‘यह विकास पर फोकस करने वाला बजट है, जो हाल के वर्षों में पेश सर्वश्रेष्ठ बजट में से एक है। बजट में बुनियादी ढांचे और रोजगार सृजन दोनों पर ध्यान दिया गया है, जबकि सभी के लिए आयकर कम किया गया है, और राज्यों को बहुत पैसा दिया गया है। राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 6.4 प्रतिशत से घटाकर 5.9 प्रतिशत कर दिया गया है, अगले तीन वर्षों में 4.5 प्रतिशत तक पहुंचने का स्पष्ट रास्ता दिखाया गया है। इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस किया गया है और इसके तहत ही पूंजीगत परिव्यय 7.5 लाख करोड़ रुपए से 10 लाख करोड़ रुपए तक किया गया है। यह परिव्यय पीएम गति शक्ति और सरकार की निष्पादित करने की क्षमता के साथ सड़कों, रेलवे, बंदरगाहों और हवाई अड्डों के माध्यम से दिखाई देगा और मांग में परिवर्तित होगा। एक तरफ सीमेंट और स्टील जैसी बुनियादी सामग्री के लिए, और दूसरी तरफ समाज के सभी वर्गों के उपभोग के सामान के लिए मांग में इजाफा होगा।
यह बजट विकास को सपोर्ट करने के साथ-साथ खपत की रफ्तार को भी आगे बढ़ाएगा और साथ ही चीन और विकसित बाजारों में वैश्विक विपरीत परिस्थितियों की तुलना में देश को अच्छी स्थिति में रखेगा, और जब तक कि बाकी दुनिया आसान न हो जाए।
बजट पेश होने से पहले निवेशक पूंजीगत लाभ में बढ़ोतरी को लेकर चिंतित थे। वहीं कोई बदलाव नहीं होने से सकारात्मक प्रतिक्रिया भी पैदा हुई है। कुल मिलाकर यह बाजारों के लिए बहुत ही सकारात्मक बजट है, जिसमें सभी के लिए कुछ न कुछ है। मैं बजट को 10 में से नंबर देता हूं।’’