जयपुर, 14 अप्रैल, 2023 : शांति,सौहार्द ओर समानता का संदेश देने के साथ भारत को संविधान देने वाले बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर जयंती पर जवाहर कला केंद्र की सुदर्शन कला दीर्घा में आयोजित कला प्रदर्शनी में सतरंगी रंगों में बाबा साहब के संघर्ष की दास्तां एक बार फिर से जीवंत ही उठा।
इस मौके पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया।
प्रदर्शनी संयोजक निवाई विधायक प्रशांत बैरवा ने बताया कि प्रदर्शनी में भीमराव के संघर्ष यात्रा को स्कूली जीवन में छुआछूत से लेकर पीने के पानी के लिए भी ग्रामीणों से संघर्ष करने का वृतांत देख मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ चित्रकार चन्द्र प्रकाश गुप्ता की कला साधना की भूरी भूरी प्रशंशा की।
गुप्ता ने बताया कि वाटर कलर व पेंसिल स्केच में भीमराव का जीवन संघर्ष आमजन को प्रोत्साहन से रहे थे।
चित्रकार गुप्ता ने बताया कि आजादी से पूर्व जब दलित को विवाह के दौरान घोड़ी पर नहीं बैठने देते थे ,तो दूल्हे को कंधे पर बैठाकर दुल्हन के घर ले जाया जाता था। जिससे पूरा दलित समुदाय लज्जित होता था।
वहीं, प्रदर्शनी में बाबा साहब के जीवन के अंतिम चरण में लगभग 5 हजार दलित लोगों के साथ बौद्ध धर्म को अपनाने की प्रक्रिया को भी दर्शाया गया।
जिसमें भीमराव पत्नी ये साथ बौद्ध धर्म के संस्थापक महात्मा बुद्द की शरण में दिखाया गया। जो शांति का संदेश दे रही थी। वहीं,नागपुर स्थित बाबा साहब के स्मारक को भी चित्रकार ने दर्शाया।
इस मौके पर केबिनेट मिनिस्टर टीकाराम जूली के साथ अनेक वरिष्ठ कार्यकर्ता व गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे।