पीपावाव, 09 जून 2022 भारत- ‘गुजरात ग्रीन गेटवे’ प्रोजेक्ट के तहत एपीएम टर्मिनल्स पिपावाव ने स्व-उपभोग के लिए बंदरगाह पर 1,000 केडब्ल्यूपी (किलोवाट पीक) डीसी क्षमता वाला सौर ऊर्जा संयंत्र चालू किया है। रूफटॉप सौर ऊर्जा परियोजना के चालू होने से, पोर्ट ग्रिड आपूर्ति से कुल ऊर्जा खपत को कम करेगा। पोर्ट की कुल ऊर्जा खपत के 10 प्रतिशत हिस्से के बराबर सौर ऊर्जा मिलेगी और साथ ही कार्बन फुटप्रिंट्स को प्रति वर्ष 1100 टन तक कम करने में सहायक होगी। एपीएम टर्मिनल्स पिपावाव ने पर्यावरण संरक्षण की चुनौतियों का समाधान करने के साथ-साथ संसाधनों का बेहतर उपयोग करने के उद्देश्य से ‘रिड्यूज, रियूज एंड रिसाइकल’ की फिलॉस्फी के माध्यम से सस्टेनेबिलिटी की दिशा में एक छलांग लगाई है। परियोजना ‘गुजरात ग्रीन गेटवे’ के तहत सस्टेनेबिलिटी की ये पहल कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए की गई है। साथ ही, इस प्रोजेक्ट के तहत पोर्ट पर कर्मचारियों, कामगारों के साथ-साथ आसपास के समुदाय की आजीविका में भी सुधार करने का प्रयास किया गया है।
नए सौर संयंत्र पर टिप्पणी करते हुए एपीएम टर्मिनल्स पिपावाव के एमडी श्री जैकब फ्रिस सोरेनसेन ने कहा, ‘‘बंदरगाह संचालन के लिए एनर्जी ऑप्टिमाइजेशन और नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग दरअसल पोर्ट पर समग्र कार्बन उत्सर्जन को कम करने के महत्वपूर्ण घटक हैं। विश्व स्तर पर, एपीएम टर्मिनल्स जीरो कार्बन लॉजिस्टिक्स की ओर बढ़ रहे हैं और हम पिपावाव में पर्यावरण के संरक्षण और 2040 तक नेट जीरो ग्रीनहाउस उत्सर्जन के लिए हमारे समूह की प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए अपना योगदान दे रहे हैं। ‘गुजरात ग्रीन गेटवे’ के तहत यह पहल इसी उद्देश्य के लिए तैयार की गई है और हम यह बताते हुए खुशी हो रही है कि इस पहल के माध्यम से हमें प्रति वर्ष लगभग 1,100 टन कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद मिलेगी।’’ पिछले कुछ वर्षों में बंदरगाह ने विभिन्न पहलों के माध्यम से काफी हद तक कार्बन उत्सर्जन को कम किया है जैसे कि ग्रीन बेल्ट का विकास, पारंपरिक हाई-पावर लाइटों को एलईडी लाइटों से बदलना, ई कारों का उपयोग करना, 0.25 मिलियन से अधिक पेड़ लगाने के लिए उपचारित अपशिष्ट जल का पुनः उपयोग करना और गुजरात में 600 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में मैंग्रोव वृक्षारोपण।