पंजाब, 19 मई 2022- स्वाल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने पंजाब में गेहूं की फसल पर हीट स्ट्रेस से निपटने के प्रयास में अपने प्रोडक्ट वूक्सल मैक्रोमिक्स का परीक्षण किया। यह प्रोडक्ट पोषण संबंधी एक अभिनव समाधान के साथ गेहूं की फसल पर हीट स्ट्रेस का मुकाबला करता है। पंजाब और हरियाणा में किए गए परीक्षणों में अनुपचारित भूखंडों की तुलना में उपचारित भूखंडों में गेहूं की उपज में 10 प्रतिषत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई
1981 के बाद से, वैश्विक तापमान में हर दशक में 0.18 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई है। मार्च 2022 को 122 साल में सबसे गर्म महीना दर्ज किया गया। अनुमान है कि गेहूं की पैदावार में –4.6 प्रतिषत से –32 प्रतिषत की गिरावट आ सकती है, क्योंकि भविष्य में तापमान 0.5 सेल्सियस से 2 सेल्सियस तक बढ़ने की उम्मीद है। वुक्सल विकास के महत्वपूर्ण चरणों में गेहूं की फसल को पोषण प्रदान करके अंतर को पाटता है।
पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के 131 किसानों ने 3126 के कुल रकबे पर गेहूं के परीक्षण में भाग लिया, जिससे औसतन 2.16 क्विंटल प्रति एकड़ की वृद्धि हुई। इससे किसानों की आय में भी औसतन रु. 3,000/एकड़ की बढ़ोतरी हुई। इस प्रोडक्ट को महत्वपूर्ण पोषक तत्व प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, इसकी क्रांतिकारी फॉर्मूलेशन तकनीक पत्ते के माध्यम से सबसे कुशल वितरण प्रदान करती है, जो गेहूं की फसल की हीट स्ट्रेस संबंधी मांगों को पूरा करने में मदद करती है।
जैसे-जैसे तापमान बढ़ता है, मिट्टी और हवा में गर्मी का स्तर एक निश्चित बिंदु से ऊपर बढ़ जाता है, जिससे सभी चरणों में गेहूं की फसल की वृद्धि बाधित होती है। हीट स्ट्रेस के कारण, पंजाब में गेहूं की पैदावार 2010 में 26 फीसदी तक गिर गई। गेहूं की उपज से जुड़े इन गंभीर मुद्दों को देखते हुए स्वाल कॉर्पाेरेशन ने परीक्षण किए, जिसके परिणामस्वरूप अकेले पंजाब में वूक्सल के साथ 2024 तक 28 मिलियन की आबादी की उपचारित गेहूं की मांग को पूरा किया जा सकेगा।
स्वाल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के बिजनेस हेड श्री पंकज जोशी ने कहा, ‘‘गेहूं भारतीय किसानों के लिए आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण फसल है, साथ ही खाद्य सुरक्षा के मामले में भारतीय आबादी के लिए एक आवश्यकता भी है। इसे ध्यान में रखते हुए, हमने वूक्सल के प्रभाव को प्रदर्शित करने के लिए परीक्षण किए हैं जो हीट स्ट्रेस से प्रेरित जरूरतों को मैनेज करने में सहायता करता है, जिससे उपचारित गेहूं की फसल की उपज में वृद्धि होती है। किसान हमारे सबसे महत्वपूर्ण हितधारक हैं, और हम उनकी भलाई और समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम नवाचार के माध्यम से उनकी वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाना चाहते हैं। वूक्सल एक ऐसा उत्पाद है जो गेहूं के किसानों को अपनी फसल उत्पादन और लाभप्रदता बढ़ाने में मदद करेगा। इन अर्थों में यह देश को खाद्य सुरक्षा के मुद्दे से निपटने में भी मदद करेगा।’’
पंजाब के मुक्तसर जिले के गेहूं उगाने वाले एक किसान हरप्रीत सिंह ने कहा, ‘कटाई के मौसम में गर्मी के कारण गेहूं की पैदावार में गिरावट का सामना करना पड़ रहा था। इस दौरान वूक्सल के साथ स्वाल की टीम ने हमें स्ट्रेस का मैनेजमेंट करने और प्रति एकड़ 2.4 क्विंटल की उच्च उपज प्राप्त करने में मदद की, जिससे फसल से हमारे रिटर्न में भी वृद्धि हुई।’
खास तौर पर भारत स्वाल कॉर्पोरेशन के साथ एक विशेष गठजोड़ करने वाली जर्मन कंपनी AGLUKON Spezialdünger GmbH & Co. KGके डॉ. बेंजामिन क्लुग ने कहा, ‘‘साल दर साल मौसम की असामान्य स्थितियां अब तेजी से सामान्य होती जा रही है। वर्तमान में, भारत दुनिया की सबसे खराब गर्मी में से एक का अनुभव कर रहा है और इससे भविष्य में गेहूं में हीट स्ट्रेस की स्थिति और अधिक प्रचलित हो जाएगी, जिससे खाद्य आपूर्ति कम हो जाएगी। हमारे शोध के अनुसार, यह स्थापित किया गया है कि वूक्सल जैसे फॉयलर फर्टिलाइजेषन सॉल्यूषंस इन स्थितियों को कम करने और फसल में उपज में सुधार करने में मदद कर सकते हैं।’’