मुंबई, 15 नवम्बर, 2022: बच्चे देश का भविष्य हैं और आने वाले के नागरिक हैं। बाल दिवस के मौके पर वी की सीएसआर शाखा वी फाउन्डेशन ने एक विशेष कार्यक्रम के दौरान ‘वीर की कहानियां’ पुस्तक के दूसरे संस्करण का अनावरण किया। इस अवसर पर प्रतिभाशाली बच्चों को अकादमिक एवं पाठ्येत्तर उपलब्धियों के लिए सम्मानित भी किया गया। यह पुस्तक वी फाउन्डेशन के विभिन्न सोशल इम्पैक्ट प्रोग्रामों से बच्चों के वास्तविक जीवन की कहानियों का संकलन है। इसके अलावा वी फाउन्डेशन ने पुस्तक ‘चलो मेरी स्टोरी पढ़ें’ का भी अनावरण किया है, जो समुदाय की कहानियों का संग्रह है।
पुस्तक ‘वीर की कहानियां’ एवं ‘चलो मेरी स्टोरी पढ़ें’ का अनावरण उद्यमी, पर्वतारोही एवं संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों के लिए ग्लोबल एडवोकेट अनुराग मालू ने किया। साथ ही पी बालाजी, चीफ़ रेग्युलेटरी एवं कॉर्पोरेट अफेयर्स ऑफिसर, वीआईएल एवं डायरेक्टर वोडाफोन आइडिया फाउन्डेशन; और डॉ निलय रंजन, हैड, वोडाफोन आइडिया फाउन्डेशन भी मौजूद रहे।
‘वीर की कहानियां’ जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से बच्चों की कहानियों का संकलन है, जिन्होंने संघर्ष करते हुए अपने सपने साकार किए। इन कहानियों में बताया गया है कि कैसे वी फाउन्डेशन ने आधुनिक तकनीक के द्वारा बच्चों को उनकी पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन करने में मदद की साथ ही अध्यापकों को भी नए तरीकों से ज्ञान बांटने में सक्षम बनाया। पुस्तक देखने/ पढ़ने के लिए विज़िट करें http://vicsr.flowpaper.com/https://vicsr.flowpaper.com/VIRKIKAHANIYAN
वर्चुअल आयोजन के दौरान दर्शकों को सम्बोधित करते हुए मुकेश खन्ना, अभिनेता एवं टॉक शो होस्ट ने कहा, ‘‘हमारे देश का भविष्य आज के बच्चों पर निर्भर करता है। इनमें से हर बच्चे के भीतर एक शक्तिमान छिपा है। हमें अपने बच्चों को अपनी प्रतिभा को पहचानने में सशक्त बनाना होगा ताकि वे आने वाले कल में अपने लिए सही फैसले ले सकें तथा देश एवं दुनिया के उज्जवल भविष्य के निर्माण में योगदान दे सकें।’
वर्चुअल आयोजन के दौरान बात करते हुए पी बालाजी, चीफ़ रेग्युलेटरी एण्ड कॉर्पोरेट अफेयर्स ऑफिसर एवं डायरेक्टर, वी फाउन्डेशन ने कहा, ‘‘वी फाउन्डेशन में हमारा मानना है कि हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलनी चाहिए, ताकि वे अपनी क्षमता का सही उपयोग कर एक बेहतर भविष्य का निर्माण कर सकें। हम हमेशा से शिक्षा को महत्व देते रहे हैं और हमने ऐसे प्रोग्राम विकसित किए हैं, जो तकनीकी हस्तक्षेपों के माध्यम से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार ला सकें तथा शिक्षा क्षेत्र को नया आयाम दे सकें। जिज्ञासा, गुरूशाला, टीचर्स एण्ड स्टूडेन्ट छात्रवृत्ति एवं टीचर्स रोबोटिक्स जैसी पहलों के द्वारा हम देश भर में 16 लाख से अधिक बच्चों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न कर चुके हैं। अपने प्रयासों के ज़रिए हम बच्चों के जीवन में सुधार लाने और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए तत्पर हैं।’
उद्यमी, पर्वतारोही एवं संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों के लिए ग्लोबल एडवोकेट अनुराग मालू ने बताया, ‘‘हम सभी के सपने होते हैं, लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि हम इन सपनों को साकार करने के लिए किस तरह से प्रयास करते हैं। इसलिए पहले सपने देखिए और फिर उन्हें साकार करने की कोशिश कीजिए। आपको हर दिन अपने सपनों की दिशा में कोशिश करनी चाहिए। ऐसा कुछ नहीं जिसे आप न कर सकें, हमें अपने भीतर छिपे शक्तिमान की ताकत का उपयोग करते हुए अपनी क्षमता का प्रदर्शन करना है। सीखते रहें, कुछ नया करते रहे, अपने भीतर की क्षमता को पहचानें, दूसरों को भी इसके लिए मदद करें। याद रखें, अपने भविष्य में सुधार लाकर आप दुनिया के भविष्य को नया आयाम देते हैं। सपने देखिए और विश्वस्तरीय लक्ष्यों को हासिल करने में अपना योगदान दीजिए।’
‘गुरूशाला’ ज्ञान को साझा करने का एक मंच है जो डिजिटल रूप से अध्यापकों और छात्रों को लर्निंग मटीरियरल एक्सेस एवं अपलोड करने में सक्षम बनाता है, वे जब चाहें, जहां चाहें इसका उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा वी फाउन्डेशन का फ्लैगशिप प्रोग्राम ‘जिज्ञासा’ अध्यापकों की क्षमता निर्माण में मदद करता है, उन्हें डिजिटल कंटेंट, प्रशिक्षण के उपकरणों एवं पढ़ाने के आधुनिक तरीकों के साथ अध्ययन-अध्यापन को रोचक बनाता है। यह अध्ययन के लिए बुनियादी सुविधाओं में सुधार लाता है। वोडाफोन आइडिया का टीचर्स स्कॉलरशिप प्रोग्राम अध्यापकों को ई-लर्निंग के लिए बुनियादी सुविधाएं जैसे लैपटॉप, ऑनलाईन कोर्सेज़ आदि उपलब्ध कराता है।’