मुंबई, 5 अगस्त, 2022: इस साल आजादी के 75 साल पूरे होने के ऐतिहासिक अवसर पर भारत का पहला ‘रेडब्लू रिवॉल्यूशन’ होगा। यह ब्राण्ड से इतर एक पहल है, जिसका लक्ष्य है गाँवों के बैंकिंग आउटलेट्स की एक अलग पहचान बनाना। आउटलेट्स की ब्रांडिंग लाल और नीले रंगों से की जा रही है, जो पारंपरिक रूप से बैंकिंग एवं वित्तीय सेवा उद्योग की पसंद के रंग रहे हैं। लाल रंग विकास और ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि नीला रंग विश्वास और सुरक्षा को दर्शाता है। बैंकिंग एवं वित्तीय सेवा समुदाय ने हर टच पॉइंट पर इन्हीं महत्वपूर्ण भावनाओं के साथ सौहार्द्र निर्मित कर ग्राहकों के साथ अपना रिश्ता बढ़ाया है। इसके अलावा, इन आउटलेट्स को ‘स्मार्ट बैंकिंग पॉइंट्स’ भी कहा जा रहा है, जिससे जमीनी स्तर पर आसानी से पहचान बनाने में मदद मिलेगी।
भारत के अग्रणी ग्रामीण फिनटेक स्पाइस मनी ने जमीनी स्तर पर अपनी व्यापक मौजूदगी के जरिये यह समस्या देखी कि गाँव के लोग अपने स्थानीय क्षेत्रों में बैंकिंग आउटलेट की पहचान नहीं कर पाते थे, क्योंकि ऐसी दुकानों की रंग या नाम, दोनों के मामले में अलग पहचान नहीं थी। इनमें से कई दुकानें कई दूसरे उत्पाद भी बेच रही हैं और इसलिये भीड़-भाड़ वाली जगह पर किसी खास स्टोर को पहचानना या ढूंढना कठिन होता है, क्योंकि कम विजिबिलिटी के कारण यहाँ कम लोग जाते हैं और गाँव के लोगों की उन तक पहुँच सीमित हो जाती है। स्पाइस मनी ने इन दुकानों को ग्रामीण नागरिकों के दिमाग में ‘स्मार्ट बैंकिंग पॉइंट्स’ के रूप में दर्ज करने के लिये ‘रेडब्लू रिवॉल्यूशन’ लॉन्च किया है, ताकि ग्रामीण ग्राहक बिना किसी परेशानी के अपने-अपने क्षेत्रों में ग्रामीण बैंकिंग आउटलेट को आसानी से पहचान सकें।
कंपनी भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में परिचालन कर रहे और वित्तीय सेवाएं प्रदान कर रहे सभी व्यवसायों तक पहुँचना चाहती है, ताकि वे एक साथ आएं और इस क्रांति में शामिल होकर इसे देशव्यापी बनाएं।
2021-22 के लिये भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में ग्रामीण बैंकिंग के 3257251 से ज्यादा आउटलेट्स हैं, जो कई सेवाओं से ग्रामीण लोगों की सहायता कर रहे हैं, जैसे नगद जमा, नगद निकासी के लिये आधार से सक्षम भुगतान प्रणाली, धन का स्थानांतरण, मिनी एटीएम, बीमा, लोन, बिल का भुगतान, एनबीएफसी/बैंकों के ग्राहक/एजेंट/प्रतिनिधि के लिये नगद संग्रहण केन्द्र, एयरटाइम रिचार्ज, दौरे एवं यात्रा, ऑनलाइन खरीदी, पैन कार्ड और एमपीओएस सेवाएं। ‘रेडब्लू रिवॉल्यूशन’ के माध्यम से स्पाइस मनी देशभर में ब्राण्ड/कंपनी से इतर बैंकिंग एवं डिजिटल सेवाएं प्रदान कर रहे भारत के हर ग्रामीण बैंकिंग आउटलेट से अपने आउटलेट को बाहर से लाल और नीले रंग से पेंट करने का आग्रह कर रही है, ताकि ग्राहक ‘स्मार्ट बैंकिंग पॉइंट्स’ को आसानी से पहचान सकें। इस प्रकार एक लोकल बैंकिंग पॉइंट के तौर पर उनकी स्पष्ट और अनूठी पहचान बनेगी, वहाँ ज्यादा लोग जाएंगे और व्यवसाय होगा और ग्रामीण वित्तीय सेवाओं के व्यवसायों में रूचि बढ़ेगी।
भारत में कई क्रांतियाँ और आंदोलन हुए हैं, जो बड़े पैमाने पर कृषि से जुड़े रहे हैं और जिन्होंने उत्पादन क्षमता तथा गुणवत्ता बढ़ाने में मदद की है। इस तरह भारत बढ़ती मांग को पूरा कर सका है। इसी प्रकार, ‘रेडब्लू रिवॉल्यूशन’ का लक्ष्य है गाँवों के बैंकिंग आउटलेट्स पर एक सामाजिक आंदोलन निर्मित करना, ताकि रंगों की याद से उन्हें स्पष्ट पहचान मिले।
स्पाइस मनी के सह-संस्थापक एवं सीईओ संजीव कुमार ने कहा, “हालिया वर्षों में ग्रामीण भारत ने डिजिटल वित्तीय सेवाओं के मामले में भारी वृद्धि की है, लेकिन अभी भी हम बहुत शुरुआती अवस्था में हैं। देश के गाँवों के बैंकिंग आउटलेट्स की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है उनके क्षेत्रों में उनके द्वारा ग्राहकों के लिये पेश की जाने वालीं वित्तीय सेवाओं पर जागरूकता की कमी और उनकी पहचान ना होना। स्पाइस मनी ने भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के ऐतिहासिक मौके पर ‘रेडब्लू रिवॉल्यूशन’ को लॉन्च कर यह समस्या दूर करने का संकल्प लिया है। इस अभियान से कैटेगरी को अपनी एक पहचान मिलेगी और स्मार्ट बैंकिंग पॉइंट्स पर जागरूकता भी पैदा होगी तथा देशभर के गाँवों में बैंकिंग आउटलेट्स की पहुँच बढ़ेगी।”
गाँवों के बैंकिंग आउटलेट्स को बैंकिंग अभिकर्ता/व्यापारी/सूक्ष्म-उद्यमी (नैनोप्रेन्योर्स) चलाते हैं, जो बैंकों या बैंकिंग भागीदारों के विस्तार के तौर पर काम करते हैं। यह लोग भारत के हर कोने और नुक्कड़ में बैंक से कम सेवा-प्राप्त और बिना सेवा-प्राप्त समुदायों के लिये वित्तीय सेवाओं की घर-पहुँच आपूर्ति करते हैं और उन्हें औपचारिक वित्तीय प्रणाली के भीतर लाने में सहायक होते हैं। ‘रेडब्लू रिवॉल्यूशन’ गाँवों के बैंकिंग आउटलेट्स की पहुँच बढ़ाने और गांवों एवं शहरों के बीच का अंतर दूर करने में सहायता करेगा। इसके लिये बिना सेवा-प्राप्त लोगों को वित्तीय छत्र में लाया जाएगा और अंतिम मील तक वित्तीय समावेशन किया जाएगा।