नई दिल्ली, 30 अगस्त, 2023 : भारत की आर्थिक नीति के प्रमुख थिंक टैंक, नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) ने आज ‘सोशियो-इकॉनमिक इम्पैक्ट एसेसमेंट ऑफ फूड डिलिवरी प्लेटफॉर्म वर्कर्स’ (खाद्य पदार्थों की डिलीवरी करने वाले प्लेटफॉर्म के कर्मचारियों पर सामाजिक-आर्थिक प्रभाव का आकलन) शीर्षक से अपना व्यापक अध्ययन जारी किया। डॉ. पूनम गुप्ता, डॉ. सुदीप्तो मुंडले, डॉ. गुरुचरण मन्ना और श्री आरसीएम रेड्डी द्वारा यह अध्ययन किया गया।
एनसीएईआर ने अप्रैल-मई 2022 में 28 शहरों में एक कंपनी के 924 खाद्य वितरण प्लेटफॉर्म के कर्मचारियों का आकलन करने के लिए 3-ई – एंट्री, एक्सपीरियंस और एग्जिट (प्रवेश, अनुभव और निकास) ढांचा विकसित किया। ये कर्मचारी विभिन्न शहर स्तरों, गतिविधि स्थिति (जो वर्तमान में प्लेटफॉर्म पर काम कर रहे हैं और जो लोग प्लेटफॉर्म छोड़ चुके हैं), कार्यावधि स्तर (वे प्लेटफॉर्म पर कितने समय से हैं), और कार्य स्वरूप (11-घंटे की लंबी-शिफ्ट या 5 घंटे, सप्ताहांत, विशेष दिन आदि जैसी छोटी-शिफ्ट में काम करने वाला) से संबंधित हैं।
यह रिपोर्ट, एनसीएईआर द्वारा किए जा रहे तीन-भाग वाले शोध प्रोग्राम में से पहली है। इसमें खाद्य वितरण मंच उद्योग में कार्यरत कर्मचारियों के सामाजिक-आर्थिक निहितार्थों की व्यापक रूप से पड़ताल करने के साथ-साथ उनके रोजगार पैटर्न, आय और कार्य वातावरण पर प्रकाश डाला गया है। इस शोध प्रोग्राम के भाग दो और तीन, बाद में जारी किए जाएंगे। उनमें रेस्तरां से जुड़े खाद्य वितरण प्लेटफार्मों के सामाजिक-आर्थिक प्रभाव और भारत की अर्थव्यवस्था और श्रम बाजारों पर उनके प्रणालीगत प्रभाव का आकलन किया जाएगा। रिपोर्ट में इस क्षेत्र के लिए नीतिगत निहितार्थों पर भी प्रकाश डाला गया है।
प्लेटफॉर्म से जुड़े कर्मचारियों से संबंधित इस प्रमुख और महत्वपूर्ण रिपोर्ट की सराहना करते हुए, एनसीएईआर के प्रोफेसर, डॉ. बोर्नली भंडारी ने कहा, “महत्वपूर्ण आर्थिक परिवर्तन वाले इस युग में, खाद्य वितरण प्लेटफार्मों का सामाजिक-आर्थिक प्रभाव मूल्यांकन नीति निर्माण और विचारपूर्ण तरीके निर्णय लेने के लिए महत्वपूर्ण है। एनसीएईआर की ध्यानपूर्वक शोध की गई यह रिपोर्ट प्लेटफॉर्म से जुड़े कर्मचारियों को लेकर चल रही चर्चाओं के लिए मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करती है। इसमें उनके अनुभवों और चुनौतियों को व्यापक रूप से शामिल किया गया है, और उनके लिए बेहतर कार्य वातावरण और स्थितियां सुनिश्चित करने के लिए न्यायसंगत और प्रभावी नीतियां बताई गई हैं। विश्व स्तर पर इस क्षेत्र के विकास के मद्देनजर, यह अध्ययन भारत में मौजूदा विषयक सामग्री और नीति ढांचे दोनों को समृद्ध करेगा।”
