इंडसइंड बैंक ने भारत में कम लागत और निर्बाध ऑनलाइन धन भेजने के लिए मल्टी-पार्टनर इंडस फास्ट रेमिट प्लेटफॉर्म पर वाइज के साथ की साझेदारी

मुंबई, जून 17,2023: इंडसइंड बैंक ने आज अमेरिका और सिंगापुर में रहने वाले अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) को ऑनलाइन इनवर्ड रेमिटेंस सेवाओं की पेशकश करने के लिए दुनिया भर में मनी ट्रांसफर और मैनेजिंग में विशेषज्ञता वाली वैश्विक प्रौद्योगिकी कंपनी वाइज के साथ अपनी साझेदारी की घोषणा की है। एनआरआई को मल्टी-करेंसी इनवर्ड रेमिटेंस सर्विस देने के लिए इंडसइंड बैंक के मल्टी-पार्टनर रेमिटेंस सर्विस प्लेटफॉर्म इंडस फास्ट रेमिट (आईएफआर) और वाइज प्लेटफॉर्म इंटीग्रेट हुए है। आईएफआर और वाइज प्लेटफॉर्म का यह एकीकरण भारत में बैंकों और नॉन-बैंकों के लिए वाइज प्लेटफॉर्म के लॉन्च को भी चिह्नित करता है। यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब आज दुनिया इंटरनेशनल फैमिली रेमिटेंस डे मना रही है।

यह साझेदारी ‘इंडसइंड बैंक – इंडस फास्ट रेमिट’ के ग्राहकों को अत्यधिक प्रतिस्पर्धी विदेशी मुद्रा दरों पर अमेरिका और सिंगापुर जैसे 2 वैश्विक बाजारों से मनी ट्रांसफर करने में सक्षम बनाएगी, जहां वे दरों की तुलना करने और बिना किसी लेवी के मार्क-अप के सटीक क्रेडिट राशि जानने में सक्षम होंगे। पारंपरिक वित्तीय संस्थानों के माध्यम से विदेशों से धन की आवाजाही के पारंपरिक तरीके में आमतौर पर उच्च शुल्क और छिपी हुई फीस शामिल होती है। दरअसल, कैपिटल इकोनॉमिक्स* द्वारा किए गए पहले के एक अध्ययन में पाया गया कि विदेश से भारत में पैसा भेजने वाले लोगों ने 2020 में विदेशी मुद्रा शुल्क पर 21900 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान किया, जिसमें से लगभग 7900 करोड़ रुपए मुद्रा रूपांतरण पर एक्सचेंज रेट मार्कअप के रूप में छिपे हुए थे। शेष 14000 करोड़ रुपए लेनदेन शुल्क पर खर्च किए गए थे।

इंडसइंड बैंक के ग्राहक बैंक के इंडस फास्ट रेमिट प्लेटफॉर्म या इसके इंटरनेट बैंकिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से वाइज की बदौलत बिजली की तेजी से और कम लागत वाले इंटरनेशनल मनी ट्रांसफर तक सीधे पहुंच सकते हैं। ट्रांसफर स्टेट्स और अनुमानित अराइवल टाइम की विजिबिलिटी होगी। इसके अतिरिक्त, ट्रांसफर बहुत तेज गति से होते हैं – वाइज  के माध्यम से भेजे गए लगभग 55% ट्रांसफर तत्काल (20 सेकंड से कम) हो जाते हैं। इसके अलावा, ट्रांसफर शुरू करने की प्रक्रिया बैंक शाखाओं में जाए बिना या किसी कागजी कार्रवाई की परेशानी से गुजरे बिना ऑनलाइन की जा सकती है।

इस सहयोग से एनआरआई इंडसइंड बैंक इंडस फास्ट रेमिट प्लेटफॉर्म पर रेमिटेंस ट्रांजेक्शन बुक कर सकते हैं। बेनेफिशियरी को क्रेडिट भारत में वाइज के आरडीए भागीदारों के माध्यम से आरबीआई की रुपया आहरण व्यवस्था (आरडीए) योजना के तहत किया जाएगा। इंडस फास्ट रेमिट प्लेटफॉर्म एनआरआई ग्राहकों को प्रेषण सेवाओं का उपयोग करने के अलावा इंडसइंड बैंक के साथ अनिवासी बाहरी (एनआरई) / अनिवासी साधारण (एनआरओ) खाते खोलने की सुविधा भी प्रदान करेगा।

साझेदारी के बारे में बोलते हुए इंडसइंड बैंक के हेड-कंज्यूमर बैंकिंग एंड मार्केटिंग श्री सौमित्र सेन ने कहा, ‘इंडसइंड का निरंतर प्रयास ऐसे ऑफर पेश करने का रहता है जो ग्राहकों को एक सहज बैंकिंग और रेमिटेंस अनुभव देने वाले हो। इसे ध्यान में रखते हुए, हमें अपने संशोधित इंडस फास्ट रेमिट प्लेटफॉर्म के लिए वाइज के साथ साझेदारी करते हुए प्रसन्नता है जो अनिवासी भारतीयों को वैश्विक स्तर पर दो देशों से कम लागत और प्रतिस्पर्धी रूपांतरण दरों पर भारत में लाभार्थी को पैसा भेजने में सक्षम बनाता है। हमारा मानना है कि यह ऑफर एनआरआई को पसंद आएगा और वे भारत में बिना परेशानी पैसा भेजने का समाधान पा सकेंगे।’

वाइज इंडिया की कंट्री मैनेजर रश्मि सतपुते ने कहा: ‘वाइज में हमारा मिशन हर जगह, हर किसी के लिए पैसे को पारदर्शी और किफायती दर पर भेजने में सक्षम बनाना है। 2021 में भारत से शुरू करने के बाद, आज हम यहां अपनी प्रतिबद्धता को दोगुना करने और अपने पहले भागीदार के रूप में इंडसइंड बैंक के साथ भारत में वाइज प्लेटफॉर्म लाते हुए रोमांचित हैं। इंडसइंड बैंक और वाइज, दोनों की सोच वैश्विक वित्तीय प्रणाली के आधुनिकीकरण करने की है। विदेशों में रहने वाले लाखों एनआरआई के लिए भारत में किफायती, तेज और पारदर्शी हस्तांतरण को सक्षम करने के लिए टीम बनाकर हमें खुशी हो रही है।

इंडस फास्ट रेमिट अपनी तरह का पहला मल्टी-पाटर्नरशिप डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो विशेष रूप से अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) द्वारा भारत में धन भेजने की सुविधा प्रदान करता है। इंडस फास्ट रेमिट के यूजर के पास एक सिंगल साइन ऑन और एंड-टू-एंड डिजिटल जर्नी के साथ प्रतिस्पर्धी दरों की पेशकश करने वाले कई एक्सचेंज हाउसेस/मनी ट्रांसफर कंपनियों में से चुनने का विकल्प होगा। रेमिटेंस सर्विस लाइसेंस प्राप्त विदेशी विनिमय गृहों/मनी ट्रांसफर कंपनियों के माध्यम से प्रदान की जाएगी और राशि भारतीय रिजर्व बैंक की रुपया आहरण व्यवस्था (आरडीए) योजना के तहत भारत में लाभार्थी के खाते में स्थानांतरित की जाएगी।

वाइज प्लेटफॉर्म दुनिया भर में 60 से अधिक बैंकों और व्यवसायों के साथ जुड़ा हुआ है। यह उन्हें वाइज की तकनीक का लाभ उठाने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धन भेजने, प्राप्त करने और प्रबंधित करने का सबसे अच्छा तरीका देता है।

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