सूरत, 20 अगस्त 2022: ईपीसी प्रोजेक्ट्स, हाई-टैक् मैन्युफैक्चरिंग एवं सर्विसिस के क्षेत्र में भारत की अग्रणी बहुराष्ट्रीय कंपनी लार्सन एंड टूब्रो (एल एंड टी) ने गुजरात के हाज़िरा स्थित अपने ए एम नाइक हैवी इंजीनियरिंग कॉम्पलेक्स में ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट शुरु करने की आज घोषणा की। इस प्लांट का उद्घाटन इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के चेयरमैन श्रीकांत माधव वैद्य ने किया। ऐल्कलाइन इलेक्ट्रोलाइसिस प्रोसैस पर आधारित इस ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट में 20 अगस्त 2022 से उत्पादन आरंभ हो गया है। यह प्लांट रोजाना 45 किलोग्राम ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादित करेगा जिसका उपयोग एल एंड टी के हाज़िरा मैन्युफैक्चरिंग कॉम्पलेक्स में कैप्टिव कंज़म्शन हेतु किया जाएगा।
ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट 800 किलोवाट की इलेक्ट्रोलाइज़र क्षमता के लिए डिजाइन किया गया है जिसमें ऐल्कलाइन (380 किलोवाट) और पीईएम (420 किलोवाट) तकनीकें शामिल हैं तथा इसे 990 किलोवाट पीक डीसी क्षमता वाले रूफटॉप सोलर प्लांट से ऊर्जा मिलेगी और साथ ही 500 किलोवाट बैटरी ऐनर्जी स्टोरेज सिस्टम (बीईएसएस) भी है। प्रोजेक्ट के प्रथम चरण के तहत 380 किलोवाट ऐल्कलाइन इलेक्ट्रोलाइज़र को इंस्टॉल किया गया है, जबकि 420 किलोवाट पीईएम इलेक्ट्रोलाइज़र भावी विस्तार का हिस्सा होगा, जिसके साथ सोलर प्लांट क्षमता होगी व उसे 1.6 मेगावाट पीक डीसी तक बढ़ाया जा सकेगा।
इस अवसर पर एल एंड टी के पूर्ण कालिक निदेशक व सीनियर ऐक्ज़ीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट (ऐनर्जी) श्री सुब्रमनियन सरमा ने कहा, ’’भविष्य की ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति में योगदान देने के लिए इनोवेटिव एवं सस्टेनेबल समाधान मुहैया कराने में एल एंड टी अग्रिम मोर्चे पर रहती है। हमें गर्व है की हाज़िरा कॉम्पलेक्स में हमारे इंजीनियरों ने यह ग्रीन हाइड्रोजन जैनरेशन प्लांट स्थापित किया है और ग्रीन हाइड्रोजन के इस्तेमाल के लिए इसे मौजूदा मैन्युफैक्चरिंग शॉप्स के साथ जोड़ दिया गया है।
उन्होंने आगे कहा, ’’एल एंड टी ने अपने ’लक्ष्य-2026’ के मुताबिक यह कदम उठाया है, इससे हमें अपने लिए और अपने उपभोक्ताओं के लिए हर साल लगभग 300 टन ग्रीन हाउस गैसों में कमी लाने में मदद मिलेगी। हमारा मानना है की ग्रीन हाइड्रोजन संभावनाओं से भरपूर वैकल्पिक ईंधन है और यह प्लांट इस बात का परिचायक है की हम एक हरेभरे भविष्य के निर्माण हेतु प्रतिबद्ध हैं।’’
यह प्लांट 3000 वर्ग मीटर में फैला हुआ है और प्रोजेक्ट के प्रथम चरण की स्थापना, परीक्षण व आरंभ हो चुका है। इसके दायरे में शामिल है बहुत शुद्ध ग्रीन हाइड्रोजन (99.99 प्रतिशत) और ऑक्सीजन उत्पादन तथा मैन्युफैक्चरिंग शॉप्स में उनका कैप्टिव कंज़म्पशन। प्राकृतिक गैस के साथ 15 प्रतिशत हाइड्रोजन का मिश्रण ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा तथा काटने एवं वैल्डिंग के काम में मौजूदा उपयोग में ऑक्सीजन सप्लीमेंट करेगी।
सुरक्षित परिचालन एवं उत्पादन सुनिश्चित करने के लिए प्लांट डिजाइन में ऐक्टिव और पैसिव दोनों सुरक्षा प्रणालियां हैं तथा इन्हें अत्याधुनिक नियंत्रण प्रणालियों द्वारा संचालित किया जाएगा जिनके संग रिमोट मॉनिटरिंग की व्यवस्था है। इसके अलावा, एक इंटिग्रेटिड डाटा ऐनलिटिक्स प्लैटफॉर्म भी एल एंड टी ने डिजाइन किया है जो इलेक्ट्रोलाइज़र व संपूर्ण प्लांट के प्रदर्शन की जानकारी प्रदान करेगा।
ईसीजी (पर्यावरण, सामाजिकता व गवर्नेंस) के लिए अपनी प्रतिबद्धताओं के तहत एल एंड टी ने 2035 तक जल तटस्थता एवं 2040 तक कार्बन तटस्थता हासिल करने का प्रण किया है। स्वच्छ ईंधन अपनाने की कंपनी की नीति में ग्रीन हाइड्रोजन एक अभिन्न हिस्सा बनेगा।
जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा कुशलता और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में एल एंड टी के कार्यक्रम भारत सरकार द्वारा जारी एनएपीसीसी (नैशनल ऐक्शन प्लान ऑन क्लाइमेट चेंज) के अनुसार हैं। कंपनी के कार्यक्रम नैशनली डिटरमाइंड कॉन्ट्रीब्यूशंस (एनडीसी) के मुताबिक ढाले जा रहे हैं, गौर तलब है की भारत सरकार ने सीओपी 21 – पेरिस ऐग्रीमेंट के दौरान एनडीसी हेतु मंजूरी दी थी।