मुंबई,06 मई 2022: चौथी ओद्यौगिक क्रांति तथा भावी पीढ़ी के लिए रोज़गार के अवसरों को सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल कौशल बेहद महत्वपूर्ण है। स्कूल स्तर पर भी छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करने के उद्देश्य के साथ वी की सीएसआर शाखा वोडाफोन आइडिया फाउन्डेशन ने देश भर के दस स्कूलों में आधुनिक रोबोटिक लैब्स की स्थापना के लिए एरिकसन इंडिया के साथ साझेदारी की है, इस साझेदारी के तहत वंचित समुदायों के बच्चों को आधुनिक लर्निंग उपलब्ध कराकर उन्हें भावी टेक्नोलॉजी के लिए तैयार किया जाएगा।
आधुनिक एजुकेशन प्रोग्राम डिजिटल लैब्स की अवधारणा 11-14 वर्ष के स्कूली छात्रों के लिए तैयार की गई है, जो उन्हें प्रोग्रामिंग और नई टेक्नोलॉजी से अवगत कराएगी। लर्निंग का खुला माहौल प्रदान कर ये डिजिटल लैब्स छात्रों को आधुनिक तकनीक को अपनाने के लिए प्रेरित करेंगी उन्हें समस्या के समाधान का सकारात्मक दृष्टिकोण प्रदान करेेंगी।
यह साझेदारी विज्ञान, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग एवं गणित (स्टेम) में लर्निंग के अवसर उपलब्ध कराकर उनकी शिक्षा और रोज़गार के अवसरों में सुधार लाएगी। उनमें विभिन्न प्रकार का कौशल जैसे टीमवर्क, समस्या के समाधान का कौशल और रचनात्मक सोच को विकसित करेगी।
इस साझेदारी के तहत राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, महाराष्ट्र और गुजरात में वोडाफोन आइडिया फाउन्डेशन के स्कूलों में दस डिजिटल लैब स्थापित किए जाएंगे।
इस पहल के बारे में बात करते हुए पी बालाजी, चीफ़ रेग्युलेटरी एवं कॉर्पोरेट अफेयर्स ऑफिसर- वोडाफोन आइडिया लिमिटेड एवं डायरेक्टर वोडाफ़ोन आइडिया फाउन्डेशन ने कहा, ‘‘आज के डिजिटल दौर में युवाओं के समग्र विकास के लिए डिजिटल कौशल बेहद ज़रूरी है। स्कूली छात्रों को कोडिंग और रोबोटिक्स का प्रशिक्षण देने से उनमें रचनात्मकता, क्रिटिकल थिंकिंग एवं सकारात्मक सोच को बढ़ावा मिलता है, जिससे उनके लिए नए अवसर खुलते हैं। अपने तकनीक आधारित उपकरणों के साथ हम वंचित समुदायों के बच्चों को विभिन्न प्रोग्रामों के माध्यम से सीखने, विकसित होने और सक्षम बनने का अवसर प्रदान करना चाहते हैं। ‘टेक्नोलॉजी फॉर गुड’ के मिशन के साथ हमें एरिकसन के साथ साझेदारी करते हुए बेहद खुशी का अनुभव हो रहा है, जिससे वंचित वर्गों के युवाओं को उच्चस्तरीय कौशल पाने का मौका मिलेगा। वे आधुनिक आईसीटी शिक्षा प्राप्त कर विज्ञान, तकनीक, इंजीनिरिंग एवं गणित (स्टेम) के क्षेत्र में प्रवेश कर सकेंगे।’’
सोनिया एपलिन, हैड ऑफ सस्टेनेबिलिटी एण्ड कॉर्पोरेट रिस्पॉन्सिबिलिटी, एरिकसन साउथ एशिया, ओशिनिया और इंडिया ने कहा, ‘‘भारत के विभिन्न राज्यों के स्कूलों में डिजिटल लैब्स की स्थापना के लिए वोडाफ़ोन आइडिया फाउन्डेशन के साथ साझेदारी करते हुए हमें बेहद खुशी का अनुभव हो रहा है। अपनी इस पहल से हम अध्यापकों एवं स्कूलों को छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं डिजिटल कौशल प्रदान करने में सक्षम बना सकेंगे। आईसीटी की शुरूआत इन युवाओं के लिए मजबूत नींव का काम करेगी, उन्हें डिजिटल कौशल प्रदान कर आर्थिक एवं व्यक्तिगत रूप से सशक्त बनाएगी और इस तरह भारत की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करेगी।’’
रोबोटिक्स के पाठ्यक्रम में प्रोग्रामिंग लोजिक, डिज़ाइन थ्योरी में बुनियादी प्रशिक्षण दिया जाएगा, छात्रों को प्रत्यक्ष एवं वर्चुअल प्रशिक्षण सत्रों के माध्यम से विभिन्न प्रकार के डेटा टाईप जैसे स्ट्रिंग, बूलेन्स आदि के द्वारा समस्याओं के समाधान में सक्षम बनाया जाएगा। एक व्यापक टेªन-द-टेªनर प्रोग्राम आने वाले समय में समाज के बड़े वर्ग को लाभान्वित करेगा।
वोडाफ़ोन आइडिया फाउन्उेशन के शिक्षा एवं साक्षरता प्रोग्रामः
वोडाफ़ोन आइडिया फाउन्डेशन ने अपने विभिन्न तकनीकी हस्तक्षेपों जैसे जिज्ञासा, गुरूशाला, अध्यापक-छात्र छात्रवृत्ति प्रोग्राम के माध्यम से 1.6 मिलियन से अधिक छात्रों पर सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न किया है।
मुख्य प्रोग्राम ‘जिज्ञासा’ अध्यापकों को डिजिटल कंटेंट, प्रशिक्षा उपकरणों, अध्यापन के आधुनिक तकरीकों के साथ उनकी क्षमता निर्माण में योगदान देता है, जिससे छात्रों के लिए लर्निंग रोचक बन जाती है। इसके अलावा ‘गुरूशाला’ एक ज्ञान एवं विनिमय आधारित प्लेटफॉर्म है जो हज़ारो अध्यापकों और छात्रों को किसी भी समय कहीं से भी अध्ययन सामग्री अपलोड करने में मदद करता है। वोडाफोन आइडिया का छात्र एवं अध्यापक छात्रवृत्ति प्रोग्राम योग्य छात्रों एवं उत्कृष्ट अध्यापकों को ई-लर्निंग सुविधाएं जैसे लैपटॉप ऑनलाईन कोर्स आदि में भी सहयोग प्रदान करता है।