जयपुर। राजधानी जयपुर के खोह नागोरियान थाना इलाके में स्थित कुन्दनपुरा गांव में सोमवार सुबह कुन्दनपुरा बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले स्थानीय लोगों ने अनिश्चितकालीन तक के लिए धरना शुरू कर दिया है। धरणा दे रहे लोगों का कहना है कि कुन्दनपुरा गांव को आवप्ति से मुक्त कराने के लिए और गंगा मार्ग दौ सो फीट में आ रहे मकानों के टूटते-फुटने का मुआवजा दिलवाने सहित जमीन के बदले जमीन मुफत में देने के लिए आवासन मंडल के खिलाफ दिया जा रहा है साथ ही आवासन मंडल के उन्हे इंदिरा गांधी नगर के सेक्टर एक से पांच तक में निषुल्क जमीन दी जाए। इस धरना-प्रदर्षन में कुन्दनपुरा में रहने वाले सैकडों महिला-पुरूषों और युवा शामिल हुए।
कुंदनपुरा बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष प्रभुदयाल उदेनिया ने बताया कि राजस्थान आवासन मण्डल द्वारा इन्दिरा गांधी नगर के गंगा मार्ग में 200 फुट रोड के लिए कुन्दनपुरा वासियों के लगभग 150 मकानों को तोड़कर बिना मुआवजा और न ही अन्यत्र जमीन दिए लोगों के आवासीय जगह को अवाप्त करने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए स्थानीय निवासियों को नोटिस जारी कर दिए गए हैं। इस मामले में हाउसिंग बोर्ड अपनी मनमानी पर उतर आया है। अवाप्त जमीन के बदले पीड़ितों को दिए जाने वाले भूखंड के लिए रिजर्व प्राइस के तहत राशि मांगी जा रही है। इस मनमानी को लेकर यहां के निवासियों में आक्रोश बढ़ गया है जिसके चलते सोमवार को सैकडों सैकडों महिला-पुरूषों और युवाओ ने धरणा दिया है। अगर इसके बाद भी उनकी मांगों पर ध्यान दिया गया तो आगे आने वाले दिनों में यह धरणा आमरण अनषन और भूख हडताल में बदल जाएगा।
कुंदनपुरा बचाओं संघर्ष समिति के मीडिया प्रवक्ता रामवतार ने बताया कि कुंदनपुरा गांव का यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. सम्पूर्णानंद और राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाडिय़ा ने शिलान्यास किया था। इस गांव के लिए लगभग 60 बीघा भूमि अवाप्त की गई थी। यदि सरकार दलित समाज के साथ अन्याय करती है तो दलित समाज आगामी राजस्थान विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का पूरी तरह बहिष्कार करेगा।
मुख्यमंत्री गरीबों की सुनते है,पर अधिकारियों ने कर रखा है गुमराह
प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान में गांधी है और सभी वर्ग के लोगों का ध्यान रखते है और उन्हे भी उनका देगें। लेकिन यूडीएच और आवासन मंडल के उच्च अधिकारियों ने उन्हें गुमराह कर रखा है। उनकी मांगों को नहीं माना गया तो वह आगामी दिनों में आवासन मंडल, मुख्यमंत्री निवास सहित अन्य उच्च अधिकारियों के कार्यालय में पैदल मार्च कर घेराव किया जाएगा।जब तक उन्हे अपना हक नहीं मिलेगा वह यह जंग लडते रहेंगे।
हक के लिए मरना भी मंजूर
धरना प्रदर्शन कर रही महिलाओं का कहना था कि उन्हें कुन्दनपुरा गांव को अवाप्ति से मुक्त कराने के लिए और गंगा मार्ग दौ सो फीट में आ रहे मकानों के टूटते-फुटने का मुआवजा दिलवाने सहित जमीन के बदले जमीन मुफ्त में देने के लिए मरना भी पडे तो वह मर जाएंगे,पर अपना हक नहीं छोडेंगे। इसके लिए उन्हें रेल की पटरियों पर भी बैठना पड़े तो वह बैठेगे।