मुंबई, 15 जून, 2022- भारत में सीमेंट और रेडी-मिक्स कंक्रीट की अग्रणी उत्पादक कंपनियों में से एक एसीसी लिमिटेड ने अपने ग्रीन बिल्डिंग सेंटर्स (जीबीसी) के माध्यम से जीवन जीने का एक अनूठा और सस्टेनेबल मॉडल पेश किया है। 2021 में ग्रीन बिल्डिंग सेंटर्स ने जीबीसी उत्पादों के माध्यम से देशभर में 33,338 अफोर्डेबल ग्रीन क्वालिटी वाले घरों की सुविधा उपलब्ध कराई।
ग्रीन बिल्डिंग सेंटर भारत में सस्टेनेबल निर्माण सामग्री, निर्माण तकनीक और स्थानीय रूप से प्रशिक्षित कार्यबल को बढ़ावा देकर टिकाऊ और किफायती आवास समाधान प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। ग्रीन बिल्डिंग सेंटर ग्रामीण और अर्ध-शहरी विकास को आगे बढ़ाने में भी मदद करता है। यह सीमेंट और कंक्रीट से आगे बढ़कर पारंपरिक मिट्टी की जली हुई ईंटों की तुलना में पर्यावरण के अनुकूल और किफायती विकल्प तैयार करता है, जिससे चिनाई और फ़र्श संबंधी उत्पादों के लिए बाजार में एक नया विकल्प प्रदान करता है।
एक फ्रैंचाइज़ी व्यवसाय मॉडल के आधार पर, दुनिया भर में अद्वितीय, एसीसी द्वारा समर्थित स्थानीय उद्यमियों ने भारत के विभिन्न जिलों में 150 केंद्र स्थापित किए हैं। 2021 में, प्रत्यक्ष आजीविका सहायता प्राप्त करने वाले जीबीसी के लाभार्थियों की कुल संख्या लगभग 2,800 थी।
ग्रीन बिल्डिंग सेंटर्स अपने मेसन प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से आजीविका उत्पन्न करने में भी मदद करते हैं, जिसका उद्देश्य लोगों को निर्माण संबंधी कौशल के लिहाज से विकसित करना है। प्रत्येक केंद्र आजीविका के निर्माण में सीधे योगदान देता है।
एसीसी लिमिटेड के एमडी और सीईओ श्री श्रीधर बालकृष्णन ने कहा, ‘‘ग्रीन बिल्डिंग सेंटर एक अनूठा कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य किफायती आवास, स्वच्छता समाधान, ग्रामीण और अर्ध-शहरी पेवमेंट सॉल्यूशन प्रदान करना है जो देश में लोगों और समुदायों के लिए हमारी योजना में एक महत्वपूर्ण स्तंभ के समान है। एसीसी में हम समुदायों को अपने साथ जोड़ने और वास्तविक परिवर्तन को संभव बनाने के लिए मिलकर काम करने में विश्वास करते हैं। जीबीसी में मेसन प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से, हम युवा भारतीयों को आत्म-विकास के लिए वास्तविक अवसर भी देते हैं। हम न केवल स्थायी निर्माण समाधानों के साथ अपने राष्ट्र का निर्माण करना चाहते हैं बल्कि उद्यमिता, आजीविका और कौशल विकास पहल के माध्यम से देश के युवाओं को सशक्त बनाना चाहते हैं।’’
2021 में, एसीसी ने 40 नए जीबीसी की स्थापना में सहायता की, जिससे कुल संख्या 150 से अधिक केंद्रों तक पहुंच गई, इनमें से कुछ संचालित हो रहे हैं और कुछ निर्माणाधीन हैं।
सस्टेनेबिलिटी के साथ अपने मुख्य एजेंडा के रूप में, 2021 में ग्रीन बिल्डिंग सेंटर्स ने सामूहिक रूप से 88,058 टन फ्लाई ऐश का उपयोग किया और इस तरह 1,90,792 टन मिट्टी की बचत की गई। साथ ही, 13,429 मिलियन टन कार्बन उत्सर्जन की रोकथाम करने में योगदान दिया। एसीसी के माध्यम से, होल्सिम इंडिया का लक्ष्य 2025 तक अर्ध-शहरी और ग्रामीण भारत में 10 लाख घरों और शौचालयों के निर्माण की सुविधा प्रदान करना है।