जयपुर, 7 अक्टूबर 2022: भारत की सबसे बड़ी एकीकृत उपयोगिता कंपनी, टाटा पावर ने आज कहा कि कंपनी राजस्थान में अपनी व्यावसायिक उपस्थिति का विस्तार करने की योजना बना रही है। जयपुर में चल रहे इन्वेस्ट राजस्थान सम्मेलन में भाग लेने के दौरान, कंपनी की ओर से कहा गया कि उसने राज्य में अगले पांच वर्षों में 8000 मेगावाट तक की यूटिलिटी स्केल परियोजनाएं, 1000 मेगावाट के सौर छत और 1,50,000 सौर पंप विकसित करने की योजना बनाई है।
टाटा पावर, अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी टाटा पावर सोलर के साथ मिलकर, सौर ऊर्जा के माध्यम से स्वच्छ ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए राज्य में अपनी उपस्थिति का विस्तार करेगा। कंपनी ने राज्य में 4500 से अधिक लोगों को रोजगार दिया है, और इसकी विस्तार परियोजनाएं अगले पांच वर्षों में 6000 -8000 से भी अधिक लोगों के लिए रोजगार पैदा करेंगी।
टाटा पावर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक, डॉ प्रवीर सिन्हा ने कहा, “क्षमता के मामले में और अब तक यहाँ किए गए कार्यों के लिहाज से, राजस्थान आज सौर ऊर्जा के माध्यम से हरित ऊर्जा का उत्पादन करने में एक रोल मॉडल के रूप में उभरा है। मुझे यहां इन्वेस्ट राजस्थान सम्मेलन में उपस्थित होकर प्रसन्नता हो रही है। राज्य में हमारी पहले से ही मजबूत उपस्थिति है। टाटा पावर राजस्थान को भविष्य के लिए तैयार करने और इसकी पूरी क्षमता को इसे हासिल कराने और देश के ग्रीन पावर हाउस के रूप में उभरने में इसकी सहायता के लिए पूरी तरह से तैयार है। हम इस सीमावर्ती राज्य के किसानों, उद्योगों और आम नागरिकों के लाभ के लिए सभी तीनों व्यवसायों – ईपीसी, सौर पंप और सौर छत का आधार लगातार बनाए रखेंगे।”
राजस्थान, टाटा पावर के नवीकरणीय व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण राज्य है। कंपनी के पास वर्तमान में 4939 मेगावॉट पावर का पोर्टफोलियो है। अब तक, टाटा पावर ने राजस्थान में 2,066 मेगावाट की परियोजना शुरू कर दी है और राज्य में लगभग 2,873 मेगावाट क्षमता की सौर परियोजनाओं पर काम चल रहा है और इन्हें अगले 12 -24 महीनों में पूरा कर लिया जाएगा।
टाटा पावर की योजना अगले पांच वर्षों में राज्य में 10,000 मेगावाट का अक्षय ऊर्जा पोर्टफोलियो बनाने की है।
टाटा पावर की इकाई, टीपी अजमेर डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड ने 5 साल का परिचालन पूरा कर लिया है और अजमेर के उपभोक्ताओं को बेहतर अनुभव प्रदान किया है। टाटा पावर ने अजमेर में सुरक्षित और विश्वसनीय आपूर्ति सुनिश्चित की है और एटी एंड सी घाटे को 22% से 9% तक लाने में सक्षम रहा है।
राजस्थान सरकार के समर्थन और अनुकूल नीतियों के साथ, हम सहयोगपूर्ण सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत राज्य के विभिन्न शहरों में बिजली वितरण के अवसरों की उम्मीद कर रहे हैं और राजस्थान के नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति के साथ सेवा प्रदान करने का इरादा रखते हैं।
सौर पंपों के संबंध में, टाटा पावर ने राज्य में अगले पांच वर्षों में लगभग 1,50,000 पंप स्थापित करने की योजना बनाई है। कंपनी अब तक जयपुर, हनुमानगढ़, गंगानगर, जालौर और बीकानेर में लगभग 21,600 सौर पंप लगा चुकी है।
टाटा पावर की रूफटॉप सेवाओं के माध्यम से राजस्थान में 65 मेगावाट की संचयी स्थापित क्षमता है। कंपनी, राजस्थान के अजमेर, सिरोही, राजसमंद, जालौर और मकराना जैसे क्षेत्रों में संगमरमर, ग्रेनाइट और स्टोन क्रशिंग आदि जैसे औद्योगिक बेल्ट के लिए व्यापक काम कर रही है।
अपनी विभिन्न रूफटॉप पेशकशों के माध्यम से, टाटा पावर ने इन उद्योगों के लिए 20 मेगावाट से अधिक रूफटॉप स्थापित किए हैं। इन अवस्थापनाओं के परिणामस्वरूप संगमरमर/ग्रेनाइट और क्रशिंग आदि से जुड़े ग्राहकों के लिए प्रतिवर्ष लगभग 20 करोड़ रुपये की संचयी बचत हुई है।
कंपनी ने सिर्फ रूफटॉप समाधान की आपूर्ति से आगे भी कदम बढ़ाया और ऐसी तकनीकों का परामर्श दिया जिनसे अधिकांश और विशेषकर स्टोन क्रशिंग इंडस्ट्री के उपयोगकर्ता लाभान्वित हुए हैं।
इन क्षेत्रों के लिए हमारी पेशकशों के परिणामस्वरूप कुछ लाभों में व्यावसायिक उत्पादन, कम बिजली की खपत और ऊर्जा के कुशल उपयोग के परिणामस्वरूप खर्च का कम होना शामिल है। राजस्थान एक ऐसा राज्य है जहां आमतौर पर दिन के दौरान उच्च तापमान होता है। कुछ साइटों पर रूफटॉप इंस्टॉलेशन ने साइट के आंतरिक तापमान को 4 -5 डिग्री तक ठंडा करने में भी मदद की है।
टाटा पावर की पेशकशें, उच्च गुणवत्ता और डिलीवरी के प्रति प्रतिबद्धता हमारे रूफटॉप व्यवसाय की कुछ असाधारण विशेषताएं हैं।
टाटा पावर राज्य में मजबूत ईवी चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने की दिशा में भी काम कर रहा है ताकि ई-मोबिलिटी की ओर तेजी से बढ़ा जा सके। कंपनी राजस्थान में 1100 से अधिक होम चार्जर और 100 सार्वजनिक चार्जर लगा चुकी है।
अगले कुछ वर्षों में, टाटा पावर ने राज्य में 10,000 सार्वजनिक ईवी चार्जर स्थापित करने की योजना बनाई है।
ऊर्जा कार्यक्रम के तहत कंपनी ने राज्य के स्कूलों में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम), और स्वास्थ्य शिक्षा के साथ – साथ शिक्षक – प्रशिक्षण को सक्षम करने हेतु अपना सीएसआर कार्यक्रम शुरू किया है।