मुंबई, 09 नवंबर, 2022- देश के इंटीग्रेटेड लॉजिस्टिक्स और मोबिलिटी सॉल्यूशंस प्रोवाइडर्स में से एक महिंद्रा लॉजिस्टिक्स लिमिटेड (एमएलएल) ने 30 सितंबर, 2022 को समाप्त तिमाही और छमाही के लिए अपने अलेखापरीक्षित समेकित वित्तीय परिणामों की घोषणा की।
वित्त वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही में परफॉर्मेंस- एफवाई 22 की दूसरी तिमाही की तुलना में
- राजस्व 1,033 करोड़ रुपए की तुलना में 1,326 करोड़ रुपए
- ईबीआईटीडीए 49 करोड़ रुपए की तुलना में 71 करोड़ रुपए
- पीबीटी 8 करोड़ रुपए की तुलना में 17 करोड़ रुपए
- पीएटी 5 करोड़ रुपए की तुलना में 11 करोड़ रुपए
- ईपीएस (डाइल्यूटेड) 0.71 रुपए की तुलना में 1.69 रुपए
एच1 एफवाई22 की तुलना में एच1 एफवाई23 का प्रदर्शन
- राजस्व 1,916 करोड़ रुपए की तुलना में 2,526 करोड़ रुपए
- ईबीआईटीडीए 92 करोड़ रुपए की तुलना में 140 करोड़ रुपए
- पीबीटी 14 करोड़ रुपए की तुलना में 36 करोड़ रुपए
- पीएटी 8 करोड़ रुपए की तुलना में 25 करोड़ रुपए
- ईपीएस (डाइल्यूटेड) 1.16 रुपए की तुलना में 3.56 रुपए
एफवाई22 के आंकड़े क्यू1 एफवाई23 में मेरु कंपनियों के अधिग्रहण के बाद बहाल किए गए हैं।
प्रमुख हाईलाइट्स
- ऑटोमोटिव उद्योग में निरंतर सुधार और दूरसंचार सहित उपभोग बाजारों में निरंतर वृद्धि के कारण तिमाही में वृद्धि
- बी2बी एक्सप्रेस और लास्ट माइल डिलीवरी (डेल सहित) सेवाओं में स्थिर वृद्धि
- मोबिलिटी बिजनेस हालांकि पूर्व-कोविड स्तरों पर वापस नहीं आया, लेकिन परिचालन दक्षता में सुधार जारी है
- तिमाही में हमने नासिक, भिवंडी और लुहारी जैसे स्थानों में गोदामों के लिए 1 मिलियन वर्ग फुट से अधिक जगह हासिल की है
कंपनी की परफॉर्मेंस पर टिप्पणी करते हुए महिंद्रा लॉजिस्टिक्स लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ श्री रामप्रवीन स्वामीनाथन ने कहा,
‘‘हमने वित्त वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही में अपनी विकास गति को 28 प्रतिशत सालाना वृद्धि के साथ जारी रखा। ऑटो रिकवरी और अन्य क्षेत्रों में निरंतर ऑर्गेनिक ग्रोथ वॉल्यूम में वृद्धि के कारण व्यवसाय की मात्रा में वृद्धि का दौर कायम है। 3पीएल कॉन्ट्रैक्ट लॉजिस्टिक्स के अलावा, हमने लास्ट माइल और बी2बी एक्सप्रेस में निवेश करना जारी रखा, जिसने मजबूत विकास गति को बनाए रखने मंे मदद की है। तिमाही के दौरान हमने मुद्रास्फीति का व्यापक प्रभाव भी महसूस किया है। साथ ही, फ्रंट लाइन मैनपावर कॉस्ट्स में वृद्धि और ट्रेलरों और कार वाहकों की आपूर्ति में कमी भी दर्ज की। अल्पकालिक परिचालन वातावरण में वैश्विक मंदी के रुझान, मूल्य अस्थिरता और समग्र मुद्रास्फीति की विशेषता बनी हुई है, दूसरी तरफ हम अपने और अपने ग्राहकों के लिए संचालन में अनुकूलन करना जारी रखते हैं। हमें यकीन है कि हाल ही में घोषित नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी इस सेक्टर में सुधारों की गति को आगे बढ़ाने में सहायक होगी और डिजिटलीकरण, मल्टी मॉडल लॉजिस्टक्स और लॉजिस्टक्स की कम लागत की दिशा में भी मददगार साबित होगी।’’