मुंबई, 27 अगस्त 2022- भारत के बड़े 3पीएल समाधान प्रदाता कंपनियों में से एक महिंद्रा लॉजिस्टिक्स लिमिटेड (एमएलएल) ने ग्रोसरी सेगमेंट में अपनी मजबूत मौजूदगी कायम की है। कंपनी ने पिछले साल ही अपने बी2सी किराना व्यवसाय के लिए एंड-टू-एंड सेवाओं में प्रवेश किया है। कंपनी ने आज अपना एक और फुलफिलमेंट सेंटर लॉन्च करने की घोषणा की। देशभर में यह कंपनी का ग्यारहवां और हैदराबाद शहर में तीसरा नया फुलफिलमेंट सेंटर हे। टैक्नोलॉजी पर आधारित यह नया फुलफिलमेंट सेंटर विशेष रूप से किराना सेगमेंट में क्विक कॉमर्स को संभव बनाएगा।
छोटी सी अवधि के भीतर ही एमएलएल ने दूध से संबंधित ट्रांसपोर्टेशन, माइक्रो फुलफिलमेंट सेंटर्स (डार्क स्टोर्स) और अंतिम छोर तक डिलीवरी की अपनी संपूर्ण सेवाओं के साथ पूरे भारत में अपनी परिचालन क्षमता स्थापित कर ली है। कंपनी ने इस सेगमेंट के लिए जो नेटवर्क बनाया है, वह अपनी श्रेणी में सबसे अच्छा है और बड़ी मात्रा में काम करने के लिए सुसज्जित है। ये फुलफिलमेंट सेंटर 5 शहरों (बैंगलोर, विजाग, विजयवाड़ा, हैदराबाद और कोलकाता) में फैले हुए हैं और वर्तमान में प्रति दिन 6 लाख से अधिक यूनिट और 15000$ स्टोर में सेवा दे रहे हैं।
इस विस्तार पर टिप्पणी करते हुए, महिंद्रा लॉजिस्टिक्स के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ श्री रामप्रवीण स्वामीनाथन ने कहा, ‘‘उपभोक्ता मांग के बदलते पैटर्न के साथ, हम अपनी पहुंच को लगातार बढ़ाने के लिए अपने नेटवर्क का विस्तार कर रहे हैं। आवश्यक सेवा एक तेजी से बढ़ती श्रेणी है, और हम अपनी सुविधाओं को उन शहरों में लाने पर विचार कर रहे हैं जहां ये सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं। हम कस्टमाइज्ड और टैक्नोलॉजी आधारित समाधानों के माध्यम से बी2सी क्षेत्र में एक सुसंगत ग्राहक अनुभव प्रदान करने में विश्वास करते हैं। ये ऑपरेशन हमारे लास्ट-माइल लॉजिस्टिक्स ब्रांड ‘व्हिज़ार्ड’ के माध्यम से अंतिम छोर तक माल पहुंचाने की प्रक्रिया के साथ तालमेल भी करते हैं, जिसे हमने इस साल अप्रैल में हासिल किया था।’’
एमएलएल इन बी2सी फुलफिलमेंट सेंटर्स के माध्यम से 1500$ लोगों के लिए रोजगार पैदा कर रहा है। एमएलएल अधिक समावेशी होने के अपने प्रयासों में दृढ़ रहा है। कंपनी ने देश भर में अपने गोदामों में एलजीबीटीक्यू समुदाय के लोगों और दिव्यांग जनों को सक्रिय रूप से नियुक्त किया है। इसी तरह, एमएलएल विभिन्न पृष्ठभूमि और अनुभवों से अधिक महिलाओं को काम पर रखकर लिंग विविधता संबंधी अंतर को दूर करने का प्रयास भी कर रहा है।