Editor- Manish Mathur
जयपुर, 10 अक्टूबर। राजधानी जयपुर में आयोजित तीन दिवसीय इंडियन सोसाइटी ऑफ पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, हेपेटोलॉजी एंड न्यूट्रिशन (आईएसपीजीएचएएन) का 9वां वार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन और इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटरोलॉजी चैप्टर का 32वां वार्षिक सम्मेलन का रविवार को समापन हुआ। सम्मेलन के तीसरे यानी क्लोजिंग डे शिशु से जुड़े लिवर और पेट से जुडे रोगों पर सेशन आयोजित हुए जिसमे राजस्थान के चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स ने हिस्सा लिया। सेशन की शुरुआत सम्मेलन के आयोजन अध्यक्ष, डॉ आरके गुप्ता से हुई, जिन्होने सेशन में शिशुओं से जुड़ी कब्जी डिजीज पर रोशनी डालते हुए बच्चों मैं तेज़ी से बढ़ रही इस समस्या को गंभीर बताया। आउटडोर मैं इस बीमारी से जूझ रहे 10 से 15 बच्चे हर दिन देखता हूं। इस बीमारी का सबसे बड़ा कारण फास्ट फूड और जंक फूड की अधिक मात्रा में खाना, व्यायाम की कमी इसका बड़ा कारण है। इसके उपचार में 3 से 6 माह का समय लगता है। वहीं हैदराबाद से आए डॉ एमके याचा ने कहा कि सिलियट डिजीज महत्वपूर्ण है, जिसका डायग्नोसिस जल्द से जल्द कराना जरूरी है। आईएसपीजीएचएएनसीओएन की प्रेसिडेंट और वेदांता गुरुग्राम की नीलम मोहन ने बच्चों मैं लिवर ट्रांसप्लांट के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि वेदांता मैं आज न्यू बॉर्न बेबी के भी नई तकनीक से सफल लिवर ट्रांसप्लांट की जा रहे हैं।
आयोजन सचिव डॉ ललित बराडिया और सह सचिव डॉ नटवर परवाल ने बताया इस सम्मेलन में लगभग 500 चिकित्सकों ने हिस्सा लिया। सम्मेलन में नवजात शिशुओं में लिवर फेलियर एवं इम्यून लिवर डिजीज के बारे में देश विदेश के विशेषज्ञ डॉक्टर्स ने परिचर्चा की, इसके साथ ही बच्चों मैं बढ़ते पेंक्रियाज की बीमारी के बारे में भी विशेष सत्र आयोजित किया गया। इसके अलावा आइएलबीएस दिल्ली की सीमा आलम ने बच्चों मैं अनुवांशिक पीलिया के बारे में विस्तार से बताया। सम्मेलन के समापन सेशन में आयोजन अध्यक्ष डॉ आर के गुप्ता ने बताया कि सम्मेलन में पहली बार अलग अलग 5 कार्यशाला आजोजित हुई। जिसमे लगभग 200 से अधिक चिकित्सकों ने हिस्सा लिया। जिसमे देशभर के 150 से अधिक विशेषज्ञों ने अपने अनुभव, शोध, विचार साझा किए। सम्मेलन के समापन पर सोसायटी की राष्ट्रीय अध्यक्ष नीलम मोहन ने सभी आयोजकों को स्ममेलन के सफल आयोजन के लिए बधाई दी और उनकी भरपूर प्रशंसा की। नीलम मोहन ने हैदराबाद मैं 2023 में होने वाले आई एसजीएचएएनसीओएन में मिलने के वादे के साथ सभी गेस्ट, डिग्निरिटीज़ और फैकल्टी को शामिल होने के लिए धन्यवाद दिया।