डोम्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने सेबी के पास डीआरएचपी फाइल की

भारतीय स्टेशनरी और आर्ट उत्पाद बाजार में अग्रणी समग्र रचनात्मक उत्पाद कंपनी डोम्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (“सेबी”) के पास अपना ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (“डीआरएचपी”) दाखिल किया है।

कंपनी की आरंभिक सार्वजनिक पेशकश कुल मिलाकर 12,000 मिलियन रुपये तक है, जिसमें कुल मिलाकर 3,500 मिलियन रुपये तक का ताज़ा इश्यू और 8,500 मिलियन रुपये तक का बिक्री प्रस्ताव (ऑफर फॉर सेल) शामिल है। ऑफर फॉर सेल में कॉर्पोरेट प्रमोटर और F.I.L.A फैब्रिका इटालियाना लैपिस एड एफिनी एस.पी.ए. द्वारा कुल मिलाकर  8,000.00 मिलियन रुपये तक के इक्विटी शेयर शामिल हैं। संजय मनसुखलाल राजानी द्वारा  250 मिलियन रुपये तक के इक्विटी शेयर और केतन मनसुखलाल राजानी द्वारा  250 मिलियन रुपये तक के इक्विटी शेयर बेचे जाएंगे।

नए इश्यू के माध्यम से जुटाई गई रकम का उपयोग लेखन उपकरणों, वॉटर कलर पेन, मार्कर और हाइलाइटर्स की एक विस्तृत श्रृंखला के साथ-साथ कंपनी की उत्पादन क्षमताओं का विस्तार करने के लिए एक नई विनिर्माण सुविधा की स्थापना की लागत के आंशिक वित्त पोषण और साथ ही सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्य के लिए किया जाना प्रस्तावित है।

कंपनी अच्छी तरह से बनाए गए, क्वालिटी वाले स्टेशनरी और आर्ट उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला को डिजाइन, विकसित, निर्माण और बेचती है। इसमें मुख्य रूप से प्रमुख ब्रांड ‘DOMS’ और उप ब्रांड (सब ब्रांड) C3, Amariz और फिक्सी फिक्स के तहत घरेलू बाजार के साथ-साथ अन्य देशों जैसे अमेरिका, अफ्रीका, एशिया प्रशांत, यूरोप और मध्य पूर्व बेल्ट को कवर करते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 40 देश में बेचती है। उत्पाद श्रेणियों में 3,770 से अधिक एसकेयू शामिल हैं, जिन्हें शैक्षिक स्टेशनरी, शैक्षिक आर्ट सामग्री, पेपर स्टेशनरी, किट और कॉम्बो, कार्यालय आपूर्ति, शौक और शिल्प और ललित कला उत्पादों सहित सात श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। वित्तवर्ष 2023 तक, कंपनी के मुख्य उत्पाद जैसे पेंसिल और गणितीय उपकरण बॉक्स क्रमशः 29% और 30% के मूल्य पर बाजार हिस्सेदारी रही है। उत्पाद की पेशकश पिछले कई वर्षों में महत्वपूर्ण रूप से विकसित हुई है। कंपनी के सबसे बड़े उत्पाद ‘पेंसिल’ ने वित्तीय वर्ष 2023 में कुल उत्पादों की बिक्री में 31.66% का योगदान दिया, जो कि  3,899.88 मिलियन रुपये था। कंपनी की कई उत्पाद श्रेणियों और मूल्य बिंदुओं पर व्यापक उपस्थिति है, जिसने DOMS को वित्तीय वर्ष 2020 से वित्तीय वर्ष 2022 की अवधि में राजस्व के मामले में भारत में सबसे तेजी से बढ़ती स्टेशनरी और आर्ट सामग्री उत्पाद कंपनी बनने में सक्षम बनाया है।

