जयपुर: राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ रेस्टा के बैनर तले प्रदेश भर के वरिष्ठ अध्यापक 17 अप्रैल को जयपुर के शहीद स्मारक पर प्रदर्शन करेंगे। इस संबंध में पिंकसिटी प्रेस क्लब में शनिवार को रेस्टा के पदाधिकारियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए। रेस्टा के प्रदेशाध्यक्ष भैरू राम चौधरी ने बताया कि वरिष्ठ अध्यापक से व्याख्याता की डीपीसी पिछले तीन सत्र से बकाया चल रही है। नए सेवा नियम लागू होने से पूर्व डिग्री प्राप्त कर चुके वरिष्ठ अध्यापकों को पात्र मानते हुए तीन सत्रों की बकाया डीपीसी करने, माध्यमिक शिक्षा में स्टाफिंग पैटर्न की समीक्षा करने, 2013 के बाद क्रमोन्नत विद्यालयों में अनिवार्य विषयों के व्याख्याता पद सृजित करने, उच्च माध्यमिक में क्रमोन्नत 5 हजार विद्यालयों में व्याख्याता पदों का सृजन करने व वरिष्ठ अध्यापकों के अंतर मंडल स्थानांतरण पर वरिष्ठता विलोपन नहीं करने की मांगों को लेकर प्रदेश भर के वरिष्ठ अध्यापक 17 अप्रैल को जयपुर कूच करेंगे और शहीद स्मारक पर अपनी माँगों को लेकर प्रदर्शन करेंगे।
रेस्टा के प्रदेश उपाध्यक्ष मोहनलाल गोदारा ने बताया कि पिछले काफी समय से वरिष्ठ अध्यापकों की ज्वलंत मांगों की तरफ सरकार द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। संगठन द्वारा कई बार शिक्षा मंत्री व शिक्षा निदेशक को अपना मांग पत्र प्रेषित करते हुए वाजिब मांगों को पूरा करने की मांग की जा रही थी। लेकिन सरकार द्वारा उनकी मांगों की तरफ कोई ध्यान नहीं देने के कारण प्रदेशभर के वरिष्ठ अध्यापकों में काफी आक्रोश नजर आ रहा है। आक्रोशित प्रदेश भर के हजारों वरिष्ठ अध्यापक 17 अप्रैल को जयपुर में धरना प्रदर्शन करके अपनी मांगें पूरी करने के लिए सरकार से माँग करेंगे।
प्रदेश प्रवक्ता बसन्त कुमार ज्याणी ने बताया कि शिक्षा विभाग में विभिन्न संवर्गो के तहत प्रतिवर्ष 50 फीसदी पदों को पदोन्नति से भरा जाने का प्रावधान है। ऐसे में माध्यमिक शिक्षा विभाग में वरिष्ठ अध्यापक से व्याख्याता पदोन्नति को छोड़कर अन्य सभी संवर्गो की पदोन्नति हो चुकी है। लेकिन वरिष्ठ अध्यापक से व्याख्याता की पदोन्नति पिछले तीन सत्र से बकाया चल रही है। पिछले वर्ष मार्च 2022 में 4000 विद्यालयों को माध्यमिक से उच्च माध्यमिक में और 1000 विद्यालयों को उच्च प्राथमिक से उच्च माध्यमिक में क्रमोन्नत किया गया था। उच्च माध्यमिक में क्रमोन्नत इन सभी 5 हजार विद्यालयों में 1 सत्र बीत जाने के बावजूद भी व्याख्याताओं के पदों की अभी तक वित्तीय स्वीकृति जारी नहीं की गई है । ऐसे में प्रति विद्यालय 3 व्याख्याता पदों के हिसाब से 5 हजार विद्यालयों में 15 हजार व्याख्याता पदों का सृजन किया जाना है। 2015 में लागू स्टाफिंग पैटर्न की 8 साल बाद एक बार भी समीक्षा नहीं की गई है। जबकि प्रति दो वर्ष बाद स्टाफिंग पैटर्न की समीक्षा करते हुए नामांकन अनुसार पदों का पुनः निर्धारण करने का प्रावधान बनाया हुआ है। तथा 2013 के बाद क्रमोन्नत उच्च माध्यमिक विद्यालयों में अनिवार्य विषयों हिंदी व अंग्रेजी के व्याख्याता पदों का सृजन नहीं किया गया है। जबकि विद्यालय क्रमोन्नति के तीसरे वर्ष अनिवार्य विषयों के व्याख्याता पद सृजित करने का नियम बना हुआ है।
प्रदेश मुख्य संरक्षक सुरेन्द्र सहारण ने बताया कि वरिष्ठ अध्यापकों की राज्य स्तरीय मेरिट से भर्ती होने के बावजूद भी अंतर मंडल स्थानांतरण होने पर वरिष्ठता विलोपन किए जाने का प्रावधान है। लेकिन राज्य स्तरीय मेरिट से भर्ती वाले अन्य कैडर में इस प्रकार की वरिष्ठता विलोपन का कोई नियम नहीं है। ऐसे में सरकार द्वारा यदि इनकी मांगों की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया तो वरिष्ठ अध्यापक आर पार की लड़ाई लड़ने के लिए आंदोलन को तीव्र करेंगे।
प्रदेश उपाध्यक्ष मोहनलाल गोदारा ने बताया कि सरकार द्वारा यदि हमारी मांगों की तरफ ध्यान नहीं दिया गया और स्टाफिंग पैटर्न के तहत उच्च माध्यमिक विद्यालय में अनिवार्य विषयों हिंदी एवं अंग्रेजी के व्याख्याता पद सृजित नहीं किए गए तो आगामी सत्र से प्रदेश के सभी वरिष्ठ अध्यापक दसवीं के बाद की उच्च माध्यमिक कक्षाओं में अध्यापन का बहिष्कार करेंगे।
रेस्टा जयपुर जिला अध्यक्ष हरलाल सिंह गढ़वाल ने बताया कि आंदोलन के लिए जयपुर व आसपास के सभी विद्यालयों में वरिष्ठ अध्यापकोंi से संपर्क किया गया तथा जयपुर सहित विभिन्न जिलों से बड़ी संख्या में हजारों वरिष्ठ अध्यापक जयपुर कूच करके आंदोलन करेंगे।