क्लब महिंद्रा ‘इंडिया कोशिएंट’ अध्ययन ने खुलासा किया कि भारतीयों को अपने स्वयं के देश के बारे में जानकारी का आश्चर्यजनक अभाव है

‘क्लब महिंद्रा इंडिया कोशिएंट’ ने भारतीयों का उनके अपने देश, इसकी विविधता, विशालता, संस्कृति, विरासत और व्यंजनों के बारे में जानकारी की कमी को प्रकट किया है। इसमें भारत, इसके स्थानीय समुदायों, विविध भौगोलिक विशेषताओं आदि से जुड़ी दिलचस्प तथ्यों की बारीकियों और इन तथ्यों से भारतीयों के परिचय की गहराई से पड़ताल की गई है। यह शोध महिंद्रा हॉलीडेज की 25वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में और देश भर के स्थानीय यात्रियों व पर्यटकों के अनुभवों की गहराई को उजागर करने के लिए शुरू किया गया था।

हमारे शोध के आंकड़ों से पता चलता है कि भारी संख्या में लोगों को हमारी अपनी संस्कृति, खानपान की आदतों, इतिहास, त्योहारों, संस्कृति, आदि की बारीकियों के बारे में सीमित जानकारी है। दरअसल,  60 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने स्वीकार किया कि वे भारतीय इतिहास, संस्कृति, भूगोल/पर्यटन स्थल, प्रकृति, खानपान आदि के बारे में बहुत कुछ नहीं जानते। इसके अलावा, केवल एक तिहाई(30%)उत्तरदाताओं का दावा है कि वे अपने साथियों से अधिक जानते हैं। सर्वाधिक अनुपात (36प्रतिशत) में लोगों ने माना कि वे केवल वही जानते हैं जो उन्होंने स्कूल में सीखा था, लेकिन इसमें से अधिकतर भूल गए।

भारत का ज्योग्राफी कोशिएंट

भारत में विभिन्न प्रकार के विश्व धरोहर स्थलऔरजैव-भौगोलिक क्षेत्र मौजूद हैं; लेकिन उनमें से कई के बारे में हमारे लोगों को जानकारी नहीं है। यहां तक कि विशेष रूप से हमारे राष्ट्र के भूगोल के संदर्भ में भी जानकारी का अभाव पाया गया। उदाहरण के लिए, एक-तिहाई से अधिक उत्तरदाता (35%) इस बात से अनजान हैं कि चीन की विशाल दीवार (ग्रेट वॉल ऑफ चाइना) के बाद दुनिया की दूसरी सबसे लंबी दीवार, कुंभलगढ़ किले की दीवार राजस्थान में स्थित है।

डेढ़ साल तक लॉकडाउन लगने और खोले जाने के चलते लोगों में भ्रमण के लिए अपूर्व लालसा पैदा हुई है। घर पर रहने की ऊबन से विराम लेने के लिए हजारों लोग हिल स्टेशन और समुद्र तटों पर जमा हो चुके हैं। हमारे शोध से पता चलता है कि एक तिहाई से अधिक उत्तरदाता (39प्रतिशत) नहीं जानते कि मसूरी को “पहाड़ियों की रानी” के रूप में जाना जाता है। हर तीन में से एक उत्तरदाता (33 प्रतिशत) इस बात से अनजान हैं कि उदयपुर को ‘झीलों का शहर’ के नाम से जाना जाता है।

गिर, विश्व के लोकप्रिय एशियाई शेरों का एकमात्र प्राकृतिक आवास है। एक-तिहाई से अधिक उत्तरदाताओं(39%) को पता नहीं है कि वन्यजीव देखने उत्साहियों को गिर के जंगल में क्या देखने को मिलेगा। आगे, सिर्फ 29% उत्तरदाताओं को इस बात की जानकारी है कि उन्हें हाथी की सवारी के लिए केरल के थेक्कडी जाना होगा।

कला और संस्कृति कोशिएंट

भारत सदियों से संरक्षित और प्रचलित अपनी सबसे समृद्ध सांस्कृतिक विविधता के लिए जाना जाता है। खासकर राजस्थान, केरल, तमिलनाडु और उत्तराखंड सहित सभी राज्यों ने भारत की संस्कृति को महत्वपूर्ण संजोए रखा है, और आश्चर्य की बात यह है कि, कला और संस्कृति के क्षेत्र में लोगों का इंडिया कोशिएंट (57%) भूगोल में  उनके इंडिया कोशिएंट (58%) से भी कम है।

हमारे आँकड़ों से पता चलता है कि दो-तिहाई (66%) को नहीं पता कि शास्त्रीय नृत्य “कत्थक” उत्तर प्रदेश से संबंधित है। आधे से अधिक (55%) उत्तरदाताओं को यह भी नहीं पता कि ऐपण उत्तराखंड की प्रमुख लोक कला है।

