नई दिल्ली, 12 अप्रैल, 2023: ऑयल एण्ड नैचुरल गैस काॅर्पोरेशन लिमिटेड (ओएनजीसी) ने बोकारो कोल बैड मेथेन ब्लाॅक में नए गैस संग्र्रहण स्टेशन (जीसीएस) की सफल शुरूआत की है। यह बोकारो सीबीएम (कोल बैड मेथेन) ब्लाॅक में पहला गैस संग्रहण एवं गैस कम्प्रेशन स्टेशन है। यह एक बड़ी उपलब्धि है जो ओएनजीसी को भारत के सीबीएम मानचित्र पर थोक सीबीएम उत्पादक के रूप में स्थापित करेगी।जीसीएस- बोकारो, ओएनजीसी-आईओसीएल संयुक्त उद्यम (80ः20) के बोकारो सीबीएम ब्लाॅक के पैच-ए में प्रमुख उत्पादन इंस्टाॅलेशन है, जिसमें ओएनजीसी संयुक्त उद्यम संचालक के रूप में काम करता है। सीबीएम ने जीसीएस-बोकारो से गैस की बिक्री के लिए इसके उर्जा गंगा पाईपलाईन के साथ पाईपलाईन कनेक्टिविटी के लिए गेल के साथ एक समझौता किया है। इसके अलावा पांच गैस उपभोक्ताओं के लिए गैस सेल्स एग्रीमेन्ट पर भी हस्ताक्षर किए गए हैं, (14 डाॅलर प्रति एमएमबीटीयू कच्चे तेल की कीमत पर 7.1 डाॅलर प्रति एमएमबीटीयू के अधिकतम प्रीमियम के साथ)।जीसीएल- बोकारो परियोजना में इसकी वैल साईट सुविधाएं और पाईनलाईन नेटवर्क शामिल हैं, जिसे सीबीएम असेट द्वारा अधिग्रहीत किया गया तथा ओईएस दिल्ली से मिले अनुबंध के तहत मैसर्स टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड एवं मैसर्स कोरटेक इंटरनेशल प्रा. लिमिटेड द्वारा निष्पादित किया गया। परियोजना की कुल लागत तकरीबन रु 441 करोड़ है। जीसीएस-बोकारा को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि यह 750 उ3 प्रति दिन की हैण्डलिंग एवं 1 एमएमएससीएमडी, सीबीएम गैस के प्रसंस्करण में सक्षम है। यह आधुनिक तकनीक से युक्त वाॅटर हैडर्स, गैस सेपरेटर, गैस फिल्टर, ड्रैसर राउण्ड मेक प्रोसेस गैस कम्प्रेसर, माॅलीक्युलर सीव बेस्ड गैस डीहाइड्रेशन युनिट, रिमोट इंटीग्रेशन से युक्त फ्लेयर सिस्टम, वाॅटर हैण्डलिंग सिस्टम, आरओ सिस्टम, कैप्टिव पावर जनरेशन सिस्टम, इंस्ट्रुमेन्ट एयर सिस्टम, कूलिंग वाॅटर एवं फायर-फाइटिंग सिस्टम से युक्त अत्याधुनिक इन्स्टाॅलेशन है। वर्तमान में 55 कुंए जीसीएस- बोकारो के साथ जुड़े हैं, जो सीबीएम गैस और प्रोड्युस्ड वाॅटर के प्रवाह को सुनिश्चित करते हैं, जिनका उपयोग पीजीटीआर एवं इंस्टाॅलेशन की शुरूआत के लिए किया जाता है। गैस के पारम्परिक कुंओं के विपरीत सीबीएम कुओं को आर्टीफिशियल लिफ्ट पम्प से डीवाॅटर करना होता है, इसके बाद ही स्थायी गैस उत्पादन को सुनिश्चित किया जा सकता है। ज़बरदस्त योजना, संचालन, निगरानी, निरीक्षण, और विभिन्न टीमों के बीच तालमेल और अनुशासन के चलते ही जीसीएस-बोकारो की सफल शुरूआत हो सकी है।