जिंदगी के हर सोपान पर संघर्ष, सफलता, समर्पण सेवा और माता-पिता के समृद्ध संस्कारों की स्मृतियां जिन्होंने बड़े करीने से अपने पास संजोकर रखी है, उसी के बूते वे आज दीन-दुःखियों, दिव्यांग एवं निराश्रितों के सर्वांगीण विकास व पुनर्वास के क्षेत्र में अपनी खास पहचान रखते हैं। नारायण सेवा के संस्थापक-पद्मश्री कैलाश ‘मानव‘ के सुपुत्र श्री प्रशांत अग्रवाल। जिन्होंने पिता की ही भांति दूसरों की जिंदगी के कैनवास में नई उम्मीद-नई रोशनी के रंग भरने का काम ‘अहर्निशं सेवामहे’ अर्थात् ‘मैं निरंतर सेवार्थ समर्पित रहूं’ मंत्र के साथ किया। पीड़ित मानवता की सेवा की जिसने कम उम्र में ही दीक्षा ली। नारायण सेवा संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल का जन्म माता श्रीमती कमला देवी की कोख से सन् 21 सितम्बर 1973 में उदयपुर में हुआ। उन्होंने विज्ञान में स्तानक तक शिक्षा के बाद एमको एंटरप्राइजेज के नाम से अपना कारोबार शुरू किया। मित्र की फार्मा होलसेल कंपनी के कारोबार से भी जुडे़। उसके बाद ‘पेरागोन मास रिटेल प्राइवेट लिमिटेड के बैनर तले ‘ऑर्थोपेडिक सॉफ्ट गुड्स‘ बनाने का काम शुरू किया जो अनवरत है।
यूं तो बचपन से ही माता-पिता की प्रेरणा से सेवा कार्यो में संलग्न रहे, मगर 2000 में नारायण सेवा संस्थान को उनकी सेवाओं की पूर्णकालिक आवश्यकता महसूस हुई और स्वयं की भगवान कृष्ण के प्रति आस्था और सेवा भावना के चलते अपना कारोबार मित्र के जिम्मे कर वे संस्थान से जुड़ गए। आपने संस्थान की सेवाओं को अधिक व्यापकता देकर देश-विदेश में शाखाओं की स्थापना की। संस्थान के सम्पूर्ण सिस्टम को इंटीग्रेटेड और माॅर्डन स्वरूप दिया। सरल मन, मृदुभाषी, शांत-चित्त, मर्यादित व्यवहार व दृढ़़ निश्चय के धनी श्री प्रशांत अग्रवाल की कर्मशीलता एवं करूणा उनकी विशेषता है।
गत अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगता दिवस पर 16 राज्यों के 300 दिव्यांगों ने उदयपुर में नेशनल व्हीलचेयर क्रिकेट खेल विश्व कीर्तिमान स्थापित किया। संस्थान दिव्यांगों के उत्थान के लिए पैरा स्विमिंग और ब्लाइंड क्रिकेट का भी नेशनल स्तर का आयोजन कर चुका है। उदयपुर एयरपोर्ट के पास दिव्यांगों के लिए नारायण पैरा स्पोर्ट्स एकेडमी भी बनकर तैयार है। जिसमें गरीब प्रतिभावान खिलाड़ियों को विभिन्न खेलों का निशुल्क खेल प्रशिक्षण दिया जाएगा।
नारायण सेवा संस्थान मानव सेवा का ऐसा मंदिर है। जहां चिकित्सा, शिक्षा, स्वास्थ्य, पुनर्वास सहित विभिन्न सेवाएं पूर्णतः निःशुल्क हो रही हैं । चारों हाथ-पांव से घिसट-घिसट कर जिंदगी जी रहे पूर्व पोलियोग्रस्त और जन्मजात दिव्यांगता के रोगियों की 80-90 सर्जरी प्रतिदिन हो रही है। संस्थान दिव्यांग एवं निर्धन सामूहिक विवाह समारोह वर्ष में दो बार आयोजित कर उनकी खुशहाल गृहस्थी बसाने का माध्यम भी बन रहा है। अब तक 38 सामूहिक विवाह से 2201 जोड़ों की गृहस्थी बसाई गई है। करीब 4.50 लाख से अधिक सफल दिव्यांगता ऑपरेशन भी हो चुके हैं । ऐसे दिव्यांग बंधु जिन्हें केवल और केवल सहायक उपकरण से ही मदद संभव है। ऐसे 8 लाख से अधिक जनों को ट्राईसाईकिल, बैशाखी, वॉकर, व्हीलचेयर, श्रवण यंत्र और केलिपर्स प्रदान किये गये हैं।
संस्थान ने केन्या, मोबासा, साऊथ अफ्रिका, युगांडा, तंजानिया जैसे देशों में दिव्यांगता निवारण शिविर आयोजित कर 5 हजार से ज्यादा दिव्यांगों को राहत पहुंचाई है।
संस्थान को उत्कृष्ट मानवीय सेवाओं के लिए भारत सरकार एवं विभिन्न राज्य सरकारों ने समय-समय पर सम्मानित किया है। संस्थान के संस्थापक श्री कैलाश जी मानव जी को राष्ट्रपति महोदय द्वारा पद्मश्री पुरस्कार और अध्यक्ष प्रशान्त अग्रवाल को लिम्का बुक्स ऑफ रिकोर्ड में स्थान मिल चुका है।
प्रशांत अग्रवाल के नेतृत्व में संस्थान ने लाॅकडाउन के दौरान टूटे-बिखरे परिवारों को महाभियान चलाकर खूब संबल दिया। 50 हजार परिवारों को राशन वितरित किया गया।
उदयपुर में तैयार हो रहा है, नारायण सेवा संस्थान का ‘वर्ल्ड ऑफ हृयूमेनिटी‘ 450 बेड का अस्पताल। जिसमें अधिक से अधिक उन दिव्यांगजन को अत्याधुनिक चिकित्सा सेवाएं निःशुल्क उपलब्ध होगी। प्रशांत अग्रवाल के ही प्रयत्नों से 2022 में संस्थान में भारत की पहली प्रोस्थेटिक और ऑर्थोपेडिक उपकरण निर्माण की ‘सेंट्रल फेब्रिकेशन यूनिट‘ स्थापित की जा चुकी है। जर्मनी की यह मशीन हेंड मेड लिम्ब के मुकाबले शत-प्रतिशत सटीक नाप के आधार पर कटे अंग की सुविधाजनक प्रतिकृति बना देती है।