इसी तरह, हमारा देश अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने स्थानीय त्योहारों, प्राकृतिक छटाओं, आध्यात्मिक और धार्मिक स्थान के लिए लोकप्रिय है। हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि एक-तिहाई से अधिक (39%) उत्तरदाताओं को यह जानकारी नहीं है कि खजुराहो उत्सव मध्य प्रदेश में मनाया जाता है और लगभग एक-तिहाई उत्तरदाता (32प्रतिशत) इस बात से अवगत नहीं हैं कि दलाई लामा का निवास धर्मशाला में स्थित है।

पश्मीना और पैठनी साड़ी जैसी वस्तुएं प्राचीन काल से शानो-शौकत और लालित्य का प्रतीक रही हैं। हालांकि, लगभग एक-तिहाई उत्तरदाता (32%) इस बात से अनजान हैं कि महाराष्ट्र पैठणी साड़ी की खरीदारी के लिए सबसे अच्छी जगह है, और कश्मीर पश्मीना खरीदने के लिए सबसे अच्छी जगह है।

व्यंजन कोशिएंट

भारतीय लोगों के दिल में भोजन का हमेशा से एक खास स्थान रहा है। भोजन पकाने, खिलाने और इसे खाने का प्यार से गहरा रिश्ता है। हालांकि, हमारे सर्वेक्षण से पता चलता है कि भले ही कई लोग ‘खानपान के शौकीन‘ हैं और दावा करते हैं कि परिवार के साथ छुट्टियाँ बिताने के दौरान उन्हें स्थानीय व्यंजनों के बारे में अच्छी-खासी जानकारी है, लेकिन कुछ चुनिंदा लोगों को ही भारत के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों के अनेक प्रमुख व्यंजनों और उनके पीछे के इतिहास की जानकारी है।

हालांकि स्थानीय खानपान के अनुभव को लेकर भारतीयों में काफी चाहत है, लेकिन भोजन के बारे में उनका ‘इंडिया कोशिएंट सबसे कम (46%) है। वस्तुतः, लगभग 40% उत्तरदाताओं को यह नहीं पता है कि अप्पम केरल का स्थानीय व्यंजन है।

जबकि भारत चाय का शौकीन देश है, लेकिन एक-तिहाई से भी कम उत्तरदाताओं (32 प्रतिशत) को पता है कि मसूरी चाय से संबद्ध नहीं है जबकि 26 प्रतिशत उत्तरदाताओं को यह जानकारी नहीं है कि मुन्नार चाय से संबद्ध है।

कुछ अन्य प्रमुख निष्कर्ष

अध्ययन में परिवारों द्वारा छुट्टियां बिताने के क्रम में फैमिली डाइनेमिक्स के बारे में कुछ दिलचस्प अंतर्दृष्टि भी सामने आई:

  • 27% उत्तरदाताओं का दावा है कि परिवार के साथ छुट्टी बिताने का प्रमुख कारण अपने परिवार के साथ रिश्ते को और अधिक प्रगाढ़ता प्रदान करना है
  • हर पांच उत्तरदाताओं (21%) में से एक ‘एडवेंचरर’ की भूमिका निभाते हुए अपनी साहसिकता और सहन क्षमता को आजमाते हैं
  • 49 प्रतिशत पर्यटकों का कहना है कि वर्ष 2020 में वो सैर-सपाटे के जिस अनुभव से वंचित रह गये थे, भविष्य में इसे बढ़ाकर इसकी भरपाई करेंगे।
  • 2020 में, अधिकांश ट्रैवलर्स को दोस्तों और परिजनों से अधिक समय तक दूर रहना पड़ा था। कई लोगों को ऐसा लगता है कि इस दूरी ने 67 प्रतिशत भारतीय पर्यटकों को भविष्य में प्रियजनों के साथ सैर-सपाटे पर जाने की इच्छा को बढ़ाया है ताकि वो उनके साथ रिश्तों को और अधिक प्रगाढ़ता दे सकें।
  • 15% प्रतिक्रियादाता अपने परिवार के साथ यात्रा के दौरान ‘फूडी‘ की भूमिका निभाते हैं, वो दावा करते हैं कि वे स्थानीय व्यंजनों का स्वाद लेना और उनका अनुभव करना चाहते हैं और अपने परिवार को भी इसकी सलाह देते हैं
  • 77% भारतीयों ने बताया कि वे कहीं भी आवासीय सुविधा बुक करने से पहले वहाँ की स्वास्थ्य एवं स्वच्छता नीतियों को अच्छी तरह से जान लेंगे, जबकि 71% ने कहा कि वे सुरक्षा चिंताओं के कारण कुछ गंतव्यों से पूरी तरह बचेंगे।
  • भारी संख्या में 94% उत्तरदाताओं की कथित तौर पर उनके रिबाउंड ट्रिप्स में सस्टेनेबल तरीके यात्रा करने पर नजर है। पर्यावरण के अनुकूल विकल्प बनाना, सामाजिक – सांस्कृतिक अनुभवों का आनंद लेना, और स्थानीय समुदायों को बढ़ावा देना कुछ ऐसे महत्वपूर्ण रुझान हैं जिनके फिर से उभरने की उम्मीद है।

 

 

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