नई दिल्ली, 14 अप्रैल, 2023- देश की अग्रणी एयरलाइन और स्टार एलायंस सदस्य एयर इंडिया ने अपने एयरबस ए320 विमान के फ्लीट के लिए दिल्ली और बेंगलुरु हवाई अड्डों पर टैक्सीबॉट संचालन शुरू करने के लिए केएसयू एविएशन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
यह रणनीतिक साझेदारी अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए एयर इंडिया की प्रतिबद्धता के अनुरूप है, क्योंकि टैक्सीबॉट्स को अपनाने से तीन वर्षों में ईंधन की खपत में 15,000 टन की संभावित बचत की परिकल्पना की गई है।
टैक्सीबॉट एक सेमी-रोबोटिक उपकरण है, जो विमान से जुड़ने के बाद विमान के नोज लैंडिंग गियर के विस्तार के रूप में कार्य करता है। इसका उपयोग हवाई अड्डे के टर्मिनल गेट से टैक्सी-आउट पॉइंट तक विमान को टो करने के लिए और विमान के इंजन का उपयोग किए बिना लैंडिंग (टैक्सी-इन फेज) के बाद टर्मिनल गेट से विमान को टो करने के लिए किया जाता है। इस तरह जेट ईंधन की बचत होती है। यह नवीन टैक्नोलॉजी न सिर्फ ईंधन की खपत को कम करती है, बल्कि कार्बन उत्सर्जन, शोर के स्तर के साथ-साथ एयरलाइनों के लिए लागत पर भी अंकुश लगाती है।
एयर इंडिया के सीईओ और एमडी कैंपबेल विल्सन ने टैक्सीबॉट को अपनाने के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा, ‘‘एक जिम्मेदार एयरलाइन के रूप में, एयर इंडिया लगातार सस्टेनेबिलिटी में सुधार और हमारे कार्बन फुटप्रिंट को बेहतर तरीके से मैनेज करने के तरीकों की तलाश कर रही है। टैक्सीबॉट्स का उपयोग करना दरअसल उत्सर्जन और ईंधन की खपत को कम करने की हमारी प्रतिबद्धता का एक और उदाहरण है। केएसयू के साथ इस सहयोग के जरिये हम टैक्सीबॉट्स की क्षमताओं का बेहतर मूल्यांकन कर सकेंगे और इस तरह हम एयरइंडिया की सहायक कंपनियों और अन्य हवाई अड्डों पर अधिक से अधिक तैनाती की ओर बढ़ सकेंगे।’’
एयर-इंडिया अपने नियमित फ्लीट ऑपरेशंस के हिस्से के रूप में सस्टेनेबिलिटी को अपनाने के लिए दक्षता उपायों में निवेश कर रही है – जिसमें नवीन टैक्नोलॉजी के इस्तेमाल के साथ नए विमान, बेहतर प्रक्रियाएं और ड्राइविंग ऑपरेशंस शामिल हैं।
एयर इंडिया ने सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल (एसएएफ) के अनुसंधान, विकास और उपयोग पर सहयोग करने और एक साथ काम करने के लिए आज वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद – भारतीय पेट्रोलियम संस्थान के साथ एक समझौता किया है।
डॉ. अश्विनी खन्ना, डायरेक्टर, केएसयू एविएशन प्रा. लिमिटेड ने कहा, ‘‘हम कार्बन फुटप्रिंट से संबंधित मसले को दूर करने के लिए एयर इंडिया के फोकस्ड विजन के हिस्से के रूप में टैक्सीबॉट को औपचारिक रूप से शामिल करने के बारे में उत्साहित हैं। एयर इंडिया बड़े पैमाने पर परिवर्तन के दौर से गुजर रही है और इस यात्रा के एक अभिन्न अंग के रूप में सस्टेनेबल प्रेक्टिसेज को अपनाया है। हम एयर इंडिया जैसे समान विचारधारा वाले संगठनों के साथ साझेदारी करने के लिए प्रतिबद्ध हैं ताकि कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में आधुनिक तकनीक का लाभ उठाया जा सके और नेट जीरो की स्थिति को हासिल करने की दिशा में तेजी लाई जा सके।’’
अक्टूबर 2019 में, एयर इंडिया ने वैश्विक स्तर पर पहली बार, एयरबस ए320 विमान में एक टैक्सीबॉट का इस्तेमाल किया था, जो यात्रियों के साथ एक वाणिज्यिक उड़ान संचालित कर रहा था।