मुंबई, 09 सितंबर 2022: आत्मनिर्भर भारत के लिए आत्मविश्वास की दृष्टि के अनुरूप, भारत की सबसे बड़ी स्कूल एडटेक कंपनी, लीड (LEAD) ने आज भारत का पहला स्टुडेंट कॉन्फिडेंस इंडेक्स लॉन्च किया। इस अध्ययन में विभिन्न क्षेत्रों, शहरों, जनांकिकियों और कई अन्य मापदंडों के आधार पर स्कूल जाने वाले छात्रों के आत्मविश्वास के स्तर का आकलन किया गया है। टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (एलएमआरएफ, एसएमएलएस) के सहयोग से तैयार किए गए, लीड के इंडेक्स से छात्रों के आत्मविश्वास के संबंध में कई अत्यंत महत्वपूर्ण बातों को गहराई से जानने में मदद मिली है। जहाँ भारत के आत्मविश्वास का स्तर (कॉन्फिडेंस लेवल) 100 के पैमाने पर 75 है, वहीं 36% छात्रों ने शीर्ष आत्मविश्वास स्तर (81 -100) का परिचय दिया है।
लीड के स्टुडेंट कॉन्फिडेंस इंडेक्स में 21वीं सदी के आत्मविश्वास निर्माणकारी पाँच गुणों का आकलन किया गया है जो छात्रों के जीवन में सफल होने के लिए महत्वपूर्ण हैं: अवधारणात्मक समझ (कंसेप्चुअल अंडरस्टैंडिंग), समालोचनात्मक चिंतन (क्रिटिकल थिंकिंग), संवाद (कम्यूनिकेशन), सहयोग (कोलैबरेशन) और अवसरों एवं मंचों तक पहुँच (एक्सपोजर टू ऑपर्च्युनिटीज एंड प्लेटफॉर्म्स)।
अन्य महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि:
- 87 के सूचकांक स्कोर वाले हैदराबाद और 62 के सूचकांक स्कोर वाले अंबाला के बीच 25 अंक का अंतर बताता है कि भारत के महानगरों के छात्रों में उनके गैर-महानगरीय समकक्षों की तुलना में अधिक आत्मविश्वास है। इसके अलावा, महानगरों के छात्रों को आत्मविश्वास के पाँच निर्माणकारी प्रमुख गुणों में उनके गैर-महानगरीय समकक्षों* की तुलना में स्पष्ट रूप से बढ़त प्राप्त है।
उन छात्रों का प्रतिशत (%) जिनके लिए विशेषता एक ताकत है
(स्टुडेंट सेल्फ-रेटिंग 4 या 5) |
||
गुण | महानगर | गैर-महानगर* |
अवधारणात्मक समझ | 61 | 42 |
समालोचनात्मक चिंतन | 61 | 42 |
संवाद | 63 | 46 |
सहयोग | 53 | 44 |
एक्सपोज़र | 57 | 41 |
- क्षेत्रीय स्तर पर पश्चिमी भारत 81 के स्कोर के साथ छात्र आत्मविश्वास सूचकांक (स्टुडेंट कॉन्फिडेंस इंडेक्स) में सबसे ऊपर है, जबकि दक्षिणी और पूर्वी भारत राष्ट्रीय औसत के करीब हैं।
- चेन्नई और मुंबई में लड़कियों ने लड़कों से थोड़ा बेहतर प्रदर्शन किया। यदि इन दो शहरों को छोड़ दें तो महानगरों और गैर-महानगरों के लड़कों और लड़कियों में कमोबेश समान रूप से आत्मविश्वास दिखा।
- दिलचस्प बात यह है कि लीड के छात्रों ने आत्मविश्वास निर्माणकारी सभी गुणों के मामलों में अपने गैर-महानगरीय समकक्षों से बेहतर प्रदर्शन किया है।
इंडेक्स के बारे में टिप्पणी करते हुए, लीड के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, सुमीत मेहता ने कहा, “यदि भारत को आत्मनिर्भर बनना है, तो हमारे छात्रों में भरपूर आत्मविश्वास होना चाहिए। लेकिन हमारे देश के छात्रों के आत्मविश्वास स्तर को जानने का कोई तरीका नहीं था। टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (एलएमआरएफ, एसएमएलएस) के साथ मिलकर तैयार किया गया लीड्स स्टूडेंट कॉन्फिडेंस इंडेक्स इस कमी को दूर करता है। यह एक वार्षिक सर्वेक्षण है और इससे हमें अपने छात्रों के आत्मविश्वास के स्तर पर नजर रखने में मदद मिलेगी और हमारे शिक्षा कार्यक्रमों के माध्यम से केंद्रित हस्तक्षेप करने में भी हमें सहायता मिलेगी।”
“हमें लीड के साथ मिलकर भारत के पहले छात्र आत्मविश्वास सूचकांक (स्टुडेंट कॉन्फिडेंस इंडेक्स) को तैयार करने की प्रसन्नता है। टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की एलएमआरएफ टीम की कठोर शोध प्रक्रिया के बाद इस आत्मविश्वास सूचकांक के निर्माण के लिए उपकरण तैयार हुआ। अकादमिक प्रदर्शन में परिलक्षित आत्मविश्वास को मापने में उपकरण की वैधता और विश्वसनीयता वैज्ञानिक रूप से स्थापित है। प्रमुख स्कूलों और छात्रों के साथ हमारे पास जो शोध और प्रदर्शन था, वह मुख्य रूप से हमें अकादमिक उपलब्धियों में सार्थक बदलाव लाने की क्षमता और अनिवार्य रूप से छात्रों के जीवन और कैरियर के बारे में आश्वस्त करता है” – टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज, एलएमआरएफ, एसएमएलएस के असिस्टेंट प्रोफेसर, डॉ राहुल एस ने उक्त बातें कहीं।
भारत के इस पहले स्टुडेंट कॉन्फिडेंस इंडेक्स में 6 महानगरों, 6 गैर-महानगरों, और 3 टियर 2/3 शहरों के कक्षा 6-10 के 2800+ छात्रों का सर्वेक्षण किया गया। यह अध्ययन बाजार अनुसंधान और सर्वेक्षण कंपनी, बॉर्डरलेस एक्सेस द्वारा कराया गया था।