#इंडिया की राईड के 10 साल, आइए देखें किस तरह ऊबर लाई भारत की मोबिलिटी में बदलाव

नई दिल्ली, 30 अगस्त 2023: आज से दस साल पहले, भारत के पहले राइडर ने बैंगलुरू की सड़कों पर ऊबर की सवारी की, वहां से शुरू हुई इस यात्रा ने जल्द ही ऐप का रूप ले लिया। बहुत कम समय में यह देश भर के राइडरों और ड्राइवरों के लिए पसंदीदा प्लेटफॉर्म बन गया। तब से ऊबर भारत के परिवहन क्षेत्र में बड़ा बदलाव लेकर आई है। ऐप के ज़रिए कार, ऑटो, मोटो या बस की सुरक्षित, भरोसेमंद और किफ़ायती राईड अब देश भर के 125 शहरों में उपलब्ध है।
इस उपलबिध का जश्न मनाने के लिए आइए, सबसे पहले ऊबर द्वारा उत्पन्न किए गए प्रभावों पर एक नज़र डालें।
भारत में पिछले दस सालों के दौरान
○ 50,000 करोड़ से अधिक- 2013 के बाद से ड्राइवरों ने ऊबर प्लेटफॉर्म पर इतनी राशि कमाई है।
○ 3300 करोड़ किलोमीटर से अधिक-ऊबर ड्राइवर इतने किलोमीटर ड्राइव कर चुके हैं, जो धरती से चांद तक की दूरी का 86000 गुना है!
○ 300 करोड़- भारत में ऊबर की कुल ट्रिप्स
○ 30 लाख- ड्राइवर पार्टनर्स की संख्या, जो अहमदाबाद स्थित नरेन्द्र मोदी स्टेडियम की क्षमता की 30 गुना से भी अधिक है!
○ 4 करोड़ किलोमीटर- भारत में ऊबर द्वारा तय किए गए हरित किलोमीटर, जो 2040 तक शून्य उत्सर्जन प्लेटफॉर्म बनने की हमारी प्रतिबद्धता को दशाते हैं!
गतिशीलता के माध्यम से अवसर उत्पन्न करना ऊबर का मुख्य मिशन है। एक दशक की इस यात्रा के दौरान ऊबर ने भारतीय उपभोक्ताओं के लिए ढेरों इनोवेशन्स किए हैं और टेक्नोलॉजी के उपयोग द्वारा प्रभाविता बढ़ाते हुए उन्हें सक्षम बनाया है। भारत में तीव्र विकास एवं डिजिटलीकरण के साथ ऊबर लाखों भारतीयों के लिए परिवहन सेवाओं में बड़ा बदलाव लेकर आई है।

ऊबर की दस साल की उपलब्धि पर अपने विचार व्यक्त करते हुए प्रभजीत सिंह, प्रेज़ीडेन्ट, ऊबर इंडिया एण्ड साउथ एशिया ने कहा, ‘‘ऊबर आज भारत के सामाजिक ताने-बाने का अभिन्न हिस्सा बन चुकी है। हमें गर्व है कि पिछले दशक के दौरान हम राइडरों को आसान परिवहन सुविधाएं और लाखों ड्राइवरों को आजीविका के साधन उपलब्ध कराकर उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लेकर आए हैं। लगातार विकसित होती डिजिटल अर्थव्यवस्था और विविध जनसांख्यिकी लाभांश के साथ भविष्य बेहद रोमांचक प्रतीत होता है, हमें उम्मीद है कि हम भारत की प्रगति को बढ़ावा देने में इसी तरह से योगदान देते रहेंगे।’’

कुछ शहरों से शुरूआत करने के बाद ऊबर अब देश के 125 से अधिक शहरों में अपना संचालन करती है, जिसके द्वारा लाखों लोग मिनटों में अपने लिए राईड बुक कर सकते हैं और 800,000 से अधिक ड्राइवरों को आय के स्थायी साधन मिले हैं। कंपनी भारत के लिए पहली बार कई इनोवेशन्स लेकर आई है, जिन्हें खासतौर पर भारतीय राइडरों और ड्राइवरों की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन किया गया है। कैश पेमेंट से लेकर रीजनल लैंग्वेज सपोर्ट तक, उद्योग जगत में पहली बार पेश किए फीचर्स के साथ ऊबर अपने यूज़र्स को सहज अनुभव प्रदान करने के लिए निरंतर प्रयासरत रही है।

ऊबर के दस सालों के दौरान, यहां हम कुछ कन्ज़्यूर ट्रैंड़्ज़ पर रोशनी डालने जा रहे हैं, जो बताते हैं कि किस तरह ऊबर ने भारतीयों के लिए मोबिलिटी को नया आयाम दिया है। कुछ मुख्य बिन्दुः

● 90 फीसदी उत्तरदाताओं ने  बताया कि ऊबर ने भारत में यात्रा के तरीके को पूरी तरह से बदल दिया है।
● 72 फीसदी का कहना है कि राईडशेयरिंगविकल्प उपलब्ध होने की वजह से उन्होंने अपना खुद का वाहन खरीदने के फैसले पर पुनःविचार किया।
● 30 फीसदी से अधिक उत्तरदाताओं ने बताया कि मल्टीपल मोड्स में परिवहन के साधन उपलब्ध होना, ऊबर का सबसे अच्छा पहलु है। अब न तो कार मेंटेनेन्स की चिंता रहती है या ही ड्राइवर की सैलेरी की। इसके अलावा यात्रा के दौरान आप सहज और आरामदायक रहते हैं।
● 79 फीसदी ने बताया कि वे अपने नाईटलाईन प्लान के लिए पूरी तरह से ऊबर पर निर्भर हैं, खासतौर पर अगर उन्हें ड्रिंक करके वापस लौटना है।
● लगभग 55 फीसदी का  कहना है कि स्थायी मोबिलिटी आने वाले दशकों में जीवन का अभिन्न हिस्सा बन जाएगी।
दस सालों की इस उपलब्धि के अवसर पर ऊबर इंडिया ने एक शॉर्ट डिजिटल फिल्म भी जारी की, जो ऊबर के जादू को याद दिलाते हुए बताती है कि किस तरह यह लाखों लोगों के परिवहन के तरीके और जीवन में बदलाव लेकर आई है।

यहां देखें% https://www.youtube.com/watch?v=tEJD_dcbjbc

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