मुंबई, 06 जुलाई, 2022: भारत के अग्रणी और टिकाऊ सीमेंट निर्माताओं में से एक अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड ने उच्च गुणवत्ता और भविष्य की निर्माण सामग्री और समाधानों की विस्तृत श्रृंखला के साथ भारत के बुनियादी ढांचे के विकास के संकल्प को आगे ले जाने का काम किया है। इस सिलसिले में ‘अल्कोफिन माइक्रो मैटेरियल्स’ कंपनी की निरंतर नवाचार की रणनीति (strategy of innovation) के अनुरूप उत्पादों की एक रेंज है जो कोर सीमेंट व्यवसाय में इसकी स्ट्रेंथ को दर्शाते हुए विशेष जरूरतों को पूरा करने में मदद करता है।
अंबुजा सीमेंट्स और एल्कॉन ग्रुप के बीच एक जॉइंट वेंचर अल्कोफिन माइक्रो मैटेरियल्स, एएफ 1203 (1200 सीरीज के तहत) जैसे उत्पाद बनाता है, जो उच्च प्रदर्शन वाले कंक्रीट के साथ उपयोग किया जाने वाला एक अल्ट्राफाइन मालिकाना पेटेंट खनिज है जो निर्माण को टिकाऊ जीवन प्रदान करता है। यह उत्पाद कंक्रीट की हाइड्रोलिक प्रॉपर्टी और पॉज़ोलानिक प्रतिक्रियाशीलता (reactivity) को बढ़ाता है जिसके परिणामस्वरूप बढ़ी हुई हाइड्रेशन, पेस्ट कम्पोनन्ट की बेहतर पैकिंग डेंसिटी और पानी की मांग कम हो जाती है और इसलिए कंक्रीट की ताकत और स्थायित्व में सुधार होता है।
उत्पादों की 1100 सीरीज माइक्रोफाइन इंजेक्शन के ग्राउट (गाढ़ा घोल) प्रोडक्ट हैं। यह उत्पाद माइक्रोफाइन और अल्ट्राफाइन कणों को स्ट्रेटा या रॉक लेयर्स में गहराई से उतरने में सक्षम बनाता है जो अपने आरपार जाने के गुणों (permeation properties) में कमी कर यह ग्राउटिंग बांधों और जल निकायों क्षमता में सुधार करता है। इसका उपयोग जलाशयों और बांधों या नहरों के लिए दीवारों को बनाए रखने या ऐसी बड़ी संरचनाओं के निर्माण में किया जाता है।
अल्कोफिन का उपयोग छोटे से लेकर बड़े संरचनाओं में होता है, चाहे वह गगनचुंबी इमारतें, मेट्रो लाइनें, सड़कें, फ्लाईओवर, हाउसिंग कॉम्प्लेक्स, सुरंगें, बड़ी रिफाइनरी, रक्षा परियोजनाएं या यहां तक कि व्यक्तिगत घर ही क्यों न हों। संक्षेप में कहा जाए तो जिन स्ट्रक्चर पर व्यक्त के थपेड़ों की मार न पड़े, वहाँ इसका उपयोग किया जाता है। निर्माण के समय उत्पादों को सीमेंट या कंक्रीट में जोड़ा जाता है जो उनके टिकाऊपन में सुधार कर अन्य लाभों के साथ आक्रामक पर्यावरणीय एजेंटों के लिए कंक्रीट के प्रतिरोध को बढ़ाता है।
अल्कोफिन के उत्पादों का पहले से ही भारत भर में महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में उपयोग का एक ट्रैक रिकॉर्ड रहा है, चाहे वह जम्मू और कश्मीर में किशनगंगा जलविद्युत परियोजना हो, दिल्ली और कोलकाता और मुंबई, पुणे, सूरत, अहमदाबाद, कोच्चि, चेन्नई, नई में चल रही मेट्रो परियोजनाएं हों। अन्य परियोजनाओं में गोवा में मांडवी और जुआरी नदियों पर सिग्नेचर ब्रिज, पटना और गुवाहाटी में गंगा और ब्रह्मपुत्र पर पुल, मुंबई में ट्रांस-हार्बर ब्रिज, जो भारत का सबसे लंबा समुद्री सेतु है, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और असम में प्रमुख एनएचएआई परियोजनाएं और जलविद्युत बांध परियोजनाएं, प्रमुख रक्षा शिपयार्ड और बंदरगाहों, मुंबई और नई दिल्ली की गगनचुंबी इमारतें या मुंबई, कोलकाता, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश में भूमिगत सुरंगें, सभी जगहों पर इसका उपयोग हो रहा है।
इस प्रकार अल्कोफिन भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर में एक महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर का जिक्र वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत केंद्र सरकार द्वारा के वार्षिक बजट में कई बार आया था।
कंपनी की गोवा में एक मैन्युफ़ैकरिंग फसिलिटी है, जो सूक्ष्म से सूक्ष्म सामग्री (micro-fine materials) के लिए दुनिया की सबसे बड़ी फेसिलिटी में से एक है। यहाँ एक अत्याधुनिक प्रयोगशाला भी शामिल है जो निर्माण सामग्री का परीक्षण करती है, जिसमें विभिन्न मानकों के तहत दीर्घकालिक स्थायित्व परीक्षण (long-term durability test) शामिल हैं।
इंडिया होल्सिम के सीईओ और अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड के एमडी और सीईओ श्री नीरज अखौरी ने कहा, “टिकाऊपन के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल अंबुजा सीमेंट्स का मूल मंत्र रहा है और एल्कोफिन के साथ हमारी भागीदारी इसका सबसे अच्छा उदाहरण है। सिर्फ कन्स्ट्रक्शन करना पर्याप्त नहीं है, बल्कि हमें यह सुनिश्चित करने के लिए कन्स्ट्रक्शन करना चाहिए कि वे समय की कसौटी पर खरी उतरें। यही स्थिरता की पहचान है और यही हमारा लक्ष्य भी है। अंबुजा सीमेंट्स के लिए, यह स्थिरता के क्षेत्र में एक और प्रयास है।”
अल्कोफिन के उत्पादों और नवाचारों ने भारत और दुनिया भर में व्यापक प्रशंसा और ग्राहकों की एक लंबी लिस्ट हासिल की है।