11 विनिर्माण सुविधाएं उमरगांव, गुजरात और बारी ब्रह्मा, जम्मू और कश्मीर में स्थित हैं। कंपनी के पास पूरे भारत में मजबूत उपस्थिति के साथ व्यापक मल्टी-चैनल वितरण नेटवर्क है। सामान्य व्यापार के लिए घरेलू वितरण नेटवर्क में 100 से अधिक सुपर-स्टॉकिस्ट और 3,750 वितरकों के साथ-साथ 450 से अधिक कर्मचारियों की एक समर्पित बिक्री टीम शामिल है, जो 3,500 शहरों और कस्बों में 115,000 से अधिक खुदरा टच पाइंट को कवर करती है। वे आधुनिक व्यापार और ई-कॉमर्स के माध्यम से ग्राहकों की सेवा भी करते हैं।

किसी राष्ट्र के आर्थिक विकास में शिक्षा एक महत्वपूर्ण कारक रही है। भारत सरकार इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रम चला रही है। 2030 तक भारत के 313 अरब डॉलर का शिक्षा बाजार बनने की उम्मीद है। भारत में शिक्षा की बढ़ती मांग के साथ, पिछले कुछ वर्षों में भारत में स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों की संख्या में जबरदस्त वृद्धि हुई है, जिसकी तुलना में यह स्टेशनरी उत्पादों की मांग को आगे बढ़ाने जा रही है। भारतीय स्टेशनरी और आर्ट सामग्री बाजार ने पिछले कुछ वर्षों में निरंतर वृद्धि प्रदर्शित की है। वित्त वर्ष 23 तक मूल्य के हिसाब से इसका अनुमानित आकार 38,500 करोड़ रुपये है और वित्त वर्ष 23-28 की अवधि के दौरान 13% की सीएजीआर से बढ़ने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 28 तक इसका बाजार मूल्य 71,600 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा।

बढ़ती साक्षरता दर और शिक्षा स्तर के कारण दुनिया भर में स्टेशनरी उत्पादों की मांग भी तेजी से बढ़ रही है। भारत प्रतिस्पर्धी कीमतों पर विभिन्न प्रकार के स्टेशनरी उत्पादों का उत्पादन करके इस मांग का लाभ उठा सकता है। भारत में कागज, रबर, प्लास्टिक और लकड़ी जैसे कच्चे माल की विशाल उपलब्धता है और कम श्रम लागत के कारण लागत प्रभावी विनिर्माण में प्रतिस्पर्धात्मक लाभ भी है। इससे स्टेशनरी उत्पादों की उत्पादन लागत कम करने में मदद मिलती है, जिससे वे अंतरराष्ट्रीय खरीदारों के लिए अधिक आकर्षक बन जाते हैं। इसके अलावा, भारत सरकार ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसमें देश की निर्यात क्षमता को बढ़ावा देने के लिए मेक इन इंडिया, पीएलआई योजना जैसी विभिन्न योजनाओं और प्रोत्साहनों की शुरूआत शामिल है। भारत हाल के दशकों में प्रमुख निर्यातक देशों में से एक बन गया है, जिसने भारतीय अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। भारत में एक संपन्न स्टेशनरी और आर्ट सामग्री उद्योग है, और देश में स्टेशनरी उत्पादों का निर्यात केंद्र बनने के कई अवसर हैं।

विशेष रूप से बच्चों और युवाओं को ध्यान में रखते हुए, गुणवत्तापूर्ण उत्पाद विकसित करने और उन्हें किफायती मूल्य पर पेश करने पर DOMS का ध्यान उन्हें प्रतिस्पर्धियों से अपनी पेशकश को अलग करने में सक्षम बनाता है और भारत और वैश्विक स्तर पर उद्योग के विकास के अवसरों का लाभ उठाते हुए उन्हें रणनीतिक लाभ देता है।

इस इश्यू के बुक रनिंग लीड मैनेजर में जेएम फाइनेंशियल लिमिटेड, बीएनपी पारिबा, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज लिमिटेड और आईआईएफएल सिक्योरिटीज लिमिटेड हैं। मैराथन कैपिटल एडवाइजरी प्राइवेट लिमिटेड और आईटीआई कैपिटल लिमिटेड को कंपनी ने कॉर्पोरेट सलाहकार नियुक्त किया है।

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