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्षों में खाद्य वितरण मंच से जुड़े कर्मचारियों के जीवन के कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डाला गया है। रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्षों में से एक यह है कि खाद्य वितरण प्लेटफार्मों ने युवा कर्मचारियों (35 वर्ष से कम आयु) के लिए नौकरियां पैदा करने में मदद की है, जिससे वे अपने समय का उत्पादक रूप से उपयोग करने में सक्षम हुए हैं। इसके अलावा, इन प्लेटफ़ॉर्म्स ने टियर 2 और टियर 3 शहरों में रोजगार का सृजन किया है, जिनमें से अधिकांश प्लेटफ़ॉर्म कर्मचारी वर्तमान में अपने गृहनगर में कार्यरत हैं। इस प्रकार प्लेटफ़ॉर्म से जुड़े कार्य ने सभी श्रमिकों को दुर्घटना बीमा और कार्य-आधारित लिखित अनुबंध की पेशकश करके रोजगार को औपचारिक स्वरूप प्रदान किया है।
अध्ययन में आय की गतिशीलता का विश्लेषण इस क्षेत्र के लोगों के विविध अनुभवों पर भी प्रकाश डालता है। लंबी पाली में काम करने का विकल्प चुनने वाले कम से कम 65 प्रतिशत श्रमिकों ने या तो अधिक कमाई की या वही आय अर्जित की जो वे अपनी पिछली नौकरियों में कमा रहे थे। हालाँकि, अन्य कारकों के अलावा मुद्रास्फीति और बढ़ती ईंधन लागत के कारण समय के साथ वास्तविक आय में गिरावट आई है। छोटी कार्य शिफ्ट चुनने वाले श्रमिकों में, प्लेटफ़ॉर्म कार्य से होने वाली आय उनकी कुल आय का 45 प्रतिशत है।
इस रिपोर्ट में कौशल विकास में खाद्य वितरण प्लेटफार्मों की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला गया है, क्योंकि काफी प्रतिशत श्रमिकों के पास प्रशिक्षण के अवसर उपलब्ध हैं, जो उन्हें प्लेटफ़ॉर्म क्षेत्र से परे अपनी रोजगार क्षमता बढ़ाने में सक्षम बनाता है।
रिपोर्ट में महामारी जैसी अभूतपूर्व घटनाओं के दौरान प्लेटफार्मों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को भी रेखांकित किया गया है, जब इस तरह के काम ने बेरोजगारी की अवधि के दौरान कर्मचारियों को गंभीर स्थितियों से बचाने का भी काम किया।
रिपोर्ट में नीतिगत सिफारिशें खाद्य वितरण मंच श्रमिकों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता को रेखांकित करती हैं। इस अध्ययन में प्लेटफ़ॉर्म कार्य को विनियमित करने और इसके अंतर्निहित लचीलेपन को संरक्षित करने के बीच संतुलन बनाने की सिफारिश की है। श्रमिकों के अधिकारों की सुरक्षा के महत्व पर जोर देते हुए, इस अध्ययन में प्लेटफ़ॉर्म कार्य द्वारा प्रदान की जाने वाली पहुंच और सुविधा को संरक्षित करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। एक अन्य महत्वपूर्ण नीतिगत सुझाव विशेष रूप से उनके रोजगार की मिश्रित प्रकृति को ध्यान में रखते हुए प्लेटफ़ॉर्म के कर्मचारियों के लिए सामाजिक सुरक्षा सहायता को बढ़ाना है।
रिपोर्ट में राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के सहयोग से मंच के कर्मचारियों द्वारा अर्जित कौशल की औपचारिक मान्यता का भी समर्थन किया गया है। इस कदम से प्लेटफॉर्म कर्मियों की रोजगार क्षमता और करियर में प्रगति की संभावनाएं काफी बढ़ जाएंगी। अंत में, रिपोर्ट लंबी अवधि में उनकी भलाई सुनिश्चित करने के लिए प्लेटफ़ॉर्म श्रमिकों के लिए स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं और सूचनाओं तक बेहतर और अधिक सुव्यवस्थित पहुंच प्रदान करने की सिफारिश करती है।
सर्वेक्षण प्रोसस द्वारा प्रायोजित (वित्त पोषित) किया गया है।