसला किया। एक बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था में यह अनिवार्य है कि महिलाओं के स्वास्थ्य के मुद्दों को प्राथमिकता दी जाए और इसके बारे में बातचीत मुख्य धारा में हो।’’